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हरदा जिले के जंगलों में खत्म नहीं हुआ है बाघ का आतंक, जवारधा और कपासी के बीच नाले के समीप शावक के साथ दिखी बाघिन

हरदा जिले के जंगलों में खत्म नहीं हुआ है बाघ का आतंक, जवारधा और कपासी के बीच नाले के समीप शावक के साथ दिखी बाघिन

वन विभाग का अमला सूचना मिलते ही मौके के लिए हुआ रवाना, नाले के पास बाघिन और शावक के पग मार्ग मिले

हरदा। 4 दिन पूर्व जवारधा के जंगल में बाघिन और शावक देखे जाने की बात ग्रामीणों द्वारा कहीं गई थी। जिसके पश्चात एक चरवाहे पर हमला होने के बाद वन विभाग हरकत में आया। पिछले 2 दिनों से सतपुड़ा टाइगर रिजर्व की टीम द्वारा आज एक बाघ को रेस्क्यू कर भोपाल वन विहार भेजा गया। परंतु आज पुनः जवारधा और कपासी के नजदीक नाले के समीप बाघिन और शावक को देखे जाने की बात सामने आई है। 

सूचना मिलते ही वन विभाग के अधिकारी कर्मचारी मौके के लिए रवाना हो गए हैं। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार नाले के समीप बाघिन के पग मार्ग मिले हैं। कुछ स्थानों पर शावर के भी पग मार्ग देखे गए हैं।  ग्रामीणों ने बताया कि शाम 4:00 बजे तक नाले के आसपास घूमने के बाद बाघिन पुनः पहाड़ी के ऊपर चली गई। उल्लेखनीय है कि हीरालाल 50 वर्ष निवासी केलझिरी पर 9 जनवरी को बाघिन द्वारा हमला किया गया था। इसके पश्चात 11 जनवरी को रतन पिता चंपालाल 42 वर्ष पर सुबह बाघ द्वारा हमला किया गया। इस घटना के बाद जब वन विभाग का अमला सर्चिंग के लिए गया था तब वनरक्षक हरिओम जगनवार पर हमला कर दिया था। इस हमले में रतन की मौत हो चुकी है वही हीरालाल और वनरक्षक हरिओम घायल हैं जिनका उपचार किया जा रहा है।

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