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तानाशाह तहसीलदार के अभद्र व्यवहार से क्षुब्ध पटवारियों ने दिया कार्यशैली सुधारने का ज्ञापन

तानाशाह तहसीलदार के अभद्र व्यवहार से क्षुब्ध पटवारियों ने दिया कार्यशैली सुधारने का ज्ञापन

पटवारियों के ज्ञापन से गुस्साए तहसीलदार ने पटवारी संघ अध्यक्ष को किया तहसील कार्यालय में अटैच

संघ पदाधिकारी होने की धौंस देकर कहता है तहसीलदार मेरा कोई कुछ नहीं बिगाड़ सकता


सीहोर/रेहटी - अंग्रेजी मानसिकता से ग्रसित तानाशाह अधिकारियों के कारण उनके मताहतों को किस कदर प्रताड़ित होना पड़ता है इसका जीवंत उदाहरण सीहोर जिले की रेहटी तहसील में देखा जा सकता है। जहां पदस्थ तहसीलदार आर. एल. बागरी जो स्वयं को तहसीलदार संघ का पदाधिकारी कहते है ने अपने मताहतों पटवारियों को इस कदर प्रताड़ित कर लिया है कि दो वर्षों से प्रताड़ना सह रहे पटवारियों के सब्र का बांध अंततः टूट गया ओर उन्होंने तहसीलदार की कार्यप्रणाली सुधार की मांग करते हुए एसडीएम को कलेक्टर महोदय के नाम ज्ञापन दे दिया। इससे गुस्साए तहसीलदार श्री बागरी ने कलेक्टर के अधिकारो का उपयोग करते हुए पटवारी संघ के तहसील अध्यक्ष को हल्के से हटाकर तहसील कार्यालय स्वयं के आदेश से अटैच कर दिया।

मामला कुछ यूं है कि रेहटी तहसील में पदस्थ तहसीलदार आर. एल. बागरी विगत दो वर्षों से पटवारियों के गृह भाड़ा भत्ता ओर यात्रा भत्ता बिना किसी सक्षम आदेश के रोके हुए है। पटवारियों द्वारा जब भी इस संबंध में बात की जाती है तो तहसीलदार अभद्रता से बात करते है ओर कहते है कि मैं तहसीलदार संघ का पदाधिकारी हूँ, मेरे ऊपर तक संबंध है, मैं भाजपा नेताओं ओर मुख्यमंत्री का खास हूँ कोई मेरा कुछ नहीं बिगाड़ सकता है। इसके साथ ही तहसीलदार द्वारा कोरोना के इस संकट काल में अवकाश के दिनों में बैठक करना, महिला पटवारियों के सामने अभद्र भाषा का प्रयोग करना आम है।

दो बरसों से प्रताड़ना सहते हुए तंग आ गए पटवारियों ने अंततः तहसीलदार  की कार्यप्रणाली सुधार किए जाने की मांग करते हुए एक ज्ञापन SDM बुधनी को कलेक्टर महोदय के नाम सौंपा और पटवारियों ने मांग की कि तहसीलदार श्री बागरी अपनी कार्यशैली में सुधार नहीं लाते हैं और पटवारियों का अकारण रोका गया गृह भाड़ा भत्ता और यात्रा भत्ता का भुगतान नहीं करते हैं तो patwari बस्ता बंद हड़ताल के लिए बाध्य होंगे।


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