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मध्यप्रदेश में जनसंख्या नियंत्रण कानून बनाया जाए, भाजपा विधायक ने उठाई मांग

मध्यप्रदेश में जनसंख्या नियंत्रण कानून बनाया जाए, भाजपा विधायक ने उठाई मांग 

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को लिखा पत्र 

लोकमतचक्र.कॉम।

भोपाल : जनसंख्या नियंत्रण कानून को लेकर केंद्र सरकार में चल रही तैयारी के साथ ही प्रदेश में भी जनसंख्या नियंत्रण कानून को लेकर भाजपा विधायक ने मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान को पत्र लिखकर कानून बनाने की मांग की है।

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को पत्र लिखकर भाजपा विधायक रामेश्वर शर्मा ने मध्यप्रदेश में जनसंख्या नियंत्रण कानून बनाया जाए की वकालत की है। श्री शर्मा ने लिखा कि पिछले 10 सालों में 1.5 करोड़ बढ़ी है मध्यप्रदेश की जनसंख्या। उन्होंने प्रदेश के विकास, सुरक्षा, सुशासन के लिए जनसंख्या नियंत्रण कानून बहुत जरूरी बताते हुए कहा कि कई पश्चिमी देश जो साधन संसाधन में हमसे कहीं आगे उन देशों की अपेक्षा मध्यप्रदेश की जनसंख्या कही अधिक ।

विधायक शर्मा ने कहा कि दस साल पहले प्रदेश की आबादी सवा सात करोड़ थी जो अब एक करोड़ से अधिक बढ़ चुकी है। यह आबादी विकसित देशों स्पेन, फ्रांस, इटली, ब्रिटेन आदि से अधिक है जहां संसाधन तो हैं पर आबादी कम है। ऐसे में प्रदेश में भी जनसंख्या नियंत्रण कानून बनाकर लागू किया जाना चाहिए। गौरतलब है कि दो दिन पहले भोपाल सांसद प्रज्ञा ठाकुर ने बांग्लादेश से आने वाले रोहिंग्या शरणार्थियों को लेकर राज्य सरकार को चेताया था। तब उन्होंने कहा था कि जनसंख्या नियंत्रण कानून आज की जरूरत है। मध्यप्रदेश में तुरंत ही जनसंख्या नियंत्रण कानून लागू किया जाना चाहिए। इसके पहले इसी मामले में मंदसौर सांसद और भाजपा के राष्ट्रीय पदाधिकारी सुधीर गुप्ता ने भी एक सवाल के जवाब में कहा था कि एक्टर आमिर खान पर तंज कसते हुए कहा था कि उनके जैसे लोग जनसंख्या वृद्धि की वजह बनते हैं। 

विहिप का समर्थन लेकिन एक बच्चे पर सहमत नहीं

उधर विश्व हिन्दू परिषद ने यूपी सरकार द्वारा इस कानून का ड्राफ्ट लाए जाने के बाद कानून का समर्थन किया है लेकिन इसका विरोध किया है कि एक बच्चे की नीति लागू हो। विहिप ने यूपी सरकार से इस पर विचार करने को कहा है और अन्य सरकारों को भी इस नीति का अनुसरण नहीं करने की सलाह दी है। विहिप की ओर से कहा गया है कि यूपी सरकार की एक बच्चे की नीति अलग-अलग समुदायों के बीच असंतुलन पैदा कर सकती है। कई प्रदेशों में पहले ही असंतुलन की स्थिति बन चुकी है। असम और केरल में हिन्दू प्रजनन दर 2.1 प्रतिशत से कम हो गई है। विहिप ने दो बच्चे की नीति के साथ इसे लागू करने पर जोर दिया है।

गौरतलब है कि मध्यप्रदेश में शासकीय सेवकों के लिए वर्ष 2001 के बाद तीन बच्चे होने पर नौकरी से हटाने का कानून लागू है, उक्त कानून को यदि सख्ती के साथ लागू कर दिया जावें तो भी प्रदेश के हजारों अधिकारी ओर कर्मचारियों की नौकरी जा सकती है।


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