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‘‘आदर्श आचरण संहिता’’ लागू, सभी को करना होगा का पालन : जिला निर्वाचन अधिकारी

‘‘आदर्श आचरण संहिता’’ लागू, सभी को करना होगा का पालन : जिला निर्वाचन अधिकारी


लोकमतचक्र डॉट कॉम।  

हरदा। विधानसभा निर्वाचन 2023 (MPElection_2023) के लिये निर्वाचन आयोग द्वारा कार्यक्रम घोषित किये जाने के साथ ही जिले में आदर्श आचरण संहिता लागू कर दी गई है। आदर्श आचरण संहिता राज्य शासन, राजनैतिक दलों एवं अभ्यर्थियों के लिये लागू होगी। कलेक्टर एवं जिला निर्वाचन अधिकारी ऋषि गर्ग ने बताया कि सभी राजनैतिक दलों को आदर्श आचरण संहिता का पालन करना होगा। उन्होने बताया कि चुनाव आयोग द्वारा जारी की गई आदर्श आचरण संहिता के अनुसार पालन किये जाने वाले साधारण आचरण में किसी दल या अभ्यर्थी को ऐसा कोई कार्य नहीं करना चाहिये, जो विभिन्न जातियों व धार्मिक या भाषाई समुदायों के बीच विद्यमान मतभेदों को बढ़ावा दे या घृणा की भावना उत्पन्न करे या तनाव पैदा करे। सभी दलों व अभ्यर्थियों को मत प्राप्त करने के लिये जातीय या साम्प्रदायिक भावनाओं की दुहाई नहीं देना चाहिये। मस्ज़िदों, गिरजाघरों, मन्दिरों या पूजा के अन्य स्थानों का निर्वाचन प्रचार के लिये मंच के रूप में उपयोग नहीं किया जाना चाहिये। सभी दलों व अभ्यर्थियों को ऐसे सभी कार्यों से बचना चाहिये, जो निर्वाचन विधि के अधीन भ्रष्ट आचरण और अपराध हैं। जैसे कि मतदाताओं को रिश्वत देना, मतदाताओं को अभित्रस्त करना, मतदान केन्द्र के 100 मीटर के भीतर मतदाता से संयाचना करना, मतदान की समाप्ति के लिये नियत समय को खत्म होने वाली 48 घंटे की अवधि के दौरान सार्वजनिक सभाएं करना और मतदाताओं को सवारी से मतदान केन्द्र तक ले जाना व वापस लाना आदि शामिल है।


कलेक्टर एवं जिला निर्वाचन अधिकारी श्री गर्ग ने बताया कि सभी राजनैतिक दलों या अभ्यर्थियों को इस बात का प्रयास करना चाहिये कि वे प्रत्येक व्यक्ति के शान्तिपूर्ण और विघ्नरहित घरेलू जिंदगी के अधिकार का आदर करें, चाहे वे उसके राजनैतिक विचारों या कार्यों के कितने ही विरूद्ध क्यो न हो, व्यक्तियों के विचारों या कार्यों का विरोध करने के लिये उनके घरों के सामने प्रदर्शन आयोजित करने या धरना देने के तरीकों का सहारा किसी भी परिस्थिति में नहीं लेना चाहिये। किसी भी राजनैतिक दल या अभ्यर्थी को ध्वज टांगने, सूचनाएं चिपकाने, नारे लिखने आदि के लिये किसी व्यक्ति की भूमि, भवन, अहाते, दीवार आदि का उसकी अनुमति के बिना उपयोग करने की अनुमति अपने अनुयायियों को नहीं देना चाहिये। राजनैतिक दलों और अभ्यर्थियों को यह सुनिश्चित करना चाहिये कि उनके समर्थक अन्य दलों द्वारा आयोजित सभाओं, जुलुसों आदि में बाधाएं उत्पन्न न करें या उन्हें भंग न करें। एक राजनैतिक दल के कार्यकर्ता या शुभचिंतकों को दूसरे राजनैतिक दल द्वारा आयोजित सार्वजनिक सभाओं में मौखिक रूप से या लिखित रूप से प्रश्न पूछकर या अपने दल के पर्चे वितरित करके गड़बड़ी पैदा नहीं करना चाहिये। किसी दल द्वारा जुलूस उन स्थानों से होकर नहीं ले जाना चाहिये, जिन स्थानों पर दूसरे दल द्वारा सभाएं की जा रही हों। एक दल द्वारा निकाले गये पोस्टर दूसरे दल के कार्यकर्ता द्वारा हटाये नहीं जाना चाहिये। 

कलेक्टर एवं जिला निर्वाचन अधिकारी श्री गर्ग ने बताया कि चुनाव आयोग द्वारा आदर्श आचरण संहिता के तहत निर्देश दिये गये हैं कि दल या अभ्यर्थी को किसी प्रस्तावित सभा के स्थान और समय के बारे में स्थानीय पुलिस अधिकारियों को उपयुक्त समय पर सूचना दे देनी चाहिये, ताकि वे यातायात को नियंत्रित करने और शान्ति व्यवस्था बनाये रखने के लिये आवश्यक इंतजाम कर सके। दल या अभ्यर्थी को उस दशा में पहले ही यह सुनिश्चित कर लेना चाहिये कि उस स्थान पर जहाँ सभा करने का प्रस्ताव है, कोई निर्बंधात्मक या प्रतिबंधात्मक आदेश लागू तो नहीं है, यदि ऐसे आदेश लागू हों तो उनका कड़ाई से पालन किया जाना चाहिये। यदि ऐसे आदेशों से कोई छूट अपेक्षित हो तो उनके लिये समय से आवेदन करना चाहिये और छूट प्राप्त कर लेना चाहिये।यदि किसी प्रस्तावित सभा के सम्बन्ध में लाऊड स्पीकरों के उपयोग या किसी अन्य सुविधा के लिये अनुज्ञा या अनुज्ञप्ति प्राप्त करनी हो, तो दल या अभ्यर्थी को सम्बन्धित प्राधिकारी के पास काफी पहले आवेदन करना चाहिये और ऐसी अनुज्ञा प्राप्त कर लेनी चाहिये। 

 कलेक्टर एवं जिला निर्वाचन अधिकारी श्री गर्ग ने बताया कि जुलूसों का आयोजन करने वाले दलों को आदर्श आचरण संहिता के अनुसार यह बात तय कर लेनी चाहिये कि जुलूस किस समय और किस स्थान से शुरू होगा और किस मार्ग से जायेगा तथा किस स्थान पर समाप्त होगा। सामान्यतः ऐसे कार्यक्रमों में फेरबदल नहीं करना चाहिये। आयोजकों को जुलूस के कार्यक्रम के बारे में स्थानीय पुलिस अधिकारियों को अग्रिम सूचना दे देना चाहिये। साथ ही आयोजकों को यह पता कर लेना चाहिये कि जिन इलाकों से जुलूस होकर गुजरता है उनमें कोई प्रतिबंधात्मक आदेश तो लागू नहीं है। जब तक सक्षम प्राधिकारी द्वारा विशेष छूट न दे दी जाये, तब तक उन प्रतिबंधों का पालन करना चाहिये तथा यातायात के नियमों का भी पालन अनिवार्य रूप से किया जाना चाहिये। उन्होने बताया कि आयोजकों को चाहिये कि जुलूस का इंतजाम इस तरह से किया जाये कि यातायात में कोई रूकावट या बाधा उत्पन्न न हो। जुलूसों की व्यवस्था सड़क के दायीं ओर रखी जाये तथा पुलिस के निर्देशों का कड़ाई से पालन किया जाना चाहिये। दो या दो से अधिक राजनैतिक दलों या अभ्यर्थीयों ने लगभग एक ही समय पर उसी रास्ते से जुलूस निकालने का प्रस्ताव किया है तो आयोजकों को चाहिये कि वे समय से काफी पूर्व आपस में सम्पर्क स्थापित करें और ऐसी योजनाएं बनायें कि जुलूसों में टकराव न हो व यातायात में बाधा न पहुँचे। जुलूस में शामिल लोगों द्वारा ऐसी चीजें लेकर चलने के विषय में, जिनका अवांछनीय तत्वों द्वारा विशेष रूप से उŸोजना के क्षणों में उपयोग किया जा सकता हो, को अधिक से अधिक नियंत्रण करना चाहिये। किसी भी राजनैतिक दल द्वारा या अभ्यर्थी को अन्य राजनैतिक दलों के सदस्यों या नेताओं के पुतले लेकर चलने, उनको सार्वजनिक स्थानों पर जलाने या इसी प्रकार के अन्य प्रदर्शनों का समर्थन नहीं करना चाहिये।

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