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RBC (राजस्व पुस्तक परिपत्र) के तहत अब पहले से अधिक सहायता मिलेगी

RBC (राजस्व पुस्तक परिपत्र) के तहत अब पहले से अधिक सहायता मिलेगी

लोकमतचक्र डॉट कॉम। 

हरदा। राज्य शासन द्वारा भारत सरकार के नवीन एसडीआरएफ एवं एनडीआरएफ मानदण्डों में किये गये संशोधन अनुसार राजस्व पुस्तक परिपत्र 6-4 के परिशिष्ट 1 में संशोधन किया गया है। कलेक्टर ऋषि गर्ग ने बताया कि राजस्व पुस्तक परिपत्र 6-4 के अनुसार लघु एवं सीमांत किसान के लिये बाढ़ की स्थिति में कृषि योग्य भूमि वाले खेतों में 3 इंच से अधिक रेत पत्थर आ जाने पर पहाड़ी क्षेत्र में कृषि योग्य भूमि पर मलबा हटाने के लिये तथा फिश फार्म में डिसेल्टिंग, पुनस्थापन व मरम्मत सफाई के लिये राहत राशि रूपये 12200 रूपये प्रति हेक्टेयर के स्थान पर 18 हजार रूपये प्रति हेक्टेयर किया गया है। उन्होने बताया कि भूस्खलन, हिमस्खलन, नदिया के रास्ता बदलने के कारण सीमांत या लघु कृषक के भूमि स्वामित्व की भूमि के नष्ट होने पर राहत राशि 37500 रूपये प्रति हेक्टेयर के स्थान पर 47 हजार प्रति हेक्टेयर की गई है।

कलेक्टर श्री गर्ग ने बताया कि पशु पक्षी हानि के लिये आर्थिक सहायता के तहत दुधारू पशु भैंस, गाय, ऊँट, याक आदि के लिये राहत राशि अधिकतम 30 हजार रूपये प्रति पशु के स्थान पर अधिकतम 37500 रूपये प्रति पशु तथा भेड़ व बकरी के लिये 3 हजार रूपये प्रति पशु के स्थान पर 4 हजार रूपये प्रति पशु की गई है। इसी प्रकार गैर दुधारू पशु जैसे बैल, भैंसा, ऊँट, घोड़ा आदि के लिये राहत राशि अधिकतम 25 हजार प्रति पशु के स्थान पर 32 हजार रूपये तथा बछड़ा गाय, भैस, गधा, पोनी व खच्चर के लिये 16 हजार के स्थान पर अधिकतम 20 हजार रूपये प्रति पशु तथा सुअर के लिये राहत राशि अधिकतम 3 हजार के स्थान पर 4 हजार रूपये की गई है।

नष्ट हुए मकानों के लिये आर्थिक अनुदान सहायता

कलेक्टर श्री गर्ग ने बताया कि जारी संशोधित आदेश अनुसार पूर्ण नष्ट व गंभीर रूप से क्षतिग्रस्त पक्के व कच्चे मकान के लिये मैदानी इलाकों में राहत राशि अधिकतम 95100 के स्थान पर 1 लाख 20 हजार रूपये प्रति मकान किया गया है। इसी प्रकार पूर्ण नष्ट होने पर झुग्गी झोपड़ी के लिये वास्तविक क्षति के आंकलन के आधार पर राहत राशि अधिकतम 6 हजार रूपये के स्थान पर 8 हजार रूपये की गई है। उन्होने बताया कि आंशिक रूप से 15 प्रतिशत से 50 प्रतिशत तक क्षतिग्रस्त पक्के मकानों के लिये राहत राशि वास्तविक क्षति के आंकलन के आधार पर अधिकतम 5200 रूपये के स्थान पर 6500 रूपये तथा कच्चे मकान के लिये अधिकतम राहत राशि 3200 के स्थान पर 4000 रूपये की गई है। इसी प्रकार मकान से लगे पशु घर के लिये राहत राशि वास्तविक क्षति के आंकलन के आधार पर अधिकतम 2100 के स्थान पर 3 हजार रूपये की गई है।

शारीरिक अंग हानि के लिये आर्थिक सहायता

कलेक्टर श्री गर्ग ने बताया कि नैसर्गिक आपदा तूफान, भूकम्प, बाढ़, अतिवृष्टि ओलावृष्टि, भूस्खलन के साथ-साथ आकाशीय बिजलीय गिरने अथवा आग के कारण 40 प्रतिशत से 60 प्रतिशत तक विकलांगता के लिये राहत राशि 59100 प्रति व्यक्ति के स्थान पर 74 हजार रूपये प्रति व्यक्ति तथा 60 प्रतिशत से अधिक विकलांगता होने पर 2 लाख रूपये के स्थान पर राहत राशि 2 लाख 50 हजार रूपये प्रति व्यक्ति की गई है। इसी प्रकार नाव दुर्घटना में घायल होने पर अथवा बस या अधिकृत अन्य पब्लिक ट्रांसपोर्ट के नदी या जलाशय में गिरने अथवा पहाड़ी आदि से खड्ड में गिरने के कारण हाथ, पैर फ्रेक्चर जैसी गंभीर शारीरिक क्षति होने पर एक सप्ताह से अधिक अस्पताल में भर्ती रहने के मामले में आर्थिक सहायता संशोधित कर 12700 तक के स्थान पर 16 हजार रूपये तक तथा एक सप्ताह से कम भर्ती रहने पर आर्थिक सहायता 4300 रूपये प्रति व्यक्ति के स्थान पर 5400 रूपये की गई है।

कलेक्टर श्री गर्ग ने बताया कि बाढ़ व तूफान से प्रभावित मछली पकड़ने वालों की नावों जो कि मशीन से संचालित न हों व जिनका बीमा न कराया गया हो, डोंगियों, मछली पकड़ने के जालों तथा अन्य उपकरणों को हुई हानि के लिये भी राहत राशि में संशोधन किया गया है। उन्होने बताया कि नाव नष्ट होने पर क्षति के आंकलन के आधार पर अधिकतम राहत राशि रूपये 12 हजार के स्थान पर 15 हजार, जाल या अन्य उपकरणों की मरम्मत के लिये आंकलन के आधार पर अधिकतम राहत राशि 2100 रूपये के स्थान पर 3000 रूपये की गई है। इसी प्रकार नाव की आंशिक क्षति होने पर राहत राशि 4100 के स्थान पर 6000 रूपये की गई है। उन्होने बताया कि इसके अलावा नैसर्गिक आपदा जैसे सूखा, अतिवृष्टि, बाढ़, भूस्खलन, भूकम्प आदि से मछली पालने वालों को मछली बीज नष्ट हो जाने पर 8200 रूपये प्रति हेक्टेयर के स्थान पर 10 हजार रूपये प्रति हेक्टेयर सहायता अनुदान दिया जाएगा।

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