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ग्रामीण क्षेत्रों की कृषि भूमियों पर अवैध रूप से काटी गई कालोनियों के प्लाटों के नामांतरण प्रतिबंधित

ग्रामीण क्षेत्रों की कृषि भूमियों पर अवैध रूप से काटी गई कालोनियों के प्लाटों के नामांतरण प्रतिबंधित

एसडीएम ने जारी किया आदेश


लोकमतचक्र.कॉम। 

भोपाल/ग्वालियर : ग्रामीण क्षेत्रों में कृषि भूमि पर अवैध रूप से कालोनियों के निर्माण और अवैध कॉलोनियों में भूखंडों की खरीदी बिक्री के मामले प्रदेश भर में काफी तादाद में चल रहे हैं। ऐसी अवैध कालोनियों के प्लाटों/भूखंडों के नामंतरण के संबंध में शासन द्वारा स्पष्ट दिशानिर्देश दिए गए हैं किंतु अधिकारियों की अनदेखी की वजह से ग्रामीण क्षेत्रों की अवैध कालोनियों के भूखंडों की रजिस्ट्री होकर उनका नामंतरण भी हो जाता है जो कि शासन के आदेश अनुसार अवैध है। 

ऐसे ही मामले को लेकर अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व ) मुरार जिला ग्वालियर ने आज एक आदेश जारी किया है जो कि प्रदेश के अन्य अधिकारियों के द्वारा ध्यान देने योग्य है। अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) मुरार द्वारा आज दिनांक 2 जून 2021 को जारी आदेश में कहा गया है कि अधोहस्ताक्षरकर्ता के संज्ञान में यह तथ्य आया है कि अनुविभाग मुरार के ग्रामों में कृषि भूमियों को अवैध रूप से भूखंडों में विभक्त कर अवैध कालोनियों का अवैध निर्माण किया जा रहा है। मध्यप्रदेश पंचायत एवं ग्रामीण स्वराज अधिनियम 1993 की धारा 61(च) के अनुसार मध्य प्रदेश भू राजस्व संहिता 1959 में कॉलोनी निर्माण करने वाले किसी व्यक्ति द्वारा अवैध व्यपवर्तन के या अवैध कॉलोनी निर्माण के लिए किसी क्षेत्र में भूखंडों का किया गया अंतरण या अंतरण का कोई करार शून्य है। 

आदेश में आगे स्पष्ट किया गया कि इस प्रकार अंतरण का करार एवं अंतरण शून्य होने के इस आधार पर क्रेता को कोई विधि पूर्वक स्वत्व अर्जित नहीं होता है। यह स्पष्ट है कि यदि कोई विक्रय विलेख अवैध कॉलोनी से संबंधित है तब उसके क्रेता को स्वत्व अर्जित नहीं होता है। इस कारण मध्य प्रदेश भू राजस्व संहिता 1959 की धारा 109, 110 के अंतर्गत नामांतरण किए जाने का प्रश्न उत्पन्न नहीं होता। उन्होंने पत्र के अंतिम पैरा में स्पष्ट किया कि यह कार्यालय तत्काल प्रभाव से अवैध कालोनियों के किसी भी भूखंड के क्रय विक्रय के आधार पर नामांतरण किया जाना पूर्णता प्रतिबंधित करता है।

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