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कलेक्ट्रेट के घेराव से प्रशासन आया दबाव में

2 दिवस में गिरफ्तारी न होने पर फरार आरोपी धर्मेन्द्र पटेल की सम्पत्ति होगी कुर्क

स्व. माणिक की बेवा श्रीमती बस्कर बाई को चतुर्थ श्रेणी रसोईया के पद पर किया नियुक्त 


लोकमतचक्र डॉट कॉम। 

हरदा। जिले के हंडिया थाना अंतर्गत बहुचर्चित अनिल माणिक हत्याकांड को लेकर भीम आर्मी, जयस ओर अनुसूचित जाति जनजाति वर्ग के लोग गत तीन दिनों से इस कड़कड़ाती ठंड में चल रहे कलेक्ट्रेट का घेराव ओर धरना प्रदर्शन को देखते हुए प्रशासन सभी दबाव को दरकिनार कर कार्यवाही को मजबूर हो गया है जिसके चलते पुलिस अधिकारी मनीष अग्रवाल ने कहा कि आगामी 2 दिवस में गिरफ्तारी न होने पर फरार आरोपी धर्मेन्द्र पटेल की सम्पत्ति होगी कुर्क, वहीं आदिम जाति कल्याण विभाग हरदा ने स्व. माणिक की बेवा श्रीमती बस्कर बाई को चतुर्थ श्रेणी रसोईया के पद पर नियुक्त किया है।

पुलिस अधीक्षक श्री अग्रवाल ने बताया कि थाना टिमरनी के अपराध कमांक 13/23 एससी/एसटी एक्ट के फरार आरोपी धर्मेन्द्र उर्फ धरमू पटेल पिता मोहन पटेल निवासी देवास हाल हरदा जो कि घटना दिनांक से फरार है, की गिरफ्तारी के लिये पुलिस टीम गठित की गई है। आरोपी को शीघ्र ही 2 दिवस के अंदर गिरफ्तार कर लिया जायेगा। उन्होने बताया कि यदि आरोपी की 2 दिवस में गिरफ्तारी नहीं होती है तो आरोपी की सम्पत्ति की उद्घोषणा कर कुर्की के लिये न्यायालय से अनुमति प्राप्त कर कुर्की की कार्यवाही की जावेगी।

स्व. माणिक की बेवा श्रीमती बस्कर बाई को चतुर्थ श्रेणी रसोईया के पद पर किया नियुक्त 

जिला संयोजक आदिम जाति कल्याण विभाग हरदा ने बताया कि स्वर्गीय अनिल माणिक की बेवा श्रीमती बसकर बाई निवासी चीरा खान, थाना क्षेत्र हंडिया के लिए अनुसूचित जाति जनजाति अत्याचार निवारण अधिनियम के प्रावधानों के तहत श्रीमती बस्कर पति स्व. अनिल माणिक उम्र 28 वर्ष, निवासी चीराखान थाना हंडिया को सीनियर अनुसूचित जाति बालिका छात्रावास हंडिया में चतुर्थ श्रेणी रसोईया के पद पर अंशकालीन दर पर कार्य करने हेतु आदेश जारी किये गये है। 

जिला संयोजक आदिम जाति कल्याण विभाग हरदा ने बताया कि श्रीमती बस्कर पति अनिल माणिक उम्र 28 निवासी चीराखान थाना हंडिया को स्व. अनिल माणिक के राहत प्रकरण में जिला स्तरीय समिति द्वारा राहत राशि  8 लाख 25 हजार स्वीकृत की गई है। प्रथम किश्त राशि 412500 रूपये भुगतान किए जाने के आदेश जारी किए गये है। एवं द्वितीय किश्त माननीय न्यायालय में चालान प्रस्तुत होने पश्चात भुगतान किया जायेगा।

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