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वर्दी का रौब झाड़कर मारपीट और अवैध वसूली के मामले में 2 पुलिस अफ़सर सस्पेंड, 2 पर FIR हुई

वर्दी का रौब झाड़कर मारपीट और अवैध वसूली के मामले में 2 पुलिस अफ़सर सस्पेंड, 2 पर FIR हुई

भोपाल । वर्दी का रौब झाड़कर लोगों को परेशान करने और अवैध वसूली करने तथा आय से अधिक संपत्ति के नाम पर जांच के बदले रिश्वत मांगने के मामले में 2 पुलिस अधिकारियों के विरुद्ध निलंबन और एफआईआर दर्ज करने की कार्यवाही की गई है। पहली कार्यवाही भोपाल के सहायक आयुक्त यातायात और दूसरी लोकायुक्त पुलिस स्थापना भोपाल में पदस्थ कार्यवाहक डीएसपी के विरुद्ध की गई है। सीएम ने इस मामले में नाराजगी भी जताई थी।

सीएम की नाराजगी पर सस्पेंड हुए सहायक पुलिस आयुक्त पराग खरे

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के निर्देश पर पराग खरे सहायक पुलिस आयुक्त को निलंबित कर दिया गया है।पराग खरे के आचरण और कर्तव्यो के उल्लंघन के मामले को मुख्यमंत्री ने गंभीरता से लिया था और तत्काल कार्यवाही के निर्देश दिए थे। सहायक पुलिस आयुक्त पराग खरे के ऑडियो वीडियो सोशल मीडिया में वायरल हुए थे जिसमें वे एक व्यवसायी को किराए को लेकर धमका रहे हैं और अभद्र व्यवहार कर रहे हैं। इस प्रकरण पर मुख्यमंत्री ने कड़ी नाराजगी व्यक्त की थी जिसके बाद उन्हें निलंबित कर दिया गया है। गौरतलब सहायक पुलिस आयुक्त यातायात जोन 3 द्वारा 8 फरवरी को भोपाल में बृजवासी भोजनालय से किराया भुगतान प्राप्त करने के लिए दबाव बनाया जा रहा था और  लाला लाजपत राय नगर अशोका गार्डन निवासी अंकित वाजपेयी के साथ मारपीट कर अभद्र व्यवहार किया गया जिसका वीडियो और ऑडियो वायरल हुआ था। इस मामले में जांच के बाद खरे को सस्पेंड कर दिया गया है।
लोकायुक्त के कार्यवाहक डीएसपी ने जांच रोकने मांगे एक लाख रुपये, सस्पेंड

उधर पुलिस महानिदेशक ने लोकायुक्त भोपाल शाखा में पदस्थ कार्यवाहक उप पुलिस अधीक्षक योगेश कुरचानिया को सस्पेंड कर दिया है। योगेश के खिलाफ विदिशा के गंजबासौदा थाने में एफ आई आर दर्ज कराई गई है। नागरिक सहकारी बैंक गंजबासोदा के मुख्य कार्यपालन अधिकारी ने इस मामले में शिकायत की थी कि 2 व्यक्तियों ने आय से अधिक संपत्ति की शिकायत बताकर एक लाख रुपये मांगे जा रहे थे और कहा जा रहा था कि पैसे देने पर जांच नहीं करेंगे। ये कूट रचित हस्ताक्षर और दस्तावेज लिए थे जिसके आधार पर जांच के बाद इनके विरुद्ध एफआईआर दर्ज कर ली गई है। दूसरे व्यक्ति ने अपना नाम आरपी मालवीय बताया था। इनके द्वारा नकली नोटिस के नाम पर अवैध वसूली की कोशिश की जा रही थी। दोनों के विरुद्ध एफआईआर हुई है। डीजीपी ने जांच के बाद इस मामले में योगेश कुरचानिया की संलिप्तता पाई थी।

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