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प्रभारी अधिकारी के रूप में राजस्व विभाग में पोस्टिंग पर चुनाव आयोग ने पूछा, कैसे बना दिया आरओ और एआरओ, सरकार को देना पड़ा लिखित जबाव

प्रभारी अधिकारी के रूप में राजस्व विभाग में पोस्टिंग पर चुनाव आयोग ने पूछा, कैसे बना दिया आरओ और एआरओ, सरकार को देना पड़ा लिखित जबाव


लोकमतचक्र डॉट कॉम। 

भोपाल । निर्वाचन आयोग के भोपाल प्रवास के दौरान मध्य प्रदेश में दो माह पहले हुई प्रभारी डिप्टी कलेक्टरों ओर प्रभारी तहसीलदार, नायब तहसीलदार की पदस्थापना पर आयोग ने इससे संबंधित नियम-कानून की जानकारी राज्य शासन से तलब कर ली। आयोग के निर्देश पर राज्य शासन ने लिखित तौर पर इसका जवाब भेज दिया है।

चार दिन पहले मध्य प्रदेश में विधानसभा चुनाव की तैयारी की समीक्षा करने आए मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार और फुल बेंच के संज्ञान में यह मामला लाया गया था कि मध्य प्रदेश के सभी जिलों में प्रभारी डिप्टी कलेक्टर की पदस्थापना की गई है जो पदोन्नति से नहीं हुई है। यह अधिकारी आरओ (रिटर्निंग अधिकारी) की भूमिका में रहेंगे। इसी तरह की स्थिति नायब तहसीलदार से प्रभारी तहसीलदार बनाए गए अधिकारियों के मामले में भी बताई गई जिन्हें चुनाव में एआरओ की भूमिका में जिम्मेदारी निभाना है। यह जानकारी सामने आने के बाद मुख्य चुनाव आयुक्त ने राज्य शासन से जवाब तलब किया था कि ऐसा कैसे हो सकता है? इसके बाद जीएडी और राजस्व विभाग की ओर से प्रभारी डिप्टी कलेक्टरों और प्रभारी तहसीलदारों की पदस्थापना को लेकर लिखित में जानकारी तैयार करके चुनाव आयोग को भेजी गई है।

मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी अनुपम राजन ने इस मामले बताया कि आयोग के प्रवास के दौरान जो जानकारी मांगी गई थी, उसमें राज्य शासन ने यह स्पष्ट कर दिया है कि चूंकि सुप्रीम कोर्ट में पदोन्नति में रिजर्वेशन का केस चल रहा है और कोर्ट के फैसले के इंतजार के चलते पदोन्नति नहीं हो पा रही है। इसलिए यह व्यवस्था तय की गई है। अगर इन अधिकारियों को पदोन्नति दी जाती तो वर्तमान में जिस पद पर उन्हें प्रभारी कलेक्टर बनाया गया है, वे यही जिम्मेदारी निर्नहन करते । शासन के इस जवाब से आयोग संतुष्ट है।

जुलाई में हुई थी 185 प्रभारी डिप्टी कलेक्टर की पोस्टिंग

प्रदेश में प्रभारी डिप्टी कलेक्टरों की पदस्थापना इसी साल जुलाई में की गई है। इसके लिए राजस्व विभाग द्वारा पहले 3 साल या अधिक समय से जिलों में पदस्थ तहसीलदारों के नवीन पदस्थापना के आदेश जारी किए गए और इसके बाद सामान्य प्रशासन विभाग ने जिलों में नवीन पदस्थापना के बाद प्रभार संभालने वाले तहसीलदारों को प्रभारी डिप्टी कलेक्टर के अधिकार देने के आदेश जारी कर दिए हैं। जीएडी द्वारा जारी किए गए आदेश में 185 तहसीलदारों को प्रभारी डिप्टी कलेक्टर बनाया गया था। इसी तरह से करीब 200 नायब तहसीलदारों को प्रभारी तहसीलदार की जिम्मेदारी पद रिक्त होने के बाद राजस्व विभाग द्वारा सौंपी गई है।

मतदाता सूची और संपूर्ण चुनावी व्यवस्था में मुख्य भूमिका में रहेंगे यह अफसर

विधानसभा चुनाव के दौरान प्रभारी डिप्टी कलेक्टर बनाए गए और प्रभारी तहसीलदार की भूमिका निभा रहे ये अफसर मुख्य भूमिका में रहेंगे। जिला निर्वाचन अधिकारी चुनाव संबंधी संपूर्ण व्यवस्था इन्हीं अफसरों के माध्यम से संचालित करेंगे। चूंकि शासन ने इन्हें प्रभारी डिप्टी कलेक्टर और एसडीएम के पावर दे दिए हैं, इसलिए चुनाव व्यवस्था संचालन में किसी तरह की दिक्कत की संभावना नहीं है। चुनाव आयोग द्वारा चाही जाने वाली विधानसभा वार जानकारी भी आरओ और एआरो की भूमिका निभा रहे इन्हीं अफसरों के माध्यम से पहुंचेगी।

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