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पूर्व उच्च शिक्षा एवं खेल मंत्री के साथ धक्का-मुक्की युवाओं ने लगाये कांग्रेसियों वापस जाओ के नारे

पूर्व उच्च शिक्षा एवं खेल मंत्री के साथ धक्का-मुक्की 

युवाओं ने लगाये कांग्रेसियों वापस जाओ के नारे

हरदा।  पूर्व उच्च शिक्षा एवं खेल मंत्री आज हरदा जिले में आत्महत्या करने वाले किसान के परिजनों से मिलने पहुचे थे वहाँ उनके ओर BJP कार्यकर्ताओ के बीच धक्का-मुक्की ओर तीखी बहस हो गई। उल्लेखनीय है कि बीते दिनों हरदा जिले के अतरसमा गांव में एक किसान लक्ष्मीनारायण ने आत्महत्या कर ली थी। आज उसी किसान के पीड़ित परिवार से मिलने पूर्व शिक्षा एवं खेल मंत्री जीतू पटवारी, पूर्व प्रदेश अध्यक्ष अरुण यादव, कुणाल चौधरी और अनेक कांग्रेसी पदाधिकारी व कार्यकर्ता पहुचे थे। 


परिजनों से बात करने के बाद पीड़ित किसान के घर मे ही BJP कार्यकर्ताओ ओर जीतू पटवारी के बीच तीखी बहस ओर धक्का-मुक्की हो गई। BJP कार्यकर्ताओ का कहना है कि मृतक किसान ने कर्ज या आर्थिक तंगी के कारण आत्महत्या नही की है, ये कांग्रेसी मौत पर राजनीति कर रहे है। इस दौरान उन्होंने शर्म करो, वापस जाओ के नारे लगाए। वही जीतू पटवारी का कहना है कि BJP पीड़ित परिवार पर दवाव बना रही है कि आप इसे कर्ज या बीमा राशि नही मिलने के कारण आत्महत्या नही कहे। आप मीडिया और पुलिस को बताए कि लक्ष्मीनारायण शराब का नशा करता था उसका दिमागी संतुलन ठीक नही था इस कारण उसने यह कदम उठाया है। 

इसी बात को लेकर BJP कार्यकर्ता और जीतू पटवारी के बीच बहस हो गई थी। जिस पर जीतू पटवारी ने जब यह बात कही कि ये दारू पिया है तो इस बात पर बहस और धक्का- मुक्की हो गई जिसे वही उपास्थि लोगो ने शांत कराया।

👉 किसने क्या कहा -

◆ आत्महत्या को दूसरा रंग देने का हो रहा प्रयास -

कुछ युवा यह बताने की कोशिश कर रहे हैं कि किसान ने आत्महत्या कर्ज या बीमा को लेकर नहीं की है। जबकि उन्हीं के परिवार के एक सदस्य का कहना है कि मृतक पर ₹400000 का कर्ज था। वह बैंक गए थे बीमा नहीं मिला तो घर आकर आत्महत्या कर ली। जब एक किसान की बात आती है तो हमारा दायित्व है कि हम वहां जाएं और उनका दुख-दर्द बांटे। हमें पार्टी बाजी छोड़कर पीड़ित परिवार के साथ खड़ा होना चाहिए।

- जीतू पटवारी, पूर्व शिक्षा एवं खेल मंत्री 

◆ लालच देकर गलत बयान दिलाने की कोशिश -

सुबह से ही कांग्रेसियों द्वारा  पीड़ित परिवार को फोन लगाकर  5 लाख, 10 लाख रुपए  देने का  प्रलोभन  दिया जा रहा है। साथ ही इसके बदले यह कहा जा रहा है कि आपको  बस यही कहना है कि उन्होंने  कर्ज से परेशान होकर आत्महत्या की है। जबकि  मृतक किसान  पिछले 10 वर्षों से  मानसिक रूप से  बीमार था। साथ ही नशे का भी आदमी था। हमारे घर का व्यक्ति  हमारे बीच से असमय चला गया  जिसका हमें बेहद दुख है। परंतु  हमारे ही समाज के कुछ लोग अपनी राजनीति चमकाने के लिए इस तरह की ओछी हरकतें कर रहे हैं।

 - विजय जेवल्या, जिला मंत्री भाजयूमो जिला हरदा

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