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अपह्रत बेटियों को बरामद करने बनाएंगे चेक लिस्ट, 21 साल हो लड़कियों की विवाह की उम्र - शिवराजसिंह चौहान

अपह्रत बेटियों को बरामद करने बनाएंगे चेक लिस्ट, 21 साल हो लड़कियों की विवाह की उम्र - शिवराजसिंह चौहान

भोपाल - मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि हर गांव और विकासखंड स्तर पर हम बाल सुरक्षा समिति का गठन करेंगे। जिला स्तर पर महिलाओं के विरुद्ध अपराधों की जानकारी प्रत्येक वन स्टॉप सेंटर से साझा की जायेगी ताकि पीड़ित महिलाओं का पुनर्वास किया जा सके। सार्वजनिक परिहवन व अन्य पब्लिक यूटिलिटी के वाहनों में पैनिक बटन अनिवार्य करेंगे। जो बच्चे अपह्रत होंगे, उनकी बरामदगी के लिये चेक लिस्ट बनेगी, जिससे पता चल सके कि कितने दिन में कौन-कौन सी कार्रवाई होगी।


 सीएम ने कहा कि एक नयी व्यवस्था लागू की जाएगी। कोई भी लड़की जब काम के लिए बाहर जाती है तो उनका स्थानीय स्तर पर पंजीयन अब अनिवार्य रूप से किया जाएगा। उनकी सुरक्षा के लिए उनकी लगातार ट्रैकिंग की जायेगी और उन्हें कुछ संपर्क नम्बर दिए जायेंगे ताकि वे संकट के समय संपर्क कर सकें। मैंने पुलिस प्रशासन को सख्त निर्देश दिए हैं कि मेरे प्रदेश की बेटियों को गायब करने वालों को बर्बाद करके छोड़ना है।मुझे लगता है कि बेटियों की शादी की उम्र 18 से बढ़ाकर 21 साल  कर देना चाहिये। मैं इसे बहस का विषय बनाना चाहता हूं। देश इस बात पर चिंतन करे।

उन्होंने कहा कि हमारा अभियान समाज की मानसिकता बदलने का अभियान है। ये काम सिर्फ सरकार और पुलिस का नहीं है। बेटियों की सुरक्षा और सम्मान के लिये समाज की मानसिकता बदलनी पड़ेगी। बेटे के सौ गुनाह माफ लेकिन बेटी पर सौ बंदिशें हैं। कोई घटना हो जाये तो बेटी को ही दोष दिया जाता है।

मुख्यमंत्री  चौहान ने गायब हुई बालिकाओं के संबंध में कहा कि पुलिस ऐसे मामलों में बालिकाओं की बरामदगी संख्या बढ़ाएँ। मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि महिलाओं की सुरक्षा और सम्मान के लिए महिला जागरुकता अभियान का संचालन सराहनीय है। उन्होंने अभियान की शुभंकर गुड्डी का अनावरण किया। इस मौके पर गृह मंत्री डॉ नरोत्तम मिश्रा साथ रहे।

चिंता का विषय है बेटियों का गुम होना

मुख्यमंत्री चौहान ने बैठक में कहा कि बेटियों के गायब होने के मामले में गंभीर कार्यवाही की आवश्यकता है। इसलिए यह विशेष बैठक बुलाई गई है। मुख्यमंत्री ने कहा कि बेटियों का गायब होना चिंता का विषय है। उन्होंने कहा कि गुम हुई बेटियों को लाना, प्राथमिकता हो। मुख्यमंत्री ने कहा ऐसा सिस्टम बनाएं कि जिले से कार्य, रोजगार आदि के लिए बाहर जाने वाली बेटी का पूरा रिकार्ड हो, जिससे वे शिकायत कर सकें। तभी इसे रोक पाएंगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि ऐसी व्यवस्था हो कि कार्य के लिए जिले से बाहर जाने पर रजिस्ट्रेशन अनिवार्य हो।

मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि गायब बच्चों में बेटों की तुलना में बेटियों की संख्या दोगुनी होने से स्पष्ट संकेत है कि बेटियों का गायब होना सामान्य नहीं है। पुलिस महानिदेशक विवेक जौहरी ने बताया कि बालिकाओं या युवतियों के गायब होने के पीछे के नगरीय क्षेत्रों के प्रमुख कारणों में उनका बिना बताये घर से जाना या नाराज होकर भागना और बिना बताए प्रेमी के साथ भागना शामिल है। ग्रामीण क्षेत्र से मजदूरी के नाम पर पलायन होता है। इसमें श्रम विभाग की कार्यवाही आवश्यक होगी। इसका रिकार्ड रखा जाये कि कांट्रेक्टर उन्हें कहाँ और किस कार्य से ले जा रहे हैं।

सभी हेल्प लाइन को एक करें

मुख्यमंत्री ने विभिन्न तरह की हेल्पलाइन को एक करने के लिए भी प्रस्ताव बनाने को कहा। अभी प्रदेश में उमंग एप और हेल्पलाइन 1090 है। भारत सरकार का हेल्प लाइन नंबर 1098 है।

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