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3 बच्चों वाले सरकारी कर्मचारियों की नौकरी पर लटकी तलवार, सरकार ने उठाया बड़ा कदम

3 बच्चों वाले सरकारी कर्मचारियों की नौकरी पर लटकी तलवार, सरकार ने उठाया बड़ा कदम

लोकमतचक्र डॉट कॉम।

भोपाल। मध्यप्रदेश में यदि आप सरकारी नौकरी में हैं और आपके घर भी तीसरा बच्चा जन्म लेने वाला है तो आपकी नौकरी खतरे में है। ऐसे कई मामले सामने आ चुके हैं जिसमें तीसरी संतान के जन्म लेने के बाद सरकारी नौकरी से हटाया जा रहा है। इतना ही नहीं यदि आपकी पहले से तीसरी संतान है और आपने यह बात सरकार से छुपाई है तो भी नौकरी जाने वाली है।ताजा मामला भिंड जिले का है, यहां सीएम राइज स्कूल में अंग्रेजी विषय के शिक्षक की हाल ही में नौकरी लगी थी। जब सरकार को पता चला कि उनकी तीसरी संतान भी है, तो उनकी नियुक्ति निरस्त कर दी गई। मध्यप्रदेश के भिंड जिले के सीएम राइज स्कूल में अंग्रेजी विषय के शिक्षण गणेश प्रसाद शर्मा की हाल ही में माध्यमिक शिक्षक वर्ग-2 में भर्ती हुई थी।गणेश प्रसाद की नियुक्ति के बाद उनके खिलाफ शिकायत हुई, तो जांच में पाया गया कि 26 जनवरी 2001 के बाद उनकी तीसरी संतान भी है। जांच में यह भी पता चला कि नियुक्ति के दौरान शपथ-पत्र में गणेश प्रसाद शर्मा ने गलत जानकारी देकर नियुक्ति हासिल की थी।

विधानसभा से मांगी गई है जानकारी

सामान्य प्रशासन विभाग की ओर से 10 जनवरी 2020 को आदेश जारी हुआ था। आदेश के माध्यम से विधानसभा में जानकारी मांगी है कि जनवरी 2001 के बाद तीन संतान वाले कितने कर्मचारी हैं। जिसकी जानकारी सभी विभागों से मांगी गई है। इसमें कुछ विभाग लेटलतीफी कर रहे हैं तो कुछ ने जानकारी भेज दी है। सरकारी कार्यालय में कार्यरत कर्मचारियों-अधिकारियों की तीसरी जीवित संतान की जानकारी विभाग प्रमुखों द्वारा आधार कार्ड, समग्र आईडी और अन्य दस्तावेजों के आधार पर एकत्रित की जा रही है। ऐसे कर्मचारी जिनकी एक संतान थी और 26 जनवरी 2001 के बाद एक ही समय पर 2 या अधिक संतान का जन्मी हैं तो उसे नौकरी के लिए अयोग्य नहीं माना जाएगा।

मध्यप्रदेश में कर्मचारियों की संतान के संदर्भ में यह नियम है

दो से अधिक संतान के संबंध में मप्र शासन सामान्य प्रशासन विभाग भोपाल के परिपत्र 10 मई 2000 द्वारा मप्र सिविल सेवा नियम 1966 के नियम 6 के उपनियम-4 के उपनियम के तहत तीसरी संतान का जन्म 26 जनवरी 2001 या उसके बाद हुआ है। इस संबंध में स्पष्ट आदेश है कि कोई भी उम्मीदवार जिसकी दो से अधिक जीवित संतान हैं, जिनमें से एक का जन्म 26 जनवरी 2001 को या उसके बाद हो वह किसी सेवा या पद पर नियुक्ति के लिए पात्र नहीं होगा।

पहले भी आए कई मामले-मध्यप्रदेश में जून 2023 माह में भी एक ऐसा ही मामला सामने आया था। जिसमें रहमत बानो मंसूरी को तीसरी संतान होने पर पिछले 7 जून 2023 को पद से हटा दिया था।उन्हें हटाने के पीछे मध्यप्रदेश सिविल सेवा 1961 नियम छह का उल्लंघन होना पाया गया था। रहमत बानो की शिकायत मध्यप्रदेश शिक्षक कांग्रेस ने 2020 में की थी। नौकरी जाने के बाद रहमत आर्थिक संकट में आ गई हैं।इसके बाद रहमत बानो मंसूरी हाईकोर्ट पहुंची अब वे उनके ब्लाक के 34 शिक्षकों की सूची भी लगा रही है, जिनके 3 या उससे अधिक बच्चे हैं। वह भी इस नियम के तहत आते हैं। बताया जा रहा है कि यह मामला जरूर स्कूल शिक्षा विभाग का है, लेकिन अन्य विभागों के कर्मचारियों और अधिकारियों पर भी गाज गिर सकती है।

एक हजार से ज्यादा की जा सकती है नौकरी-बताया जा रहा है कि रहमत बानो प्रकरण अब सामने हैं, इसके आधार पर दूसरे डिपार्टमेंट भी इस तरह की शिकायतें लेकर आ रहे हैं। बताया जा रहा है कि स्कूल शिक्षा विभाग में ही एक हजार से अधिक नाम सामने आ चुके हैं, जिनकी तीसरी संतान भी है।

यह भी हो चुका है कारनामा-एक साल पहले मध्यप्रदेश के विदिशा जिले में 955 शिक्षकों को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया था, जिनकी तीन या तीन से अधिक संतान हैं। इस कार्रवाई के बाद विभाग में हड़कंप मच गया था।यह मामला सुर्खियों में आ गया था, जब विधानसभा में तीन या तीन से अधिक संतान वाले कर्मचारियों के बारे में प्रश्न पूछा गया था। इन सभी से जवाब मांगा गया था। इनमें से 156 शिक्षकों ने जवाब दिया था, इनमें से कई कर्मचारियों ने नौकरी बचाने के लिए तीसरी संतान को गोद देने जैसे दावे भी किए थे। किसी ने लिखा था कि ऑपरेशन फेल हो गया था। 

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