Breaking News

संत शिरोमणि आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज को दी नगरवासियों ने विनयांजलि

संत शिरोमणि आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज को दी नगरवासियों ने विनयांजलि 

कलेक्टर, पुलिस अधीक्षक, विधायक, नगर पालिका अध्यक्ष से लेकर समस्त समाज, संगठनों के सदस्य रहे उपस्थित 


लोकमतचक्र डॉट कॉम।  

हरदा (सार्थक जैन)। राष्ट्रसंत परम पूज्य आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज को आज नगरवासियों ने सामूहिक रूप से विनयांजलि अर्पित की । जैन मुनि आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज 18 फरवरी को ब्रह्मलीन हो गए थे। उन्होंने विधिवत सल्लेखना धारण कर छत्तीसगढ़ के डोंगरगढ़ स्थित चंद्रगिरी जैन तीर्थ में देह त्यागी  थी। इसके बाद उनके अनुयायियों ने आचार्य श्री का अंतिम संस्कार किया था। आज 25 फरवरी को डोंगरगढ़ के चंद्रगिरी पर्वत समेत देशभर में आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज के सम्मान में विनयांजलि सभा का आयोजन किया गया । हरदा नगर में नार्मदीय धर्मशाला चौक पर विनयांजलि सभा का आयोजन किया गया था । 


जैन समाज हरदा के अध्यक्ष सुरेन्द्र जैन एवं कोषाध्यक्ष राजीव जैन ने बताया कि आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज को आज रविवार को पूरे भारत वर्ष में निवासरत जैन समाज द्वारा एक साथ विनयांजलि अर्पित की गई । आचार्य विद्यासागर महाराज को विनयांजलि देकर समाज के लोगों  ने गुरुवर के प्रति कृतज्ञता व्यक्त की। विनयांजलि कार्यक्रम का शुभारंभ भावना  पाठ, समाधी भावना से किया गया। पश्चात आचार्य श्री का पूजन कर सर्व समाज, संगठन एवं उपस्थित जन समुदाय द्वारा दीप प्रज्वलित कर श्रद्धांजलि अर्पित की गई ।


विनयांजलि सभा में आचार्य श्री विद्यासागर जी के जीवन परिचय के साथ ही दस मिनट की लघु फिल्म का प्रसारण किया गया । इसके पश्चात अतिथियों के द्वारा आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज को विनयांजलि अर्पित करते हुए अपने विचार व्यक्त किये। अंत में आचार्य श्री की सामूहिक आरती कर दो मिनट का मौन रख विनयांजलि सभा को पूर्णता दी गई ।

विनयांजलि एवं गुणानुवाद सभा मे आचार्य विद्यासागर जी महाराज को याद करते हुए समाज के अध्यक्ष सुरेन्द्र जैन ने कहा की करुणा, सेवा और तपस्या से परिपूर्ण आचार्य जी का जीवन भगवान महावीर के आदर्शों का प्रतीक रहा, उनका जीवन, जैन धर्म की मूल भावना का सबसे बड़ा उदाहरण रहा। उन्होंने जीवन भर अपने काम और अपनी दीक्षा से इन सिद्धांतों का संरक्षण किया। हर व्यक्ति के लिए उनका प्रेम, ये बताता है कि जैन धर्म में 'जीवन' का महत्व क्या है। उन्होंने सत्यनिष्ठा के साथ अपनी पूरी आयु तक ये सीख दी कि विचारों, शब्दों और कर्मों की पवित्रता कितनी बड़ी होती है। उन्होंने हमेशा जीवन के सरल होने पर जोर दिया। आचार्य जी जैसे व्यक्तित्वों के कारण ही, आज पूरी दुनिया को जैन धर्म और भगवान महावीर के जीवन से जुड़ने की प्रेरणा मिलती है।


कलेक्टर आदित्य सिंह ने आचार्य विद्यासागर के छतरपुर प्रवास के दौरान मुलाक़ात के संस्मरण सुनाते हुए, उनके विचारो को कर्मशील और वंदनीय बताया, सिंह ने कहा की उनका संपूर्ण जीवन आध्यात्मिक प्रेरणा से भरा रहा। उनके जीवन का हर अध्याय, अद्भुत ज्ञान, असीम करुणा और मानवता के उत्थान के लिए अटूट प्रतिबद्धता से सुशोभित है।


पुलिस अधीक्षक चौकसे ने आचार्य विद्यासागर के आधुनिक भारत के सच्चे संत के रूप में याद करते हुए श्रद्धासुमन अर्पित करते हुए कहा की आचार्य विद्यासागर जी जैन समुदाय के साथ ही अन्य विभिन्न समुदायों के भी बड़े प्रेरणास्रोत रहे। विभिन्न पंथों, परंपराओं और क्षेत्रों के लोगों को उनका सानिध्य मिला, विशेष रूप से युवाओं में आध्यात्मिक जागृति के लिए उन्होंने अथक प्रयास किया।


क्षेत्रीय विधायक डॉ. आरके दोगने ने आचार्य विद्यासागर को याद करते हुए कहा भारतवर्ष की ये विशेषता रही है कि यहां की पावन धरती ने निरंतर ऐसी महान विभूतियों को जन्म दिया है, जिन्होंने लोगों को दिशा दिखाने के साथ-साथ समाज को भी बेहतर बनाने में अपना महत्वपूर्ण योगदान दिया है। संतों और समाज सुधार की इसी महान परंपरा में संत शिरोमणि आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज जी का प्रमुख स्थान है। वे सच्चे मायनों में राष्ट्र के नहीं बल्कि सकल विश्व के गुरु थे।

आयोजित श्रद्धांजलि कार्यक्रम में वरिष्ट साहित्यकार प्रभुशंकर शुक्ला, नगर पालिका अध्यक्ष भारती कमेडिया, पूर्व नपा अध्यक्ष सुरेन्द्र जैन, आलोक गोयल, एल एन पाराशर, मंसूर अली, जयकृष्ण चांडक, घनश्याम सोमानी, सुधीर शर्मा, ज्ञानेश चौबे, दयोदय गौशाला परिवार, हरदा नगर के सर्व समाज के प्रतिनिधियों, विभिन्न संस्थाओं के प्रतिनिधियों ने आचार्य विद्यासागर महाराज को श्रद्धांजलि अर्पित की।

कोई टिप्पणी नहीं