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तहसीलदार बनेंगे डिप्टी कलेक्टर, RI बनेंगे नायब तहसीलदार, रेवेन्यू ने PRC और CLR से मांगी जानकारी

तहसीलदार बनेंगे डिप्टी कलेक्टर, RI बनेंगे नायब तहसीलदार, रेवेन्यू ने PRC और CLR से मांगी जानकारी

लोकमतचक्र. कॉम।
भोपाल : राज्य सरकार ने राज्य प्रशासनिक सेवा के डिप्टी कलेक्टर के रिक्त पदों की कमी के चलते बनी स्थिति पर नियंत्रण के लिए तहसीलदारों को डिप्टी कलेक्टर का प्रभार देने का फैसला किया है। इसको लेकर राजस्व विभाग द्वारा प्रमुख राजस्व आयुक्त और आयुक्त भू अभिलेख को पत्र लिखकर जानकारी मांगी गई है। साथ ही शासन ने राजस्व निरीक्षकों को भी नायब तहसीलदार की जिम्मेदारी सौंपने का फैसला किया है। इस आदेश के बाद प्रमोशन में रिजर्वेशन के चलते पदोन्नति से वंचित तहसीलदारों को उच्चतर पद का प्रभार देने का रास्ता साफ हो गया है।
राजस्व विभाग द्वारा सीएलआर और पीआरसी को भेजे पत्र में कहा गया है कि तहसीलदार को डिप्टी कलेक्टर और राजस्व निरीक्षक को नायब तहसीलदार का प्रभार देखकर राज्य प्रशासनिक सेवा के रिक्त पदों की पूर्ति की जानी है। तहसीलदारों को डिप्टी कलेक्टर का चार्ज देने से इस कैडर के रिक्त होने वाले पदों की भरपाई के लिए भी सरकार ने राजस्व निरीक्षकों को नायब तहसीलदार बनाने की तैयारी है। इसीलिए विभाग ने भर्ती नियमों के अनुसार तहसीलदार, राजस्व निरीक्षक के पद पर 5 साल की अवधि पूरी करने वालों को पात्रता के लिए विचार सूची में शामिल करने का निर्णय लिया है। इन अफ़सरों के 2017 से 2021 तक पांच साल की सीआर (गोपनीय प्रतिवेदन) का मूल्यांकन पत्रक भेजने के लिए कहा गया है। इसके साथ ही इनके विभागीय जांच, लोकायुक्त और अपराधिक प्रकरण तथा न्यायालयीन प्रकरण की जानकारी भी देने के लिए कहा गया है।

सवा 6 साल से नहीं मिला है प्रमोशन, तहसीलदार कर रहे थे डिमांड

प्रमोशन में रिजर्वेशन का केस अप्रैल 2016 में सुप्रीम कोर्ट में शिवराज सरकार ने दायर किया था। इसके बाद सरकारी कर्मचारियों को प्रमोशन मिलने का रास्ता बंद हो गया है। पिछले साल पुलिस और जेल महकमे में उच्च पद का प्रभार देने की व्यवस्था के आधार पर आरक्षक से लेकर टीआई स्तर तक के कर्मचारियों को डीएसपी स्तर तक प्रमोट करने की कार्यवाही की गई है। पदोन्नति की बाट जोह रहे तहसीलदारों द्वारा इसी आधार पर शासन से कई बार डिप्टी कलेक्टर के पद पर प्रभार देने की मांग की गई। इसके लिए मुख्यमंत्री, राजस्व मंत्री और अन्य विभागों के मंत्रियों तथा विधायकों के माध्यम से हस्ताक्षर अभियान भी चलाया गया पर उन्हें प्रभार देने का निर्णय अब तक अटका रहा है। अब इस फैसले के बाद तहसीलदारों के साथ राजस्व निरीक्षक स्तर के कर्मचारियों के पदोन्नति दी जा सकेगी।

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