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पटवारी का काम करेगें कलेक्टर, फसल सर्वे में साथ रहेगा अमला

पटवारी का काम करेगें कलेक्टर, फसल सर्वे में साथ रहेगा अमला . . . !

वेतन विसंगति दूर करने की मांग को लेकर हड़ताल पर है पटवारी

लाचार ओर बेबस जनता सरकार की ओर राहत की आश लगायें देख रही

लोकमतचक्र.कॉम।

भोपाल : अपनी वेतन विसंगति दूर किए जाने को लेकर चरणबद्ध आंदोलन के बाद अनिश्चितकालीन कलम बंद हड़ताल पर गए पटवारियों से राजस्व विभाग के कार्य प्रभावित होने लगे है। बाढ़ ग्रस्त क्षेत्रों में दो सप्ताह से अधिक समय होने के बाद भी प्रभावित किसानों ओर जनता को आर्थिक सहायता नहीं पहुंची है। जनता टकटकी लगाए सरकार की ओर देख रही है ऐसे में श्योपुर जिले के कलेक्टर ने बाढ़ सर्वे के लिए जिले के आलाधिकारियों की डयूटी लगाते हुए उन्हें पाबंद किया है।


कलेक्टर श्योपुर ने कहा कि श्योपुर जिले में पटवारी हडताल पर रहने के कारण अतिवर्षा एवं बाढ़ से प्रभावित फसलो को देखने के लिए विभागीय अमला जावेगा और पटवारी का काम कलेक्टर करेगें। इसी प्रकार अपर कलेक्टर, डिप्टी कलेक्टर, अनुविभागीय अधिकारी राजस्व, तहसीलदार, आरआई, ग्रामीण विकास, कृषि विभाग के अधिकारियों के साथ सर्वे कार्य को अजंमा दिलाने के लिए जिला प्रशासन का सहयोग करेगें। पटवारियों की हडताल से काम रूकेगा नही बल्कि उनका काम राजस्व और कृषि, ग्रामीण विकास के अधिकारियों से लिया जावेगा।

गौरतलब है कि बिना पटवारी के सर्वे कार्य कैसे पूरा होगा ओर जनता को कब ओर कैसे शासन से सहायता मिलेगी यह चर्चा का विषय है। क्योंकि फिल्ड का जितना व्यवहारिक ज्ञान ओर जमीन का लेखाजोखा रखने की योग्यता पटवारी के पास होती है वह अन्य किसी के पास नहीं है। इसे अधिकारी दबी जुबान स्वीकार तो कर रहे है किंतु वरिष्ठ अधिकारियों ओर नेताओं के सामने बोलने से कतरा रहे है। किंतु यह सत्य है कि सरकार की इस तरह से लापरवाही जनता के लिए भयंकर दुख का कारण बनी हुई है।

उल्लेखनीय है कि पटवारी संघ के प्रदेश संवाद समिति अध्यक्ष राजीव जैन का कहना है कि मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने वर्ष 2007 मे सनावद सम्मेलन मे पटवारी के वेतन विसंगति दुर करने का आश्वासन दिया था किन्तु शासन ने राजस्व निरीक्षक, नायब तहसीलदार, तहसीलदार का वेतनमान उन्नयन कर दिया किन्तु पटवारी का वेतन उन्नयन नही किया गया व पटवारी के साथ शासन द्वारा सौतेला व्यवहार किया गया । वर्तमान परिस्थिति पर उन्होंने कहा कि सरकार को हमने दो माह पहले चेता दिया था, किंतु सरकार ही जनता की मदद नहीं करना चाहती है। सरकार यदि वास्तव में बाढ़ पीड़ितों को सहायता देना चाहती है तो अपने वचन को पूरा करे, पटवारियों की मांगों का निराकरण तत्काल करें ताकि पटवारी फिल्ड पर जाकर जनता की मदद कर सकें।

पटवारियों की मुख्यतः तीन मांगे है :- 

1 वेतनमान ग्रेड पे 2800 की जाए व  समयमान वेतनमान विसंगति दूर की जाए ।

2 वर्ष 2018 के पटवारियों के गृह जिले में स्थानांतरण  किये जाए ।

3 वर्ष 2018 के पटवारियों  की सीपीसीटी के नियम की अनिवार्यता समाप्त की जाए ।

ग्रेड पे के संबंध में पटवारी द्वारा 2007 के पूर्व से लगभग 20 वर्षों से निरंतर प्रयास किए जा रहे हैं किंतु शासन द्वारा उनकी वाजिब मांग की ओर कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है। जैसा कि सभी जानते हैं कि पटवारी राजस्व विभाग का सबसे छोटा कर्मचारी और सबसे नीचे का पद होकर पर अति महत्वपूर्ण पद है एवं चाहे कोई कार्य /फाइल जो राजस्व निरीक्षक को जाए,तहसीलदार को जाए, एसडीएम को जाए, कलेक्टर को जाए, कमिश्नर को जाए या राज्य शासन को जाए  पटवारी की रिपोर्ट के बिना कोई भी आदेश /कार्य नहीं होता है। इसके अतिरिक्त पटवारी अन्य 56 विभागो के भी विभिन्न प्रकार के कार्य करता है । इतना महत्वपूर्ण  पद होने के उपरांत भी इस पद के वेतनमान विसंगति कि ओर ध्यान न देकर शासन द्वारा निरंतर उपेक्षा की जा रही हैं। एवं इनकी मांगों की ओर कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है।

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