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मोहन सरकार की लोकसभा चुनाव के पहले अंतिम कैबिनेट, कर्मचारी हुए फिर निराश, नहीं दिया सरकार ने महंगाई भत्ता

मोहन सरकार की लोकसभा चुनाव के पहले अंतिम कैबिनेट, कर्मचारी हुए फिर निराश, नहीं दिया सरकार ने महंगाई भत्ता 


लोकमतचक्र डॉट कॉम। 

भोपाल। मध्यप्रदेश के कर्मचारीयों को मोहन सरकार से आज फिर निराशा हाथ आई है, आज लोकसभा चुनाव के पहले हुई अंतिम कैबिनेट बैठक में आम जनता के लिए तो सरकार ने अनेकों फैसले लिए पर कर्मचारियों के लिए कुछ निर्णय नहीं लिया । प्रदेश के कर्मचारी केंद्र के समान महंगाई भत्ता की आश लगाए बैठे हुए थे कि उन्हें 8% मंहगाई भत्ता अवश्य मिलेगा, किंतु आज हुई कैबिनेट ने कर्मचारीयों की आशा को निराशा में बदल दिया ।

कैबिनेट बैठक की जानकारी देते हुए मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने कहा कि कर्मचारियों के डीए पर ऐसा कोई प्रस्ताव नहीं था।इस बैठक में कर्मचारियों के पेंडिंग आठ प्रतिशत महंगाई भत्ते पर कोई चर्चा नहीं की गई। मंत्री विजयवर्गीय से इस मामले में चर्चा किए जाने पर उन्होंने कहा कि इस पर कोई चर्चा नहीं हुई है क्योंकि यह एजेंडे में ही नहीं था। दूसरी ओर महंगाई भत्ता नहीं दिए जाने के बाद अब जो स्थिति बन रही है उसके मुताबिक लोकसभा चुनाव की आचार संहिता लग जाने पर इसे चुनाव आयोग की अनुमति के बिना दिया नहीं जा सकेगा। फिर विधानसभा चुनाव जैसी स्थिति बन जाएगी कि पहले तबके सीएम शिवराज ने पहले भत्ता राशि देने का एनाउंस नहीं किया और जब वोटिंग का समय आया तो आयोग से परमिशन मांगी और आयोग ने मतदान होने तक रोक दिया।

नौ माह से पेंडिंग है महंगाई भत्ता

गौरतलब हैं कि केन्द्र सरकार के समान प्रदेश के अधिकारी, कर्मचारियों और पेंशनरों को 50 प्रतिशत महंगाई भत्ता दिए जाने की मांग अधिकारी, कर्मचारी संयुक्त मोर्चा ने उठाई है।  कर्मचारी संघ का कहना है कि एमपी के कर्मचारियों के नौ माह से महंगाई भत्ता नहीं मिला है। ऐसे में उनको मिलने वाला एरियर भी अटका है और भत्ते के रूप में मिलने वाली हर माह की राशि भी नहीं मिल पा रही है। इसलिए कर्मचारी वर्ग आक्रोशित है और 15 मार्च को प्रदेश भर में ज्ञापन देने की रणनीति कर्मचारी संगठनों ने बनाई है।

कैबिनेट ने ये फैसले भी लिए

• हर ट्रायबल क्षेत्र में दूरस्थ इलाकों को सड़क से जोड़ने के लिए भी फैसला लिया गया है।

• प्रति किमी एक करोड़ रुपए केंद्र सरकार ने तय किया है। इसके अलावा जो राशि लगेगी वह राज्य सरकार वहन करेगी।

• विश्वविद्यालय कर्मचारियों को सातवें वेतन आयोग के आधार पर पेंशन देने का काम किया जाएगा। अभी छठवें वेतन आयोग के आधार पर पेंशन मिल रही थी।

• केन बेतवा लिंक परियोजना में एमपी, यूपी में काम होने वाला है। एमपी में बीजेपी की 2004 में सरकार बनने पर प्रदेश में सात लाख हेक्टेयर सिंचाई क्षमता थी वह आज 45 लाख हेक्टेयर से ज्यादा है। इस योजना के माध्यम 6 लाख 57 हजार 364 हेक्टेयर क्षेत्र सिंचित होगा। इससे छतरपुर, टीकमगढ़, निवाड़ी पन्ना, दमोह, सागर, दतिया और बेतवा बेसिन विदिशा, शिवपुरी, रायसेन के सूखा क्षेत्रों को सिंचित करने का काम होगा। इससे 44 लाख आबादी प्रभावित होगी।

• सोलर कृषि पंप के अंतर्गत ग्रामीण क्षेत्र के किसानोंको कृषि पंप मिले। इस पर जोर दिया जा रहा है। इस योजना का नाम बदला गया है। प्रधानमंत्री कृषक मित्र सूर्य योजना अब इसका नाम किया गया है। किसानों के खेतों तक बिजली पहुंचाने के लिए हाइड्रो पावर के साथ सोलर पंप योजना के माध्यम से काम किया जाएगा।

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