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पूर्व मंत्री पीसी शर्मा और युवा किसान नेता सुदीप पटेल में चला ट्विटर वॉर

पूर्व मंत्री पीसी शर्मा और युवा किसान नेता सुदीप पटेल में चला ट्विटर वॉर

मंत्री रहते अपने गांव के किसानों को नहीं दिला पाए भुगतान, अब कर रहे हैं भ्रमित


हरदा । पूर्व मंत्री पीसी शर्मा के एक ट्विट पर कृषि मंत्री कमल पटेल के पुत्र एवं युवा किसान नेता खिरकिया जनपद पंचायत उपाध्यक्ष सुदीप पटेल ने करारा जवाब दिया है। पीसी शर्मा के एक अखबार में छपी खबर के आधार पर किए गए ट्विट के जवाब में सुदीप पटेल ने कहा कि यह मामला तो लालच में धोखा खाने का है लेकिन पीसी शर्मा तो अपने गांव के किसानों का भुगतान मंत्री रहते हुए भी नहीं करा पाए थे। 

पूर्व मंत्री पीसी शर्मा ने एक अखबार में मप्र के कृषि मंत्री के गृह जिले में 30 किसानों से चना व मूंग खरीदकर बिना भुगतान किये व्यापारी भागा शीर्षक से प्रकाशित खबर के आधार पर ट्विट करते हुए लिखा नये कृषि कानून के परिणाम आने लगे हैं। कृषि मंत्री कमल पटेल के पुत्र एवं युवा किसान नेता खिरकिया जनपद पंचायत उपाध्यक्ष सुदीप पटेल ने करारा जवाब दिया है। उन्होंने ट्विटर पर ही जवाब देते हुए कहा कि पीसी शर्मा को ऐसे ट्वीट करने में शर्म आनी चाहिए, वो कैबिनेट मंत्री रहते हुए स्वयं के चौकड़ी गांव के किसानों को 15 माह में  41 किसानों का 42 लाख रु नहीं दिलवा पाए थे,वह पेमैंट मैंने करवाया है। सुदीप पटेल ने कहा कि पीसी शर्मा द्वारा बताए गए उदाहरण में किसानों ने कानून अनुसार कोई अनुबंध नहीं किया। शर्मा जी आपके ट्वीट में दिए गए उदाहरण में नए कृषि कानूनों के अनुसार व्यापारी से किसी प्रकार का अनुबंध नहीं था। सुदीप पटेल ने एक अन्य ट्विट में कहा कि किसानों ने लालच में आकर व्यापारी को लापरवाही स्वरूप माल बेचा जिसका दुषपरिणाम सामने आया है।

सुदीप पटेल ने कहा कि कांग्रेस का एक ही कार्य है किसान भाइयों के नाम पर राजनीतिक रोटियां सेंकना और भ्रम पैदा करना। चोरों ने 15 माह में किसानों को बर्बाद कर दिया अब भी किसानों पर राजनीति कर रहे हैं।

जब चौकड़ी गांव के 41 किसानों का 40 लाख से अधिक का पेमेंट नहीं हो रहा था तब पीसी शर्मा की यह चिंताएं किसानों के लिए कहां गई थी। उन्होंने कहा कि तब शर्मा जी आप कैबिनेट मंत्री थे आपने उनके लिए कुछ किया क्या अब घड़ियाली आंसू बहा रहे हो किसानों के नाम पर।

शर्मा जी आपकी जानकारी के लिए बता दूं। किसानों ने कानून के हिसाब से व्यापारी को फसल नहीं बेची लालच में आकर गैर कानूनी तौर पर, जिसका दुष्परिणाम सामने आया है।

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