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जिले में समाजवाद की राजनीति : राजपूत समाज ने टिमरनी थाने का किया घेराव तो जाट समाज ने एसपी को दिया ज्ञापन

जिले में समाजवाद की राजनीति : राजपूत समाज ने टिमरनी थाने का किया घेराव तो जाट समाज ने एसपी को दिया ज्ञापन 

जनचर्चा : दबाव की राजनीति के चलते क्या सही जांच होगी मामले की...?


लोकमतचक्र डॉट कॉम। 

हरदा । जिले में समाजवाद की राजनीति के चलते दो महत्वपूर्ण समाज एक दूसरे के आमने सामने आ गये है।एक ओर राजपूत समाज के लोग करणी सेना के साथ उनके सामाजिक बंधुओं के साथ हुई घटना जिसमें टिमरनी थाना अंतर्गत आने वाले ग्राम सन्यास में गत 31 दिसंबर के दिन लोकेंद्र सुरमा पर उसी के खेत में कुछ लोगों के द्वारा मारपीट की घटना को अंजाम दिया था में जिसमे आरोपियो को आज तक गिरफ्तार नही किए जाने को लेकर कल से टिमरनी थाने के बाहर फरियादी करणी सेना के साथ धरने पर बैठे है । वही इस मामले में दूसरे पक्ष ने भी अपनी समाज के सैकड़ो लोगो के साथ SP कार्यालय पहुचकर SP को मामले में ज्ञापन दिया और चेतावनी दी कि अगर किसी के दबाव में मामले में अन्य नाम जोड़े या धाराएं बड़ाई तो जाट समाज भी उग्र आंदोलन करेगा।

मामले को लेकर टिमरनी में थाने का घेराव कर फरियादी राजपूत परिवार का आरोप लगाया है कि आरोपियों को पुलिस ने संरक्षण दिया और मामूली सी धारा लगाकर मामले को रफादफा करने की कोशिश की साथ ही आरोपी और फरियादी दोनों पर काउंटर मामला दर्ज़ कर लिया गया जबकि फरियादी को गंभीर चोटें आई है और कई दिनों से इंदौर हॉस्पिटल में भर्ती रहा तथा उसकी याददाश्त भी कमजोर होना बताया जा रहा है। पुलिस के द्वारा जिस फरियादी के साथ अत्यधिक मारपीट हुई और गंभीर चोटे आई है उस पर भी मामला दर्ज कर लिया गया तथा आरोपियों को आज तक गिरफ्तार नहीं किया गया है। अब करणी सेना टिमरनी थाना प्रभारी सुशील पटेल को निलंबित कर मामले की निष्पक्ष जांच करने तथा फरियादी पर लगाई गई झूठी धाराओं को हटाने की मांग कर रहे है। 

दूसरी तरफ जाट समाज ने एसपी को सौंपे ज्ञापन में कहा कि दिनांक 31/12/2023 को ग्राम सन्नास्या तहसील टिमरनी जिला-हरदा (म.प्र.) कुछ व्यक्तियों के बीच आपसी विवाद हुआ था, जिसके बाद दोनों पक्षों के लोगो द्वारा एक दूसरे के विरूध्द पुलिस थाना टिमरनी पर एफ.आई.आर. दर्ज करवायी थी और उस मामले की जांच पुलिस थाना टिमरनी कर रही है, परंतु कुछ समय से कुछ लोग इस मामले में निर्दोष लोगों को झूठा फंसाने के लिए और धाराएं बढ़ाने के लिए लगातार प्रयास एवं धरना प्रदर्शन कर पुलिस प्रशासन पर अनुचित रूप से दवाब बना रहे है, इन लोगो के द्वारा गलत बयानबाजी और सोशल मीडिया पर गलत वत्तव्य कहे जा रहे है, जिस कारण दो समाज के मध्य शत्रुता का भाव उत्पन्न हो रहा है। यदि पुलिस प्रशासन द्वारा किन्ही लोगो के दवाब व प्रभाव में आकर निर्दोष लोगों के खिलाफ कार्यवाही करती है/ धाराएं बढ़ायी जाती है तो जाट समाज एवं सर्व समाज के द्वारा भी उग्र धरना प्रदर्शन कर सड़को पर उतरेगी जिसकी जवाबदारी प्रशासन की रहेगी।

हालांकि पुलिस अधिकारियों के आश्वासन के बाद टिमरनी थाने में करणी सेना का धरना समाप्त हो गया है ओर जाट समाज ने भी पुलिस अधीक्षक को संख्या बल के साथ ज्ञापन सौंप दिया है । अब देखना है कि पुलिस प्रशासन निष्पक्षता से काम करता है कि समाज संगठन के दबाव प्रभाव में सुस्त हो जायेगा ।

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