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आ गई कोरोना की तीसरी लहर मध्यप्रदेश में भी...

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फीवर क्लीनिक करें चालू, ब्लॉक में कोविड केयर सेंटर कर लें चिन्हित-CM

लोकमतचक्र.कॉम।

भोपाल : मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि  जिन 15 से 18 साल के बच्चों को वैक्सीन लगाया जाना है, उन्हें 15 जनवरी तक वैक्सीन लगाने का काम पूरा कर लें। इसके लिए लम्बा इंतजार करने की जरूरत नहीं है। दूसरी तरफ 60 वर्ष से ऊपर के नागरिक और फ्रंटलाइन वर्कर्स को बुस्टर डोज लगाने की शुरूआत की जाएगी।कोरोना की तीसरी लहर आ चुकी है। इसलिए कलेक्टर सभी जिलों में फीवर क्लीनिक चालू करा दें और ब्लॉक स्तर पर कोविड केयर सेंटर के लिए स्थान चिन्हित कर लें ताकि जब कोरोना मरीजों की संख्या तेजी से बढ़े तो उन लोगों को सेंटर में रखा जा सके जिनके यहां होम आइसोलेशन की सुविधा नहीं हैं। अब तक कोरोना के टेड के मद्देनजर होम आइसोलेशन को ज्यादा तवज्जो दी जाएगी और गंभीर केस होने की स्थिति में अस्पतालों में भर्ती कराया जाएगा। अधिकारी यह ध्यान रखें कि कोरोना मरीज को जांच रिपोर्ट 24 घंटे के भीतर मिलनी चाहिए। मुख्यमंत्री ने कहा कि सभी 52 जिलों में तत्काल कम से कम एक कोविड केयर सेंटर चालू कर दें।


सीएम चौहान ने नासिक से लौटने के बाद जिला, ब्लॉक और पंचायत स्तरीय क्राइसिस मैनेजमेंट कमेटी के साथ संवाद के दौरान ये बातें कहीं। उन्होंने कहा कि अब तक जो टेंड आया है, उसके अनुसार बीमार होने वाले लोग ज्यादा सीरियस नहीं हो रहे हैं और वैक्सीन इसकी एक बड़ी वजह है। इसलिए वैक्सीनेशन का ध्यान रखें। सीएम चौहान ने कहा कि सरकार ने तय किया है कि ऐसे बच्चों को वैक्सीन सिर्फ सरकारी और निजी स्कूलों में ही लगाई जाएगी और को वैक्सीन ही लगेगी। इसलिए इसको प्रोत्साहित करने का काम सभी को करना है। मुख्यमंत्री ने कहा कि अब तक की स्थिति में एमपी में पाजिटिविटी रेट 0.24 प्रतिशत आ चुका है और यह बढ़ रहा है। ओमिक्रान के 11 केस एमपी में आ चुके हैं। होमआइसोलेट मरीज के लिए टेलिमेडिसिन और किट की सुविधा दी जाएगी। क्राइसिस मैनेजमेंट कमेटी की इसकी मानीटरिंग करना है कि ऐसे मरीजों को सुविधा मिल रही है या नहीं मिल रही। दवाओं की किट देने के साथ दिन में कम से कम एक बार डॉक्टर मरीज से बात करेंगे।

लॉकडाउन कोई प्राथमिक समाधान नहीं है

मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि लॉकडाउन कोई प्राथमिक समाधान नहीं है। हम बचाव, सतर्कता का ध्यान में रखें। लॉकडाउन से गरीबों के लिए रोजी-रोटी का संकट हो जाता है, व्यापार में नुकसान होता है। जहां तक हो सके हम अपनी आदतों में बदलाव से कोरोना को दूर रखें। निजी अस्पतालों में इलाज के लिए शासन द्वारा निर्धारित शुल्क ही लिए जाए, इसकी व्यवस्था सुनिश्चित रखें। कोई पीड़ित से मनमानी वसूली न कर सके इस पर ध्यान रखना है। निजी अस्पतालों में चिकित्सा सुविधाएं भी पर्याप्त हों यह भी अवश्य देखें। होम आइसोलेशन के मामले अधिक होंगे, इसलिए कंट्रोल एंड कमांड सेंटर की व्यवस्था दुरुस्त रखें। मोबाइल मेडिकल यूनिट को भी सक्रिय रखें, जिससे होम आइसोलेट मरीज से तत्काल संपर्क किया जा सके। मेडिकल किट की व्यवस्था भी बनाकर रखें। इसके पहले एसीएस स्वास्थ्य मो. सुलेमान ने कोरोना को लेकर प्रजेंटेशन दिया।

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