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नर्मदा घाटों पर इस साल भी भूतडी अमावस्या पर नहीं नाचेंगे भूत...

नर्मदा घाटों पर इस साल भी भूतडी अमावस्या पर नहीं नाचेंगे भूत...


हरदा जिले में अब अमावस्या पर नर्मदा किनारे हंडिया में नहीं लगेगा मेला, स्नान पर भी रोक 

खातेगांव के बाद हरदा एसडीएम ने जारी किए प्रतिबंधित आदेश

लोकमतचक्र.कॉम।

हरदा/हंडिया : नर्मदा घाटों पर इस साल भी भूतडी अमावस्या पर नहीं नाचेंगे भूत कोरोना महामारी की वजह से। प्रतिवर्ष नर्मदा घाट हंडिया और नेमावर में सर्व पितृ मोक्ष अमावस्या (भूतड़ी अमावस्या) लगने वाला मेला ओर स्नान इस वर्ष भी नहीं लगेगा। ऐसा कोरोनावायरस के कारण शासन के द्वारा निर्धारित गाइडलाइन की वजह से हो रहा है । इस वर्ष सर्व पितृ मोक्ष अमावस्या (भूतड़ी अमावस्या) 

6 अक्टूबर को है ओर यह लगातार दूसरे साल मेला नहीं लगेगा स्नान पर भी प्रतिबंध रहेगा। देवास जिले के खातेगांव एसडीएम त्रिलोचन सिंह गौड़ ने भूतड़ी अमावस्या पर मेला व स्नान प्रतिबंध के आदेश जारी करने के बाद हरदा एसडीएम श्रुति अग्रवाल ने भी रोक के आदेश जारी कर दिए। नर्मदा तटों पर भूतड़ी अमावस्या के एक दिन पहले मेला लग जाता है इस बार मेला और स्नान प्रतिबंधित रहेगा। हरदा एसडीएम श्रुति अग्रवाल ने कहा कि कोरोना संक्रमण के चलते धारा 144 लागू है। अमावस्या पर नर्मदा तटों पर भीड़ एकत्रित नहीं होने दी जाएगी। इसके लिए बेरिकेडिंग की जाएगी। जवान भी तैनात रहेंगे।

कोरोना संक्रमण के चलते पिछले साल भी भूतड़ी अमावस्या पर मेला नहीं लगा था। स्नान के लिए पहुंचने वाले लोगों को पुलिस ने रोककर लौटा दिया था। एसडीएम श्रुति अग्रवाल ने कहा कि कोरोना संक्रमण की संभावित तीसरी लहर के मद्देनजर एहतियातन कदम उठाए जा रहे हैं। लोगों, जनप्रतिनिधियों के साथ बैठकों में अमावस्या पर मेला और स्नान पर नर्मदा नदी में प्रतिबंध रखने की जानकारी दी जा रही है। 

● संक्रमण फैलने की आशंका के चलते लगाई रोक -

देवास जिले के खातेगांव एसडीएम त्रिलोचन सिंह गौड़ ने अमावस्या पर 5 व 6 अक्टूबर को नर्मदा तट पर किसी भी तरह के मेले, स्नान सहित अन्य कार्यक्रमों पर प्रतिबंध लगा दिया है। उन्होंने बताया कि घाटों पर स्नान सहित अन्य कार्यक्रमों में भारी भीड़ इकट्ठा होगी। इससे संक्रमण फैलने की आशंका बनी रहेगी। इसी के चलते नेमावर सहित अन्य तटों पर 5 और 6 अक्टूबर को सामूहिक कार्यक्रम, मेला व स्नान पर प्रतिबंध लगाया है।

गौरतलब है कि धार्मिक आस्था का केंद्र नर्मदा नदी पर प्रतिवर्ष भूतड़ी अमावस्या के अवसर पर भूतों का बड़ा मेला लगता है। भूतड़ी अमावस्या पर नर्मदा नदी किनारे स्थित घाटों पर हजारों दर्शनार्थी स्नान, दान-पुण्य करने आते है। भूतड़ी अमावस्या पर यहां आस्थावानों का हुजूम उमड़ता है। बाहरी बाधा से ग्रस्त लोगों को यहां लाकर स्नान कराए जाने की परंपरा है, जो सिर्फ इसी दिन होती है। कहा जाता है कि इस दिन जिनके शरीर में बाधा है, वह आकर यहां स्नान करें तो शांति मिलती है। यही वजह है कि जब-जब भूतड़ी अमावस्या का योग होता है, तब तब हजारों लोग यहां आकर स्नान करते हैं।

● ढोल की थाप पर ऐसे झूमते हैं देवी-देवता -

कहा जाता है कि कई लोगों को प्रेत बाधा के अलावा शरीर में देवी-देवता भी आते हैं। वे लोग भी नर्मदा नदी के घाट पर आकर स्नान करते हैं। उनके परिवार के लोग ही उन्हें यहां स्नान कराने लाते हैं। जब वे जल में उतरते हैं, तो ढोल की थाप पर उनके शरीर में कंपन होने लगती है, और वे झूमने लगते हैं।

● हाथ में नींबू लगी तलवार से देते हैं आशीर्वाद -

शरीर में आने वाले देवी-देवताओं से आशीर्वाद लेना लोग अच्छा मानते हैं। यही वजह है कि भूतड़ी अमावस्या पर जब उन्हें यहां स्नान कराने के लिए लाया जाता है, तो उनके हाथ में खुली तलवार दे दी जाती है, जिस पर नींबू लगा होता है। ऐसे कंपकंपाते शरीर और ढोल की थाप पर ये लोगों को आशीर्वाद देते हैं। किंतु गत दो वर्षों से यह सब नर्मदा नदी के घाटों पर प्रतिबंधित कर दिया गया है। वैश्विक महामारी कोरोना के संक्रमण की तीसरी लहर की आशंका ओर उसके फैलने से रोकने के लिए जिला प्रशासन ने एहतियात के तौर पर उक्त कदम उठाया है।

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