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शिवराज ने खोला कांग्रेस का चिट्ठा : कितने नेता, पूर्व सीएम, केंद्रीय मंत्री कांग्रेस छोड़े और कितने चुनाव राहुल गांधी के नेतृत्व में हारे जारी किया ब्यौरा

शिवराज ने खोला कांग्रेस का चिट्ठा : कितने नेता, पूर्व सीएम, केंद्रीय मंत्री कांग्रेस छोड़े और कितने चुनाव राहुल गांधी के नेतृत्व में हारे जारी किया ब्यौरा 

लोकमतचक्र डॉट कॉम।  

भोपाल। मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कांग्रेस का चिट्ठा खोलते हुए कितने नेता, पूर्व सीएम, केंद्रीय मंत्री कांग्रेस छोड़े और कितने चुनाव राहुल गांधी के नेतृत्व में हारे का ब्यौरा जारी किया है। शिवराज सिंह ने कहा कि मैं देख रहा था कि कांग्रेस छोड़ने वालों की इतनी बड़ी सूची है और कितने राज्यों में कांग्रेस हारी है। 

2014 से 2020 तक आप कल्पना कीजिए कांग्रेस को क्या हुआ है कांग्रेस से इस्तीफा देने वाले बड़े नेता -

हिमन्त बिस्व सरमा जब पूरी कर्मठता से बीजेपी में आने के बाद असम का नेतृत्व कर रहे हैं, चौधरी बीरेंदार सिंह, रंजीत देशमुख, जी के वासन, जयंती नटराजन, पेमा खांडू, रीता बहुगुणा जोशी, एन बीरेन सिंह, शंकर सिंह वाघेला, टॉम वडक्कन, ज्योतिरादित्य सिंधिया, केपी यादव, प्रियंका चतुर्वेदी

2021 में कांग्रेस से इस्तीफा देने वाले बड़े नेता -

पीसी चाको, जितिन प्रसाद, सुष्मिता देव, ललितेश त्रिपाठी, लुईजिन्हो फलेरो, पंकज मालिक, हरेन्द्र मालिक, कैप्टन अमरिंदर सिंह, रवि नाइक

2022 में कांग्रेस से इस्तीफा देने वाले बड़े नेता -

इमरान मसूद,अदिति सिंह,सुप्रिया एरॉन, आरपीएन सिंह,अश्विनी कुमार, रिपुन बोरा, हार्दिक पटेल, सुनील जाखड़, कपिल सिब्बल, कुलदीप बिश्नोई, जयवीर शेरगिल, गुलाम नबी आजाद, दिगम्बर कामत 

2023 में कांग्रेस से इस्तीफा देने वाले बड़े नेता -

अनिल एंटनी, सीआर केसवन

2024 में कांग्रेस से इस्तीफा देने वाले बड़े नेता -

मिलिंद देवड़ा, अशोक चव्हाण, गीता कोड़ा, बाबा सिद्दीकी, राजेश मिश्रा, अमरीश डेर, जगत बहादुर अन्नू, चांदमल जैन, बसवराज पाटील, नारण राठवा

कांग्रेस छोड़ने वाले पूर्व मुख्यमंत्री :

किरण कुमार रेड्डी, कैप्टन अमरिंदर सिंह, एस एम कृष्णा, दिगंबर कामत, विजय बहुगुणा,पेमा खांडू, अशोक चव्हाण, एन डी तिवारी, रवि नाइक, गुलाम नबी आजाद, अजीत जोगी, लुइजिन्हो फलेरियो, किरण कुमार रेड्डी

2013 के बाद जो कांग्रेस ने चुनाव हारे हैं 2014 और 2019 के लोकसभा चुनाव उसके बाद हिमाचल प्रदेश विधानसभा चुनाव: 2017, मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव: 2013,2023,  पंजाब विधानसभा चुनाव: 2022, हरियाणा विधानसभा चुनाव: 2014, 2019, उत्तराखंड विधानसभा चुनाव: 2017, 2022, उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव: 2017, 2022, राजस्थान विधानसभा चुनाव: 2013, 2023, गुजरात विधानसभा चुनाव: 2017, 2022, छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव: 2013, 2023, बिहार विधानसभा चुनाव: 2015, 2020, झारखंड विधानसभा चुनाव: 2014, सिक्किम विधानसभा चुनाव: 2014, 2019, असम विधानसभा चुनाव: 2016, 2021, अरुणाचल प्रदेश विधानसभा चुनाव: 2019, नागालैंड विधानसभा चुनाव: 2013, 2018, 2023, मणिपुर विधानसभा चुनाव: 2022, मिजोरम विधानसभा चुनाव: 2018, त्रिपुरा विधानसभा चुनाव: 2013, 2018, 2023, मेघालय विधानसभा चुनाव: 2023, पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव: 2016, 2021, महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव: 2014, 2019, उड़ीसा विधानसभा चुनाव: 2014, 2019, गोवा विधानसभा चुनाव: 2017, 2022, कर्नाटक विधानसभा चुनाव: 2018, तेलंगाना विधानसभा चुनाव: 2018, आंध्र प्रदेश विधानसभा चुनाव: 2014, 2019, तमिलनाडु विधानसभा चुनाव: 2016, 2021, केरल विधानसभा चुनाव: 2016, 2021

राहुल जी की तो यह हालत होती है कि वो जहां जाते हैं वहाँ हम तो डूबे हैं सनम तुमको भी ले डूबेंगे। अब बेचारे अखिलेश, तेजस्वी जिनके साथ उनका गठबंधन हुआ उन्हें भी साथ ले डूबे अब केजरिवाल का भी भला नहीं होने वाला है।मैडम श्रीमती सोनिया गांधी जी ने चुनाव लड़ने से इंकार कर दिया, बैक डोर एंट्री हुई है उनकी राज्य सभा में... अब जिसके सर्वोच्च नेता का ही आत्मविश्वास हिल गया हो, उस पार्टी का क्या होगा यह कल्पना की जा सकती है ।2019 में राहुल जी के नेतृत्व में कांग्रेस ने चुनाव लड़ा था और अमेठी से खुद राहुल गांधी जी चुनाव हार गए थे । 

अभी अगर इतिहास देखें तो एक के बाद एक लगभग 50 चनाव कांग्रेस ने हारे हैं 2013 के, 14 के बाद, कई उनके मुख्यमंत्री, पूर्व मुख्यमंत्रीयों ने कांग्रेस छोड़ दी और कई जगह उनको चुनाव लड़ने के लिए उम्मीदवार नहीं मिल रहे । राहुल गांधी जी तो ऐसे कप्तान है जिन्हें यह पता ही नहीं है कि कब क्या करना चाहिए..!

जब उन्हें चुनाव की तैयारी करना चाहिए तो वह यात्रा करते हैं। जब उन्हें यात्रा करनी चाहिए तो विदेश में छुट्टी मनाते हैं और चुनाव में हारने के बाद ईवीएम - ईवीएम चिल्लाते हैं। कांग्रेस की यह हालत देखकर कांग्रेस के विचारवान नेता लगातार कांग्रेस छोड़ते जा रहे हैं। एक के बाद एक चुनाव कांग्रेस लगातार हारती चली जा रही है।कांग्रेस ऐसा दल बन गई है जिसके पास ना तो अब सेना बची है और ना सेनापति, चुनाव लड़ने वालों का टोटा पड़ा हुआ है, जब मैडम चुनाव नहीं लड़ रहीं तो बाकी बड़े नेताओं ने हाथ उठा दिए ।

एक तरफ भारतीय जनता पार्टी पूरी तरह से तैयार है। भारतीय जनता पार्टी संपूर्ण प्रखरता से चमकता हुआ सूर्य है तो कांग्रेस डूबता हुआ जहाज है।कांग्रेस में ना तो दिशा है और ना दृष्टि है। इसलिए कांग्रेस की दशा भी बहुत खराब हो रही है।सेनापति खुद भ्रमित हैं। कई जगह सुना ही गायब है और सेनापति सेना छोड़ रहे हैं। शिवराज सिंह ने कहा कि मैं आज पूरे विश्वास के साथ यह कहता हूं कि अबकी बार 400 पर अब केवल बीजेपी का मंत्र और नारा नहीं है, यह जनता की उद्घोषणा है।

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