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जयकारों के साथ नवनिर्मित मार्बल पत्थर की वेदी पर हर्षोल्लास से विराजे बाहुबली भगवान

जयकारों के साथ नवनिर्मित मार्बल पत्थर की वेदी पर हर्षोल्लास से विराजे बाहुबली भगवान


लोकमतचक्र डॉट कॉम। 

हरदा। जैन समाज के भगवान बाहुबली स्वामी की वेदी प्रतिष्ठा एवं विश्व शांति महायज्ञ महोत्सव का आज गुरुवार को अभिषेक, पूजन एवं हवन आहुतियों के साथ समापन हुआ। महोत्सव के अंतिम दिन भगवान मुनिसुव्रतनाथ जी का मोक्ष कल्याणक होने से निर्वाण लाडू अर्पित किया गया । आयोजन में बाहुबली स्वामी जी की प्रतिमा को वेदी पर पुनः प्राण प्रतिष्ठित कर विराजमान किया गया। साथ ही श्री १००८ चंद्रप्रभु भगवान को मार्बल के कमलासन पर विराजमान किया गया। प्रात:काल धार्मिक अनुष्ठान के पश्चात जैसे ही भगवान बाहुबली स्वामी की प्रतिमा को उठाया गया तो दो क्विंटल से अधिक वजनी प्रतिमा सहजता से उठ गई जिस पर समाज जनों ने हर्षोल्लास से जय जयकार के घोष से मंदिर जी को गुंजायमान कर दिया ओर प्रतिमाजी को पूरे मंदिर में भ्रमण करवा कर नवनिर्मित वेदी पर विराजमान किया । इस सभी धार्मिक अनुष्ठान के दौरान सभी उपस्थित श्रृद्धालु णमोकार मंत्र का लगातार जाप कर रहे थे।


उक्त सभी आयोजन जबलपुर से पधारे बाल ब्रह्मचारी मनोज भैय्या  "लल्लन" द्वारा विधि विधान से अनुष्ठान पूर्वक संपन्न करवायें जिसका समस्त जैन समाज ने हर्षोल्लास से आनंद लिया । आयोजन के समापन पर माधुर्य भोज जैन धर्मशाला में रखा गया था ।

समाज के अध्यक्ष सुरेन्द्र जैन ने जानकारी देते हुए बताया कि आज के दिन आयोजन में बाहुवली स्वामी को वेदी पर विराजमान करने का सौभाग्य महेंद्र अजीत हेमंत यतीन्द्र अजमेरा परिवार को प्राप्त हुआ, बाहुबली स्वामी जी की शांतिधारा  का सौभाग्य अंकित पवन सिंघई परिवार, अशोक बड़जात्या परिवार को प्राप्त हुआ । चंद्रप्रभु भगवान की शांतिधारा का सौभाग्य मुकेश सचिन बकेबरिया, सुनील सिद्धांत पाटनी परिवार को प्राप्त हुआ । बाहुबली स्वामी जी के छत्र प्रतिहार का सौभाग्य अभिषेक अजीत रपरिया, चंवर प्रतिहार का सौभाग्य प्रदीप छगनलाल बजाज एवं भामंडल प्रतिहार का सौभाग्य अशोक आलोक बड़जात्या परिवार को प्राप्त हुआ । आयोजन मंडप में शांतिधारा का सौभाग्य शकुंतला सरोज गंगवाल परिवार एवं प्रदीप निलेश अजमेरा परिवार को प्राप्त हुआ । भगवान मुनिसुव्रतनाथ जी के निर्वाण लाडू का सौभाग्य पवन सिंघई एवं महामंगल आरती का सौभाग्य राज आनंद रपरिया परिवार को प्राप्त हुआ । सम्पूर्ण आयोजन के लिए सौधर्म इंद्र का सौभाग्य अशोक बड़जात्या, कुबेर इंद्र का सौभाग्य राजीव रपरिया, यज्ञनायक का सौभाग्य संकल्प कठनेरा को प्राप्त हुआ ।




संध्याकाल में मंगलआरती शोभायात्रा बग्गी पर सवार होकर आरतीकर्ता परिवार राज रपरिया के निवास स्थान बाहेती कालोनी सै निकालि गई जो नगर के प्रमुख मार्गों से होती हुई जैन मंदिर स्थित आगम परिसर पहुंची जहां संगीतमय भव्य आरती समाजजनों ने कि। पश्चात  भक्तांबर मंडल विधान ५००१ दीपों को गाय के घी से प्रज्वलित कर समाज के सभी परिवारों ने किया जो कि हरदा नगर के जैन समाज के इतिहास में पहली बार हुआ । उक्त आयोजन में जैन समाज के सभी परिवार ने अपने पूर्ण मनोयोग से वेदी प्रतिष्ठा महोत्सव में अपनी सहभागिता दर्ज करवा कर उपस्थित रहे।

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