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नीमगांव में हुए विश्नोई समाज के 33वें सामूहिक विवाह सम्मेलन में 21 जोड़ों ने थामा एक दूसरे का हाथ

नीमगांव में हुए विश्नोई समाज के 33वें सामूहिक विवाह सम्मेलन में 21 जोड़ों ने थामा एक दूसरे का हाथ

नवदम्पति को उपहार स्वरूप पौधे वितरित किए, पर्यावरण संरक्षण को लेकर प्लास्टिक का नहीं किया उपयोग 


लोकमतचक्र डॉट कॉम। 

हरदा। गुरु श्री जम्भेश्वर मंदिर में रविवार को विश्नोई समाज का 33 वां सामूहिक विवाह सम्मेलन आयोजित हुआ। इसमें समाज के 21 जोड़े परिणय बंधन में बंधे। मप्र मध्यक्षेत्र विश्नोई सभा के अध्यक्ष आत्माराम पटेल ने बताया कि विवाह के बाद वर और वधुओं को हाथ में आम का पौधा देकर पर्यावरण संरक्षण की शपथ दिलाई। वहीं विवाह परिसर को प्लॉस्टिक से मुक्त रखा गया। सम्मेलन में कोशिश पर्यावरण सेवक टीम नीमगांव के मप्र प्रभारी शांतिलाल सारन ने टीम के साथ लोगों को तांबे के लोटों में जल पिलाया। इसके अलावा पत्तों से बनी पातल और दोनों में भोजन दिया। उन्होंने बताया अभियान में युवाओं के साथ छोटे बच्चों ने भी सहयोग दिया। सारन ने बताया पर्यावरणविद् खम्मुराम विश्नोई निवासी जोधपुर के मार्गदर्शन में कार्यक्रम के दौरान प्लास्टिक के विरूद्ध अलख जगाई। हीरापुर गांव के दूल्हे संदीप गोदारा ने कहा वह समिति द्वारा मिले पौधे को लगाकर संरक्षण करेंगे। अन्य दूल्हों ने कहा कि मंदिर में आयोजित सामूहिक विवाह समारोह में स्वच्छता का विशेष ध्यान रखा गया था। 


पर्यावरण संरक्षण को महत्व देते हुए सारंगपुर के उपसरपंच ऋषि विश्नोई ने नई पहल करते हुए नीमगांव में हुए विश्नोई समाज के सामूहिक विवाह सम्मेलन में 21 जोड़ों को कन्यादान स्वरूप आम के पौधे भेंट किए। भारतीय संस्कृति में कन्यादान में पौधे या पेड़ देने की पुरानी परंपरा रही हैं। पर समय के साथ इसे भुला दिया गया। ऋषि विश्नोई ने बढ़ते ग्लोबल वार्मिंग के प्रभाव को देखते हुए इस परंपरा को पुनर्जीवित करने का प्रयास किया। उन्होंने सभी 21 जोड़ो को उपहार स्वरूप आम के पौधे भेंट किए। ज्ञात हो कि विश्नोई समाज के सम्मेलन में पर्यावरण को शुद्ध रखने के लिए पुरानी पद्धति के पत्तो से बने हुए पाताल दोने उपयोग किए जाते हैं तथा पानी के लिए तांबे के लौटे का उपयोग किया जाता हैं। इस अवसर पर विश्नोई समाज के अध्यक्ष आत्माराम पटेल, लक्ष्मीनारायण पवार, श्यामलाल बावल के हाथ से पौधे भेंट करवाए गए। 



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