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पर्युषण महापर्व : उत्तम त्याग धर्म की पूजा कर मनाया पर्व का आंठवा दिन

पर्युषण महापर्व : उत्तम त्याग धर्म की पूजा कर मनाया पर्व का आंठवा दिन

त्याग का अर्थ केवल दान करने से नहीं है दान और त्याग में बहुत बड़ा अंतर है : अजय जैन


लोकमतचक्र  डॉट कॉम।

हरदा : श्री दिगम्बर जैन समाज द्वारा पर्यूषण पर्व के आठवें दिन उत्तम त्याग धर्म की पूजा की गई। जैन विद्वान अजय जैन ने कहा कि त्याग का अर्थ केवल दान करने से नहीं है दान और त्याग में बहुत बड़ा अंतर है। श्री जैन ने प्रवचन में कहा कि त्याग के बिना कोई धर्म जीवित नहीं रह सकता। जिसने भी अपने जीवन में त्याग किया है वही चमकता है। धर्म और आत्मा को जीवित रखने के लिए त्याग आवश्यक है। समस्त भोग विलास की वस्तु का त्याग करना ही मुक्ति का मार्ग है अपने जीवन में खराब कार्यों और पापों का त्याग करना चाहिए तभी मनुष्य जीवन की सार्थकता है। इतिहास साक्षी है कि भगवान श्री राम, भगवान महावीर, आदि महापुरुष अपने त्याग धर्म के कारण है, जन-जन में पूजनीय और वंदनीय है। 

उक्त जानकारी देते हुए हरदा जैन समाज के कोषाध्यक्ष राजीव जैन एवं ट्रस्टी सचिन सिंघई ने बताया कि सुबह में विश्व शांति मंत्रों के द्वारा अभिषेक पूजन किया गया। खेड़ीपुरा स्थित श्री दिगंबर जैन लाल मंदिर में श्रीजी की शांतिधारा करने का सौभाग्य महेंद्र, संजय कमल पाटनी परिवार को प्राप्त हुआ। इंदौर रोड़ स्थित श्री पार्श्वनाथ जैन मंदिर में श्रीजी की शांतिधारा करने का सौभाग्य राकेश, पंकज, बसंत रपरिया जैन को प्राप्त हुआ। वहीं स्टेडियम स्थित श्री चंद प्रभुउक्त जानकारी देते हुए हरदा जैन समाज के कोषाध्यक्ष राजीव जैन एवं ट्रस्टी सचिन सिंघई ने बताया कि खेड़ीपुरा स्थित श्री दिगंबर जैन लाल मंदिर में श्रीजी की शांतिधारा करने का सौभाग्य महेंद्र, संजय कमल पाटनी परिवार को प्राप्त हुआ। इंदौर रोड़ स्थित श्री पार्श्वनाथ जैन मंदिर में श्रीजी की शांतिधारा करने का सौभाग्य विनित जैन ठेकेदार को प्राप्त हुआ। वहीं स्टेडियम स्थित श्री चंद प्रभु जिनालय में शांतिधारा का सौभाग्य मुकेश, रचित बकेवरिया परिवार को प्राप्त हुआ। जिनालय में शांतिधारा का सौभाग्य मुकेश, रचित बकेवरिया परिवार को प्राप्त हुआ।


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