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व्यापारियो की पीड़ा एवं दर्द को संबंधित मंत्रालय तक आपके प्रतिनिधि के रूप में भेजूंगा : नरेन्द्र सिंह तोमर

व्यापारियो की पीड़ा एवं दर्द को संबंधित मंत्रालय तक आपके प्रतिनिधि के रूप में भेजूंगा : नरेन्द्र सिंह तोमर 

कैट के वर्चुअल जनसंवाद में बोले केन्द्रीय मंत्री 

◆ मध्यप्रदेश के व्यापारियों का मैं केन्द्र में प्रतिनिधित्व करूंगा।

◆ मध्यप्रदेश में फूड प्रोसेसिंग की अपार संभावना, व्यापारी आगे आये और उसका लाभ उठायें।  

◆ वर्ष 2020-21 संक्रमण के दौर से गुजर रहा है। हमारा देश ही नहीं सारी दुनिया इस परेशानी को झेल रही है।



लोकमतचक्र.कॉम।

भोपाल : काॅन्फेडरेशन आँफ आँल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) मध्यप्रदेश द्वारा आयोजित ’’व्यापारियों की स्थिति एवं केन्द्र सरकार से उम्मीद’’ विषय पर बोलते हुये केन्द्रीय कृषि मंत्री श्री नरेन्द्र सिंह तोमर ने कहा कि वर्ष 2020-21 संक्रमण के दौर से गुजर रहा है। हमारा देश ही नहीं सारी दुनिया इस परेशानी को झेल रही है। पहला फेस और दूसरे फेस से जो त्रासदी हुई है वह बहुत ही भयानक थी और इस कठिन दौर में, मैं मध्यप्रदेश के व्यापारियों का प्रतिनिधि बनकर अपने दायित्वों का निर्वहन करूंगा और आपके जो भी सुझाव और केन्द्र सरकार से उम्मीद हैं, आज जितने भी व्यापारियों ने अपनी बात रखी है उसका लिखित में एक ड्राफट बनाकर दीजियेगा, मैं आपके प्रतिनिधि के रूप में केन्द्र सरकार के विभिन्न विभागों के मंत्रिगणों से चर्चा करूंगा और भेजूंगा। 

केन्दीय मंत्री श्री नरेन्द्र सिंह तोमर ने व्यापारियों द्वारा दिये गये सुझावों और उम्मीदों के संबंध में कहा कि जो हमारी राज्य सरकार से संबंधित हैं उन्हें राज्य सरकार तक पहुंचाऊंगा। जीएसटी अथवा बैंकिंग असुविधा जैसे विषय हम केन्दीय वित्तमंत्री जी को प्रस्तुत करेंगे। 

उन्होंने आपदा में अवसर ढूढने की बात करते हुये व्यापारियो से कहा क्योंकि खादय प्रसंस्करण मंत्रालय उनके पास है। मध्यप्रदेश में उसकी अपार संभावनाए हैं, सरकार की बहुत सारी योजनाऐं हैं जिनमें सब्सिडी है और ऐसी योजनाओं का लाभ प्रदेश के व्यापारियों को उठाना चाहिये, उन्हें आगे आना चाहिये। मण्डी शुल्क के संबंध में उन्होंने कहा कि आज कई राज्यों में जीएसटी वेरियर समाप्त किये हैं इसी प्रकार एक राज्य से दूसरे राज्य जाते समय किसी व्यापारी का ट्रक नहीं रोका जायेगा। जो कानून बने थे दुर्भाग्य से उनका फायदा बामपंथियों के आन्दोलन के कारण वे नहीं उठा पाये। 

काॅन्फेडरेशन आँफ आँल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) मध्यप्रदेश के अध्यक्ष भूपेन्द्र जैन ने स्वागत भाषण रखते हुये कहा कि संक्रमण के दौर में सबसे ज्यादा परेशान व्यापारी है। हम बहुत सारी जिम्मेदारियां निभा रहे हैं और उसके बाबजूद राज्य और केन्द्र सरकार हमारी ओर गंभीरता से विचार नहीं कर रही है। राज्य सरकार और केन्द्र सरकार शीघ्र ही कोई पेकेज घोषित करे ताकि व्यापारी इस पीडा से बाहर निकल सके। 

कैट के वर्चुअल जनसंवाद का संचालन प्रदेश महामंत्री मुकेश अग्रवाल ने किया, कोर्डिनेशन प्रदेश संगठन मंत्री गोविन्ददास असाटी, प्रदेश कार्यालय प्रभारी एवं कोषाध्यक्ष मनोज चैरसिया ने निभाया जबकि आभार प्रदर्शन कैट मध्यप्रदेश के उपाध्यक्ष सन्देश जैन द्वारा किया गया।  

बर्चुअल सेमीनार में हरदा जिले से जिलाध्यक्ष सरगम जैन, उपाध्यक्ष निर्मल अग्रवाल, महामंत्री राजेश अग्रवाल, तहसील अध्यक्ष अनुज बरगले एवम अन्य सदस्यों सहित मालवा चेम्बर आफ कामर्स के अध्यक्ष अजीत सिंह नारंग, सेन्ट्रल जोन चेयरमैन रमेश गुप्ता इन्दौर, प्रदेश उपाध्यक्ष चम्बल संभाग प्रभारी डाॅ.प्रकाश अग्रवाल, प्रदेश उपाध्यक्ष भोपाल संभाग प्रभारी सुनील जैन 501, महाकौशल चेम्बर आफ कामर्स जबलपुर अध्यक्ष रवि गुप्ता, रोटरी गुना अध्यक्ष सुरेश सिंह रघुवंशी, प्रदेश उपाध्यक्ष शहडौल संभाग प्रभारी मनोज गुप्ता, प्रदेश उपाध्यक्ष ग्वालियर संभाग प्रभारी पवन जैन, मुकदस शेख,संजय अग्रवाल, सिवनी जिला अध्यक्ष मनीष अग्रवाल, ग्वालियर जिला अध्यक्ष रविगुप्ता, गिरजा गर्ग, बारा राजस्थान के मनोज गोयल, देवास से अर्पित अग्रवाल आदि ने भी अपने विचार रखे और सम्मेलन में भाग लिया।

जनसंवाद में रखे गये विषय निम्नानुसार थेः-

1) मध्यप्रदेश में खाद्य प्रसंस्करण उद्योग को बढावा मिलना चाहिये। 

2) जीएसटी रिटर्न का समय बिना ब्याज बिना पेनल्टी के तीन माह बढाया जाना चाहिये। 

3) जीएसटी और आयकर को अप्रैल एवं मई महीने को शून्य मानते हुये घोषित करना चाहिये।

4) बेकिंग चार्जेज आरबीआई को कम करना चाहिये और बैंक की किस्तों को बिना ब्याज के तीन और छः माह के लिये डिफरमेंट देना चाहिये। 

5) आॅनलाइन विजनिस का और आफ लाइन विजनिस इस समय बंद किया जाय और एकसा व्यापार करने के दिशा निर्देश जारी किये जाने चाहिये। 

6) व्यापारियों को राज्य सरकार और केन्द्र सरकार राहत पेकेज दें। 

7) फर्टीलाइजर व्यवसाय में व्यापारियों के लायसेंस निरस्त न किये जायें कंपनी पर कार्यवाही हो और 80 प्रतिशत शासकीय 20 प्रतिशत निजी क्षेत्र का जो फर्टीलाइजर व्यवसाय है वह अव्यवहारिक प्रक्रिया है पोश मशीन से फर्टीलाइजर बेचने की प्रक्रिया को खोला जाना चाहिये। 

8) भारत सरकार के उपभोक्ता मामलों के द्वारा जो दाल तिलहन पर कन्ट्रोलिंग की जाती है यह इंस्पेक्टर राज्य की वापसी है। 

9) पर्यटन विभाग जो बहुत ही दयनीय स्थिति में है उससे व्यापारियों को बाहर निकाला जाय, राहत पेकेज दिया जाय। 

10) महिलायें जो आत्म निर्भर बन रही हैं इस कठिन दौर में उनके लिये कुछ न कुछ मदद अवश्य दी जाय।

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