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MP में रेवेन्यू रिकार्ड सुधार कार्यक्रम प्रारंभ

MP में रेवेन्यू रिकार्ड सुधार कार्यक्रम प्रारंभ : सही होगी खसरे, नक्शे की लिंकिंग में गड़बड़ी, पिता नहीं तो नामांतरण संतानों के नाम करेंगे तहसीलदार


लोकमतचक्र डॉट कॉम। 

भोपाल। मध्य प्रदेश के सभी जिलों में सोमवार से 29 फरवरी तक किसानों, भूमि व भवन स्वामियों के राजस्व रिकार्ड में दर्ज गड़बड़ियों के सुधार का महाअभियान शुरू किया है। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के निर्देश के बाद राजस्व विभाग ने सभी कलेक्टरों को डेढ़ माह तक चलने वाले इस अभियान की रोज की रिपोर्ट देने के निर्देश जारी किए हैं। साथ ही इस दौरान किए जाने वाले प्रमुख कार्यों के बारे में भी खास तौर पर फील्ड में कार्यवाही कराने के लिए कहा है।

कुछ ग्रामों के खसरा तथा नक्शे में लिंक स्थापित नहीं है, और नागरिकों को उपलब्ध कराए जा रहे नक्शे पूरी तरह से सटीक नहीं है। खसरा एवं नक्शा में एकरूपता नहीं होने से किसानों को अनेक समस्याओं का सामना करना पड़ता है। इसे देखते हुए राजस्व विभाग ने कलेक्टरों से कहा है कि खसरे में बटांकन तो है, परंतु नक्शे में नामांतरण नहीं है। इसलिए इसे ठीक करना है।

कई मामलों में बंटवारा आदेश के आधार पर खसरे में तो बटांकन किया है लेकिन उसकी तरमीम नक्शे पर अमल नहीं की गई है। इस प्रकार की गलती नक्शों में दिखाई देती है। ग्राम नक्शा उपलब्ध खसरा बटांन क्रम सूची के अनुसार भू-लेख पोर्टल पर नक्शा बटांकन मॉड्यूल के माध्यम से पटवारी एवं तहसीलदार द्वारा नक्शे में तरमीम (सुधार) करने का कार्य किया जा सकता है। राजस्व विभाग ने किसानों, भूमि स्वामियों, भवन स्वामियों से भी अपने रेवेन्यू रिकार्ड दुरुस्त कराने के लिए आगे आने को कहा है।

 

विभाग के अफसरों के अनुसार राजस्व न्यायालयों (RCMS) में लंबित प्रकरणों (नामांतरण, बंटवारा, सीमाकंन, अभिलेख सुधार इत्यादि) का समय सीमा में निराकरण करना है।नए राजस्व प्रकरणों को RCMS पर दर्ज कराने का काम होना है।

नक्शे पर तरमीम, PMKISAAN का सेचुरेशन एवं समग्र का आधार से e-KYC और खसरे की समग्र व आधार से लिंकिंग सहित आमजन की राजस्व से संबंधित समस्याओं का निराकरण करना है।राजस्व रिकार्ड का वाचन का काम होगा जिसमें पटवारी पहले से तय समय सारणी के अनुसार गांव में खसरा, बी-1 का वाचन करेंगे। ये कार्यवाही 7 दिवस में पूरी की जाना है।

समग्र e-KYC तथा समग्र से खसरे की लिंकिंग ,समग्र वेब पोर्टल, MPONLINE/ CSC के कियोस्क के माध्यम से समग्र में आधार की e-KYC कराने की सुविधा नागरिकों को निःशुल्क उपलब्ध रहेगी। इसके लिए तय राशि संबंधित MPONLINE या CSC के कियोस्क को विभाग के द्वारा MPSEDC के माध्यम से प्रदान की जाएगी।

सभी खातेदारों और उनके परिवार के सदस्यों को E-KYC कराने के लिए प्रेरित किया जाएगा।लैंड पार्सल को समय से लिंक करने के लिए एक यूटिलिटी विकसित की गई है। MPONLINE और CSC के कियोस्क पर में सुविधा भी नागरिकों को निःशुल्क उपलब्ध कराई गई है। इसके लिए तय राशि संबंधित MPONLINE या CSC के कियोस्क को विभाग ‌द्वारा MPSEDC के माध्यम से प्रदान की जाएगी।

RCMS पर प्रकरण दर्ज कराना

महा अभियान के अंतर्गत राजस्व संबंधी प्रकरण RCMS में दर्ज कराए जाएंगे। नागरिकों की सुविधा के लिए लोक सेवा केंद्र के अलावा अब MPONLINE और CSC के कियोस्क के माध्यम से भी RCMS पर प्रकरण दर्ज कराए जा सकेंगे। राजस्व अधिकारियों द्वारा 31 दिसंबर 2023 की स्थिति में समय सीमा पार कर चुके लंबित प्रकरणों को चिह्नित किया जाएगा तथा न्यायालय में नियमित सुनवाई आयोजित कर नामांतरण, बंटवारा, अभिलेख दुरुस्ती के प्रकरणों का निराकरण किया जाएगा। प्राथमिकता से पुराने प्रकरणों का निराकरण किया जाएगा।

अभियान अवधि में 6 माह से अधिक (30 जून 23 तक दर्ज) लम्बित प्रकरणों का शत प्रतिशत निराकरण कर लिया जाना है। साथ ही अभियान के दौरान प्राप्त अविवादित प्रकरणों का निराकरण भी अभियान अवधि में सुनिश्चित किया जाएगा।

नामांतरण अविवादित होने की स्थिति में 1 माह की समय सीमा की भीतर निराकरण किया जाएगा। बंटवारा संबंधी प्रकरण अविवादित होने की दशा में 3 माह की समय सीमा में निराकरण किया जाएगा। साथ ही यह प्रमाण पत्र दिया जाएगा कि सभी निराकृत प्रकरणों का अभिलेख में अमल सुनिश्चित किया जा चुका है।

उत्तराधिकार नामांतरण

रिकार्ड में बहुत से भूमि स्वामी ऐसे दर्ज हैं, जिनकी मृत्यु काफी समय पहले हो चुकी है। परंतु उनके उत्तराधिकारियों के पक्ष में नामांतरण का प्रकरण दर्ज नहीं हुआ है। महा अभियान के तहत उत्तराधिकार नामांतरण के प्रकरणों को दर्ज कर निराकरण किया जाना है और 29 फरवरी 2024 तक ये प्रमाण पत्र प्रेषित किया जाएगा कि 31 दिसंबर 2023 तक के इस प्रकार के समस्त अविवादित नामांतरण का निराकरण कर अभिलेख में अमल किया है।

सीमांकन

राजस्व अधिकारियों द्वारा 31दिसंबर 2023 की स्थिति में समय सीमा पार कर चुके लंबित प्रकरणों को चिह्नित किया जाएगा। ऐसे चिह्नित प्रकरणों का सीमांकन करने की कार्यवाही अभियान के दौरान पूर्ण की जाएगी।

ऐसे कम्प्लीट किए जाएं नक्शा तरमीम के मामले

कलेक्टरों से कहा है कि वर्तमान में नक्शा तरमीम के प्रकरण बहुत अधिक संख्या में पेंडिंग हैं। इसे सर्वोच्च प्राथमिकता के आधार पर सुधार किया जाना है। इसके लिए भी कैसे काम किया जाना है, इसके निर्देश दिए गए हैं।

इन गड़बड़ियाें होगा सुधार

1. खसरा नंबर का एक से अधिक बार होना

नक्शों के दो पार्सल में एक ही खसरा नंबर दर्ज है जबकि नक्शा में हर पार्सल पर एक यूनिक खसरा नंबर दर्ज होना चाहिए। इस प्रकार की गलती से खसरा एवं नक्शा लिंकिंग में समस्या होती है और कम्प्यूटर यह पता नहीं कर पाता कि किस खसरा नंबर का दोहराव हो रहा है। इस प्रकार की गलती का सुधार भू-लेख पोर्टल पर "नक्शा संख्या अपेडेशन मॉडयूल के माध्यम से पटवारी एवं तहसीलदार द्वारा किया जाए।

2. नक्शे में बटांकन होना एवं खसरे में नहीं होना

यदि किसी खसरा नंबर के नक्शे में बटांकन दर्ज है किंतु खसरे में मूल नंबर प्रदर्शित हो रहा है तो नक्शे में दर्ज बटांकन को को मर्ज कर खसरा अनुसार मूल नंबर के रूप में परिवर्तित किया जा सकता है। इस प्रकार की त्रुटि का सुधार भूलेख पोर्टल पर ग्राम नक्शा बटांकन मॉड्यूल के माध्यम से तहसीलदार द्वारा किया जाए।

3. मिक्स खसरे को भिन्न किया जाना

यह निर्देश भी दिए गए हैं कि मिक्स खसरों को बंदोबस्त के रिकॉर्ड और वर्तमान खसरा नक्शे व कब्जे के आधार पर रिकॉर्ड दुरुस्त किया जाए ।

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