Breaking News

पार्षद, महापौर, सभापति, नपा अध्यक्ष का मानदेय, भत्ता दोगुना, सफाईकर्मियों का 5 लाख का बीमा होगा-CM

पार्षद, महापौर, सभापति, नपा अध्यक्ष का मानदेय, भत्ता दोगुना, सफाईकर्मियों का 5 लाख का बीमा होगा-CM

सीने में आग और माथे पर बर्फ हो, यही जनप्रतिनिधि के लिए मंत्र 

लोकमतचक्र  डॉट कॉम। 
भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि हम एक फैसला कर रहे हैं कि 31 दिसम्बर 2020 तक शहरों में जो गरीब जहां रह रहा है, उसका पट्टा उसे दे दिया जाएगा। यही हम गांव में भी करेंगे। हर शहर में दीनदयाल योजना को लागू किया जाएगा। हर शहर में रैन बसेरा होना चाहिये। हर निकाय में पेड़ लगाने का स्थान तय करें। अधिकारी इस पर ध्यान दें। आज 770 करोड़ रुपए सड़कों की मरम्मत के लिए दी जा रही है। 2 करोड़ नपा कार्यालय के लिए देंगे, जहाँ मकान नहीं हैं। नये CMO की भर्ती होगी, सफाईकर्मी के लिए समूह बीमा योजना 2 से बढ़ाकर 5 लाख की गई है। महापौर, सभापति, नपा व नगर परिषद अध्यक्षों का मानदेय दोगुना किया जाएगा।
राजधानी के मोतीलाल नेहरू स्टेडियम में पार्षद, महापौर, सभापति, नगरपालिका नगर परिषद अध्यक्ष, उपाध्यक्ष के प्रशिक्षण कार्यक्रम में मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि किसी भी कागज को देखने पढ़ने के बाद ही उस पर दस्तखत करें। किसी भी काम में गड़बड़ी होने पर हम जनप्रतिनिधि फंस जाते हैं, इसलिए पर्याप्त सावधानी रखना जरूरी है। हम जनता के पास हाथ जोड़कर वोट मांगने गए थे, इसलिए उनका भी अधिकार कि अपनी समस्याओं के लिए वे आपके दरवाजे सुबह 6 बजे भी खटखटा सकते हैं। उन्होंने कहा कि पार्षदों की जिम्मेदारी मेयर और अध्यक्ष से अधिक बड़ी है। मुख्यमंत्री-मंत्री आपके कारण ही अच्छा काम कर पाएंगे। इसलिए धैर्य व उत्साह से हमेशा भरे रहना है। 

अभी ऐसे मिल रहा मानदेय और भत्ता
मोतीलाल नेहरू स्टेडियम में आयोजित कार्यक्रम में उन्होंने कहा कि वर्तमान में सभी नगर निगमों में महापौर को मानदेय 11 हजार, सत्कार भत्ता 2500, अध्यक्ष को मानदेय 9 हजार, सत्कार भत्ता 1400 और पार्षदों को मानदेय प्रतिमाह 6 हजार रुपए मिल रहा है। नगर पालिका परिषद में अध्यक्ष का मानदेय 3 हजार रुपए सत्कार भत्ता 1800, उपाध्यक्ष का मानदेय 2400, सत्कार भत्ता 800 और पार्षद को मानदेय 1800 रुपए मिल रहा है। नगर परिषद में अध्यक्ष को मानदेय 2400 रुपए, सत्कार भत्ता 1100, उपाध्यक्ष को मानदेय 2100, सत्कार भत्ता 800 और पार्षद को 1400 रुपए मासिक मानदेय वर्तमान में मिलता है। इन सभी के मानदेय और भत्तों में दोगुना की वृद्धि की गई है।                                                            सीने में आग और माथे पर बर्फ हो, यही जनप्रतिनिधि के लिए मंत्र 
उन्होंने कहा कि जनता को सफाई, बिजली, पानी आदि संबंधी कोई भी कष्ट होगा, तो सबसे पहले पार्षद के पास लोग पहुंचते हैं। ऐसे में आप पार्षद भाई-बहनों को धैर्य नहीं खोना है। आप सदैव उत्साह के साथ जनता की सेवा करें। पांव में चक्कर, मुंह में शक्कर, सीने में आग और माथे पर बर्फ हो, यही जनप्रतिनिधि के लिए मंत्र है। इसका मतलब है कि सुबह लोगों से मिलिये। मुंह में शक्कर का अर्थ है कि कड़वा मत बोलो। सीने में आग का मतलब काम करने की तड़प और माथे पर बर्फ यानी दिमाग ठण्डा रखो।
 नई अवैध कॉलोनी कोई बिल्डर काटे तो उसे जेल भेज दो, लेकिन पुरानी जहां घर बनाकर लोग रह रहे हैं उसे वैध बना दो। सरल नियम प्रक्रिया बनाकर उन्हें वैध बनाने का काम करेंगे। एक कानून हमने बनाया है। पब्लिक सर्विस डिलेवरी गारंटी एक्ट। सभी औपचारिकताएं पूरी होने के बाद जो अधिकारी निश्चित समय में अनुमति नहीं देगा, उसके खिलाफ जुर्माना हर दिन लगता जाएगा, जो हर्जाने के रूप में उसे मिलेगा, जिसका काम देरी से हो रहा है।

पहले बिल्डिंग परमशिन 30 दिन में मिलती थी, अब 15 दिन में मिलती है। मन में तड़प है तो शरीर से निकलने वाले रसायन आपको दिन-रात काम करने की ताकत देते हैं। ये सफल होने के गुण हैं। आज हम आपको नियम,प्रक्रिया उपलब्ध करा रहे हैं। इतनी चीजें हैं कि उनसे आप जनता को निहाल कर सकते हैं। अगर ठीक से समझ लिया तो जनता के दिल पर राज करोगे।     

बात ये है कि किसी भी कागज पर बिना पढ़े दस्तखत मत करना। नियम, प्रक्रिया पढ़ो,सभी जानकारी लो फिर दस्तखत करना, ये मूलमंत्र दे रहा हूं। पूरे दिन और सप्ताह की आप समय सारणी बनाएं। निश्चित समय सीमा में लोगों को सुविधाएं मिल जाएं, कौन सी सुविधा कितने दिन में मिल जाए, कैसे मिल जाए, इसकी पूरी जानकारी हो। रैन बसेरा की व्यवस्था भी करना है। सर्दी के दिन हैं अफसर भी इस बात का ध्यान रखें। मुख्य नगर पालिका के कई जगह रिक्त पद हैं, इसलिए हम पदोन्नति भी करेंगे और नए सीएमओ की भर्ती भी करेंगे।                                                                                              अधोसंरचना विकास के लिये  80-80 लाख

 मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि  भवन विहीन नव गठित 35 नगरीय निकायों को एक-एक करोड़ रुपए की राशि भवन निर्माण के लिए दी जाएगी। इन्हें अधोसंरचना विकास के लिये भी 80-80 लाख रुपए दिए जाएंगे। उन्होंने कहा कि अमृत योजना में 12800 करोड़ रुपए शहरों में हर घर जल की उपलब्धता और स्वीकृत सीवरेज परियोजनाओं के लिए दिए जाएंगे। स्मार्ट सिटी मिशन में 14 शहरों में रोप-वे का निर्माण किया जाएगा। इनमें उज्जैन नगर भी शामिल है, जहां यात्री ट्रेन द्वारा रेलवे स्टेशन पहुँचने के बाद आकाश मार्ग से सीधे श्री महाकाल महालोक तक पहुँच सकेंगे। 
इन निकायों को मिला पुरस्कार
कार्यक्रम में राजस्व संग्रहण एवं स्वच्छता में उल्लेखनीय उपलब्धि हासिल करने वाले नगरीय निकायों को प्रोत्साहन अनुदान और सम्मान प्रदान किए गए। राजस्व संग्रहण पर एक लाख से अधिक जनसंख्या वाले नगरीय निकायों में नर्मदापुरम को 30 लाख, मंदसौर को 20 लाख और विदिशा को 15 लाख रुपए का प्रोत्साहन अनुदान दिया। एक लाख से कम जनसंख्या के नगरीय निकाय राघोगढ़ को 30 लाख, शाजापुर को 20 लाख और मैहर को 15 लाख रुपए का प्रोत्साहन अनुदान दिया गया। इसी तरह 25 हजार से अधिक जनसंख्या वाले नगरीय निकायों में महूगांव को 15.50 लाख, राऊ को 10 लाख और धामनोद, शामगढ़ और मनासा को पांच-पांच लाख रुपए दिये गये। 25 हजार से कम जनसंख्या के नगरीय निकाय उचेहरा को 15 लाख 50 हजार रुपए, बड़कुही को 10 लाख और बिरसिंहपुर, खजुराहो तथा बड़ामलहरा को 5-5 लाख रुपए का प्रोत्साहन अनुदान दिया गया। मुख्यमंत्री चौहान ने राष्ट्रीय स्तर पर अवार्ड प्राप्त करने वाले नगरीय निकाय इंदौर, भोपाल, उज्जैन, छिन्दवाड़ा, मुंगावली, खुरई, खजुराहो, महू केंट, औबेदुल्लागंज, फूपकलां, पेटलावद, बड़ौनी, भिण्ड, बीना, इटावा, मलाजखण्ड, लवकुश नगर, बुधनी और तेंदूखेड़ा को सम्मानित किया।
1761 पार्षद 35 साल से कम उम्र के
कार्यक्रम में नगरीय विकास एवं आवास मंत्री भूपेन्द्र सिंह ने कहा कि संवेदनशीलता और समस्या निवारण में मुख्यमंत्री ने एक उदाहरण प्रस्तुत किया है। उन्होंने कहा कि 372 निकायों के 6924 वार्डों में से चुनकर आए 1761 पार्षद 35 वर्ष से कम आयु के हैं। युवा जोश जब जनसेवा में जुटेगा तो प्रदेश के विकास की गति तेजी से बढ़ेगी। मुख्यमंत्री चौहान ने देश में पहली बार मध्यप्रदेश में नगरीय निकाय एवं पंचायतों में महिलाओं को 50 प्रतिशत आरक्षण दिया। उन्होंने बताया कि 393 निकायों में 7321 वार्डों में से 3452 पार्षद अन्य पिछड़ा वर्ग से है।

कोई टिप्पणी नहीं