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आत्मनिर्भर ग्रामीण भारत की मिसाल, 160 आदिवासी परिवारों ने अर्जित किये 10 लाख रुपये

आत्मनिर्भर ग्रामीण भारत की मिसाल

● 160 आदिवासी परिवारों ने अर्जित किये 10 लाख रुपये

हरदा। राजाबरारी के ‘ग्रामीण क्षेत्रों में आय बढाने’ के उत्कृष्ठ कार्यों हेतु हाल ही में केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री श्री रमेश पोखरियाल ‘निशंक’ के द्वारा राष्ट्रीय ‘विश्वकर्मा अवार्ड’ से सम्मानित दयालबाग यूनिवर्सिटी के द्वारा राजाबरारी एस्टेट में वस्त्र मंत्रालय के साथ मिलकर चलाये गए चार माह के बाँस एवं क्रोशिया के प्रशिक्षण में 160 आदिवासी पुरुष एवं महिलाओं ने कुल 10 लाख रुपये अर्जित किये। इसमें से 7.5 लाख रुपये की राशि लॉक डाउन अवधि में डायरेक्ट बैंक ट्रांसफर से वितरित कर दी गयी थी। शेष 2.5 लाख रुपये का भुगतान रक्षाबंधन के दिन खातों में क्रेडिट हो रहा है। यह कार्यक्रम भारत सरकार के आदिवासी उत्थान के लक्ष्य के तहत केवल आदिवासी समाज के हस्तशिल्पियों हेतु चलाया गया जिसमें 160 आदिवासी समाज के पुरुषों एवं महिलाओं ने लाभ प्राप्त किया।

राधास्वामी सतसंग दयालबाग की विभिन्न संस्थायें राजाबरारी वन क्षेत्र के विकास एवं ‘आत्मनिर्भर ग्रामीण भारत’ के लक्ष्य हेतु सतत प्रयासरत हैं। (संवाददाता विजय ठाकुर✍️)

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