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फसलक्षति मुआवजा वितरण में वित्तीय अनियमितता करने पर 15 पटवारियों की सेवा समाप्त

फसलक्षति मुआवजा वितरण में वित्तीय अनियमितता करने पर 15 पटवारियों की सेवा समाप्त

अनियमितता पर पूर्व में दो पटवारी और दो लिपिक की सेवा समाप्‍त की गई



लोकमतचक्र डॉट कॉम।  

देवास / फसलक्षति मुआवजा वितरण में वित्तीय अनियमितता के करने पर कन्‍नौद-खातेगांव अनुभाग में पदस्‍थ 15 पटवारियों की संबंधित अ‍नुविभागीय अधिकारी द्वारा सेवा समाप्त की गई है। जिसमें बंशीलाल डाबर, प्यारसिंह सोलंकी, अमित कुशवाह, दिनेश सिसोदिया, दिलीप यादव, भैयालाल नरगावे, महेन्‍द्र मण्‍डलोई, नंद किशोर शर्मा, अनिरूद्ध यादव, अनिल धुर्वे, रायसिंह देवड़ा, विकास सरोठिया, नवीन धीमान, अर्जुन वर्मा, रामोतार जोनवाल की सेवा समाप्त की गई है।

उल्‍लेखनीय है कि वित्तीय अनियमितता पर पूर्व में पटवारी अनिल मालवीय तहसील टोंकखुर्द, पटवारी समरथलाल जांगडे तहसील टोंकखुर्द तथा सहायक ग्रेड तीन तहसील कार्यालय कन्‍नौद राहुल कर्मा, सहायक ग्रेड तीन तहसील कार्यालय सोनकच्‍छ राहुल माली की भी सेवा समाप्‍त की गई।

जानकारी के अनुसार यह घोटाला लगभग डेढ़ करोड़ रुपए का है। जिले के किसानों की फसल क्षति का मुआवजा देने के लिए शासन से प्रप्त हुई थी जिसे पटवारियों और कुछ क्लर्कों ने मिलीभगत कर गबन कर लिया था। मामले की प्रारंभिक जांच जिला प्रशासन ने की थी, इसमें कुल 35 पटवारियों और बाबुओं के खिलाफ जांच शुरू की गई थी। इस मामले में जून 2023 में 18 पटवारियों और दो क्लर्कों पर जिले के चार अलग अलग पुलिस थानों में प्रकरण दर्ज किया गया था। मामले में FIR होने के बाद कुछ आरोपी तत्काल निलंबित कर दिए गए थे। ये प्रकरण जिले के टोंकखुर्द, कन्नौद, सतवास और खातेगांव पुलिस थाने में दर्ज किए गए थे। पुलिस ने इस घोटाले के आरोपियों के खिलाफ धारा 420 और 409 के तहत प्रकरण दर्ज किए थे।

कलेक्टर ने कहा कि कर्मचारी पूरी ईमानदारी से करें काम

कलेक्टर ऋषव गुप्ता ने कहा कि इस घटना से सभी कर्मचारियों को सबक लेना चाहिए. इन लोगों की शिकायत हुई थी, पहली जांच में तथ्य सही पाए गए थे तो एक जांच कमेटी बनाई गई थी। राहत राशि में गड़बड़ी सामने आई तो फिर डिपार्टमेंटल इंक्वायरी की गई। इसमें भी सभी दोषी साबित हुए और इन पर कार्रवाई की सिफारिश की गई थी।अब इन 16पटवारियों को नौकरी से निकाल दिया गया है. इन लोगों ने जोगड़बड़ी की थी, वह राशि इनसे पहले ही वसूल किया जा चुका है. यह घटना सभी कर्मचारियों के लिए एक सबक है। सभी को सरकारी कामकाज पूरी ईमानदारी से करना चाहिए. आगे भी शिकायत मिलने पर ऐसी कार्रवाइयां होती रहेंगी।

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