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हरदा जिले के रहटगांव वनपरिक्षेत्र में अभी भी विचरण कर रही है बाघिन अपने तीन शावकों के साथ

हरदा जिले के रहटगांव वनपरिक्षेत्र में अभी भी विचरण कर रही है बाघिन अपने तीन शावकों के साथ

बाघिन ओर उसके तीन शावकों का विडीयों वायरल


हरदा
- गत दिवस सतपुड़ा रिर्जव टाईगर टीम द्वारा तीन दिनों की मशक्कत के बाद रहटगांव वनपरिक्षेत्र से एक बाघ को पकड़ने में सफलता प्राप्त की थी, इससे लगा था कि अब हरदा जिले के जंगल में फिलहाल बाघ का खतरा खत्म हो गया है, किंतु उसी दिन शाम को बाघिन दिखने की खबर मिली थी। अब सोशल मीडिया पर बाघिन के तीन शावकों के साथ विडीयों वायरल हो रहा है। उक्त विडीयों रहटगांव वनपरिक्षेत्र के जवारदा का बताया जा रहा है। हालांकि लोकमत चक्र डॉट कॉम विडीयों की पुष्टि नहीं करता है। विडीयों देखने के लिए क्लिक करें-

गौरतलब है कि 7 दिन पूर्व जवारधा के जंगल में बाघिन और शावक देखे जाने की बात ग्रामीणों द्वारा कहीं गई थी। जिसके पश्चात एक चरवाहे पर हमला होने के बाद वन विभाग हरकत में आया। पिछले 2 दिनों से सतपुड़ा टाइगर रिजर्व की टीम द्वारा आज एक बाघ को रेस्क्यू कर भोपाल वन विहार भेजा गया। परंतु आज पुनः जवारधा और कपासी के नजदीक नाले के समीप बाघिन और शावक को देखे जाने की बात सामने आई है। 

सूचना मिलते ही वन विभाग के अधिकारी कर्मचारी मौके के लिए रवाना हो गए हैं। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार नाले के समीप बाघिन के पग मार्ग मिले हैं। कुछ स्थानों पर शावर के भी पग मार्ग देखे गए हैं।  ग्रामीणों ने बताया कि शाम 4:00 बजे तक नाले के आसपास घूमने के बाद बाघिन पुनः पहाड़ी के ऊपर चली गई। उल्लेखनीय है कि हीरालाल 50 वर्ष निवासी केलझिरी पर 9 जनवरी को बाघिन द्वारा हमला किया गया था। इसके पश्चात 11 जनवरी को रतन पिता चंपालाल 42 वर्ष पर सुबह बाघ द्वारा हमला किया गया। इस घटना के बाद जब वन विभाग का अमला सर्चिंग के लिए गया था तब वनरक्षक हरिओम जगनवार पर हमला कर दिया था। इस हमले में रतन की मौत हो चुकी है वही हीरालाल और वनरक्षक हरिओम घायल हैं जिनका उपचार किया जा रहा है।

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