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पदोन्नति में आरक्षण: अनिर्णय की स्थिति में मंत्री समूह ने अजाक्स और सपाक्स के पाले में डाली गेंद

पदोन्नति में आरक्षण : अनिर्णय की स्थिति में मंत्री समूह ने अजाक्स और सपाक्स के पाले में डाली गेंद

क्या कहना है इस पर सपाक्स ओर अजाक्स का...?, जानने के लिए पढ़े...

लोकमतचक्र.कॉम।

भोपाल : प्रमोशन में आरक्षण को लेकर हुई मंत्री समूह की बैठक में आज भी कोई ठोस निष्कर्ष नहीं निकला। मंत्री समूह ने अजाक्स और सपाक्स के पाले में गेंद डाल दी है। दोनो संगठनों से कहा गया है कि आप आपस में मिलकर उचित निर्णय लें। इसके लिए सामान्य प्रशासन विभाग के एसीएस विनोद कुमार के साथ बैठकर दोनो संगठन जिन विषयों पर सहमति देगा उसे लागू किया जाएगा बाकी पर आगे चर्चा की जाएगी।


शासकीय सेवकों को उनके सेवाकाल में पात्रतानुसार पदोन्नति के अवसर देने के लिए गृह मंत्री  डॉ नरोत्तम मिश्रा की अध्यक्षता में गठित मंत्री समूह की बैठक में जल संसाधन मंत्री तुलसीराम सिलावट, वन मंत्री डॉ विजय शाह,  सहकारिता मंत्री अरविंद भदौरिया और स्कूल शिक्षा मंत्री इंदरसिंह परमार मौजूद रहे।

 सपाक्स ने ये कहा

सपाक्स के अध्यक्ष केदार सिंह तोमर ने सुझाव दिया कि पदोन्नति में आरक्षण के लिए नागराजन और जनरैलसिंह के जो निर्णय है उनके अनुसार निर्णय लिया जाए।
-आईएएस, आईपीएस की तर्ज पर टाइमबांड प्रमोशन दिया जाए।
-आरक्षण में क्रीमीलेयर का सिद्धांत लागू कर इस दायरे में आने वालों को बाहर करें।
-हम सुप्रीम कोर्ट में होने वाली सुनवाई और उसके निर्णय का इंतजार करेंगे तब तक निश्चित समय सीमा के आधार पर प्रमोशन मिले।

अजाक्स का ये मत

अजाक्स के अध्यक्ष जेएन कंसोटिया ने कहा कि भारतीय संविधान में पदोन्नति में आरक्षण देने का प्रावधान है उसका पालन किया जाए।
-पदोन्नति में आरक्षण के लिए राज्य सरकार को नियम बनाने के अधिकार है वह नियम बनाए।
-2002 में जो नियम बने थे उन्हें हाईकोर्ट ने 2004 में सही बताया था अब 2016 में हाईकोर्ट ने कहा है कि नागराजन फैसले के अनुसार ये नियम सही नहीं है तो सही नियम बने।
- विधि विशेषज्ञों द्वारा तय फार्मूले का पालन किया जाए।

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