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जंगल में आतंक मचा रहे घायल बाघ को ट्रेंकुलाइज कर किया पिंजरे में कैद

हरदा जिले के जंगल में आतंक मचा रहे घायल बाघ को  ट्रेंकुलाइज कर किया पिंजरे में कैद 

हरदा। जिले के जंगलों में आतंक मचा रहे बाघ को सतपुड़ा रिजर्व टाइगर की 8 सदस्यी टीम द्वारा रेस्क्यू कर लिया गया। बाघ को पकड़ने के लिए पचमढ़ी से 3 हाथियों को बुलवाया गया उसके बाद शुरू किया गया रेस्क्यू ऑपरेशन। 

विगत 1 सप्ताह से हरदा जिले के रहटगांव वन परिक्षेत्र के जंगलों में आतंक मचा रहे बाघ को सतपुड़ा रिजर्व फॉरेस्ट वन विभाग की टीम ने रेस्क्यू कर 2 दिनों की मशक्कत के बाद पकड़ने में सफलता प्राप्त की है। आतंक मचा रहे बाघ के नर/मादा होने की पुष्टि भी हो गई है। बाघ नर है। अभी तक हमले का शिकार हुए चरवाहे के द्वारा अपने शावकों के साथ बाघिन के घूमने की बात बताई गई थी जिस पर उसे बाघिन समझा जा रहा था। 

रेस्क्यू ऑपरेशन के बाद बाघ के घायल होने की पुष्टि भी हुई है। बाघ के सर में और पैर में चोट के निशान पाए गए हैं। STR के डायरेक्टर ने जानकारी देते हुए बताया कि   केलझिरी के जंगलों में सतपुड़ा रिजर्व फॉरेस्ट वन विभाग की टीम के द्वारा 2 दिनों से रेस्क्यू ऑपरेशन किया जा रहा था। जिसके चलते हाथियों की मदद से आज टीम के सदस्य बाघ के समीप पहुंचने में कामयाब हुए। 

बाघ करीब 40 फीट गहरे गड्ढे में बैठा हुआ था जो कि वन विभाग की केलझीरी बीट के कक्ष क्रमांक 189 में आता है। बाघ को डॉट गन से बेहोश कर जाल फैलाकर पकड़ लिया गया।  इस दौरान वन रक्षक बसंत पांडे व बसंत ठाकुर के हाथों में बाघ ने दात गड़ा दिए । वन विभाग की टीम द्वारा पकड़े गए बाघ का वजन 160 किलो बताया गया है। अब टीम द्वारा बाघ को वन विहार भोपाल ले जाया गया जहाँ उसका इलाज किया जाएगा।  बाघ के पकड़े जाने की खबर मिलने पर ग्रामीणों ने वन विभाग की टीम को धन्यवाद देते हुए राहत की सांस ली।


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