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सरकार की वादाखिलाफी के चलते, मध्य प्रदेश के पटवारी आज से अनिश्चितकालीन कलम बंद हड़ताल पर

सरकार की वादाखिलाफी के चलते, मध्य प्रदेश के पटवारी आज से अनिश्चितकालीन कलम बंद हड़ताल पर

लोकमतचक्र.कॉम।

हरदा : विगत 22 वर्षों से अपने वेतनमान की मांग कर रहे पटवारी मध्य प्रदेश सरकार की वादाखिलाफी से त्रस्त होकर विगत 25 जून से चरणबद्ध आंदोलन कर रहे हैं जिसके अगले चरण में आज से प्रदेश के पटवारियों ने अपनी कलम बंद कर अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाने का फैसला कर लिया है । जिसके चलते मध्य प्रदेश के पटवारी आज 10 अगस्त से अनिश्चितकालीन कलम बंद हड़ताल पर चले गए हैं।


उक्त संबंध में मध्य प्रदेश पटवारी संघ के जिलाध्यक्ष सुमेरसिंह राजपूत ने कहा प्रदेश सरकार विगत 22 वर्षों से पटवारी संवर्ग की उपेक्षा कर रही है। प्रदेश के पटवारियों द्वारा पूर्व के आंदोलनों में भी माननीय मुख्यमंत्री जी शिवराज सिंह चौहान और तत्कालीन राजस्व मंत्री यो के मौखिक और लिखित आश्वासनों पर स्थगित की गई किंतु सरकार ने अपना वादा नहीं निभाया और लगातार वादाखिलाफी पटवारियों के साथ की जा रही है।

मध्य प्रदेश पटवारी संघ के संगठन मंत्री अशोक मालवीय ने कहा कि प्रदेश के मुखिया शिवराज सिंह चौहान द्वारा पटवारियों के वर्ष 2007 में आयोजित सनावद सम्मेलन में घोषणा करते हुए पटवारियों के वेतनमान बढ़ाए जाने की घोषणा की थी इसके बाद रहे राजस्व मंत्री करण सिंह वर्मा, कमल पटेल, रामपाल सिंह एवं गोविंद सिंह राजपूत द्वारा इस संबंध में नोटशीट भी चलाई और समय-समय पर आश्वासन भी दिया किंतु सरकार द्वारा आज तक पटवारियों का वेतनमान नहीं बढ़ाया गया है । इसके चलते प्रदेश के पटवारी आंदोलन को मजबूर हुए हैं । सरकार को पूर्व में दिए ज्ञापन के अनुसार आज दिनांक 10 अगस्त तक सरकार द्वारा वेतनमान संबंधित आदेश जारी नहीं किए गये है इसलिए प्रदेश के समस्त पटवारी कलम बंद हड़ताल पर जाने को मजबूर हो गये है।

उल्लेखनीय है कि पटवारियों की हड़़ताल से प्रदेश के राजस्व विभाग का काम-काज ठप्प हो सकता है। जिससे न सिर्फ किसानों को बल्कि आम जनता की भी दिक्कतें बढ़ सकती है। जमीन के नाप-जोख, नामांतरण, पी. एम. सम्मान निधि, सी. एम. सम्मान निधि, फसल गिरदावरी, जाति प्रमाणपत्र, बीपीएल जांच, आपदा राहत, कोरोना टीकाकरण, आयुष्मान कार्ड, न्यायालीन कार्य आदि सहित सभी कार्य बंद हो जाएंगे।

ये है मांग:-

आपको बता दें पटवारी अपनी तीन सूत्रीय मांग को लेकर सरकार से नाराज हैं। पटवारी वेतन विसंगति ग्रेडपे 2800/-रूपये, गृह जिला में पदस्थापान, नए पटवारियों के लिए सीपीसीटी की अनिवार्यता खत्म करने की मांग कर रहे हैं। पूर्व के आंदोलनों से सबक लेते हुए पटवारियों ने न्यायालय में पहले से ही इस संबंध में केविएट दायर कर अपना पक्ष मजबूत कर लिया है। ज्ञातव्य हो कि राजस्व मंत्री गोविंद सिंह राजपूत द्वारा विगत 2 वर्ष पूर्व भी लिखित में पटवारियों को आश्वासन देकर 6 माह में वेतनमान बढ़ाने का कहा था तथा न्यायालय में भी सरकार का यही पक्ष रखा था जिस पर अभी तक कोई कार्यवाही नहीं की गई है।

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