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बिजली नहीं तो वोट नहीं : 22 गांवों के किसानों ने दी चुनाव बहिष्कार की चेतावनी

बिजली नहीं तो वोट नहीं : 22 गांवों के किसानों ने दी चुनाव बहिष्कार की चेतावनी

किसान ने कहा, 'अगर आप हमें बिजली-पानी नहीं दे सकते तो हमें सल्फॉस दे दो


लोकमतचक्र डॉट कॉम। 

हरदा। हरदा विधानसभा के अंतर्गत आने वाले करीब 22 गांवों के किसानों ने मंगलवार को कलेक्ट्रेट पहुंचकर 7 मई को होने वाले लोकसभा चुनाव के बहिष्कार की चेतावनी दी। किसानों का कहना है कि समय से बिजली एवं सिंचाई के लिए नहर का पानी नहीं मिलने से उनके खेतों में लगी मूंग की फसल सूखने लगी है। यदि उन्हें 24 घंटे के भीतर उनकी जरूर के मुताबिक बिजली नहीं मिलती है तो चुनाव का हम बहिष्कार करेंगे। किसानों को समझाइश देने के पहुंचे एसडीएम कुमार शानू देवड़िया ने कहा कि किसानों की समस्याओं का समाधान किया जा रहा है। उन्हें मतदान को लेकर भी समझाइश दी गई है।

किसान आंनद पटेल ने कहा कि तत्कालीन मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने 2016 में हरदा जिले को शत- प्रतिशत सिंचित करने की घोषणा की थी, लेकिन उनकी घोषणा के बाद भी तीन दर्जन से अधिक गांवों की करीब 20 हजार हेक्टेयर जमीन के किसान नहर की सिंचाई से वंचित हैं ।

उन्होंने कहा कि यहां पर सरकार के द्वारा 10 घंटे बिजली देने का वादा किया गया था, लेकिन क्षेत्र के सभी गांवों में मात्र तीन घंटे ही बिजली की सप्लाई रुक-रुककर हो रही है, जिससे किसान अपने निजी साधनों से भी मूंग फसल की सिंचाई नहीं कर पा रहे है, जिससे लाखों की लागत से लगाई गई फसल सूखने को आ गई है। इसी कारण सभी किसानों ने चुनाव बहिष्कार करने का निर्णय लिया है।

किसान ने कहा, 'अगर आप हमें बिजली-पानी नहीं दे सकते तो हमें सल्फॉस दे दो

कलेक्ट्रेट पहुंचे किसानों ने अपनी मांगों को लेकर नारेबाजी कर प्रशासन का ध्यान अपनी ओर आकर्षित कराने का प्रयास किया। बिजली एवं सिंचाई विभाग के अधिकारियों ने किसानों की समस्या को सुनकर उसे हल कराने का भरोसा दिलाया। फसल सूखने से दुखी एक किसान ने अधिकारियों से कहा कि साहब यदि आप बिजली और पानी किसानों को उपलब्ध नहीं करा सकते तो हमें सल्फॉस दे दो, हमारे बच्चे भूखे मर जाएंगे।

इन गांवों के किसानों ने दी चुनाव बहिष्कार की चेतावनी

सोनतलाई, छिड़गांव, बिछोला, करणपुरा, पांचातलाई, हनीफाबाद, लोटिया, बड़नगर, सेनगुड, बाबर, गोपालपुरा, झांझरी, कालीसराय, नवरंगपुरा, कचबेड़ी, डोमरी, भागपुरा।इसके अलावा भी एक दर्जन से ज्यादा गांव के लोग वोटिंग के बहिष्कार की बात कह चुके हैं।

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