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कोरोना के लक्षण, सावधानी, उपचार, दिनचर्या और खानपान सहित वैक्सीनेशन का समाधान

कोरोना के लक्षण, सावधानी, उपचार, दिनचर्या और खानपान सहित वैक्सीनेशन का समाधान

एक साक्षात्कार- डॉ लोकेंद्र दवे से

कोरोना संक्रमण, उसके उपचार, खानपान और विभिन्न तरह की जिज्ञासा लोगों के मन मे होना स्वाभाविक है। सोशल मीडिया और व्हाट्सएप पर बिना तथ्यों के तरह- तरह की सलाहों और उपचार की पोस्ट से भी नागरिकों में भ्रम की स्थिति है।यह जरूरी है कि अधीकृत रूप से लोगों को सही जानकारी मिले। 

डॉ लोकेंद्र दवे कोरोना उपचार के लिए मध्यप्रदेश शासन द्वारा नियुक्त नोडल आफिसर के अलावा हमीदिया चिकित्सालय भोपाल के अधीक्षक और संयुक्त संचालक है। डॉ. दवे गांधी मेडिकल कालेज में छाती और टीबी रोग के प्रोफेसर भी है।

सामान्यतः लोगों द्वारा पूछे जाने वाले प्रश्नों पर की गई बात और उनके ज़बाब ज्यों के त्यों - 

प्रश्न - यदि किसी व्यक्ति को सामान्य सर्दी, खांसी या हाथ-पांव में दर्द हो तो क्या उसे भी टेस्ट करवाना चाहिए ?

उत्तर - कोई भी नॉर्मल लक्षण है तो जांच करवाना चाहिए और जांच करवा कर आइसोलेट करना चाहिए। अगर कोरोना वायरस इनफेक्शन है, और  कोई तकलीफ नहीं है तो मैंने 10-20 लोगों को भी संक्रमण दे दिया तो उसमें से एक दो लोग जान से हाथ गवा देंगे इसलिए टेस्ट और आइसोलेशन करवाना अनिवार्य है ।

प्रश्न - कोरोना वायरस होने की स्थिति में किन-किन बातों का ध्यान रखना है और किन बातों से परहेज करना है ?

उत्तर - कोरोना वायरस है तो बिल्कुल ना घबराए कोई तकलीफ है तो उसका डॉक्टर से इलाज करवाएं और केयर करें। यदि कोई व्यक्ति बीमारी से ज्यादा ग्रसित हो सकता है। अन्यथा  अपने लक्षणों को पल्स रेट चार्ट बनाकर रखना और उसको नोट करना है और अपने चिकित्सक से मार्गदर्शन लेना है। 

कोरोना वायरस की कोई विशेष दवाई नही हैं। यदि बुखार आ रहा है तो बुखार की गोली, कमजोरी आ रही है तो ताकत की दवा, हड्डियों में कमी है तो विटामिन की दवा लेनी चाहिए। इनका कोरोना वायरस से कोई लेना देना नहीं है कोरोना के लिए जो दवाइयां हैं वह कुछ विशेष मरीजों के लिए है, सबके लिए नहीं है। अपने आप में घबराहट ना होने दें, अपनी सुरक्षा रखें। 

प्रश्न - संक्रमित मरीज को कैसा भोजन करना चाहिए और क्या खाना खाना चाहिए ?

उत्तर - संक्रमित मरीज को हरी सब्जियां, फल जैसी चीजें भोजन में सम्मिलित करना चाहिए और हम पौष्टिक जो भोजन रूटीन में अपनी रुचि के अनुसार करना चाहे कर सकते हैं, इसका रिएक्शन नहीं है हल्का सुपाच्य भोजन भी आसान है और उसका भी कोई रिएक्शन नहीं हैं।

यदि कोई मरीज कोरोना ग्रसित है  और उसका ऑक्सीजन लेवल सामान्य है तो उसे अस्पताल में भर्ती होने की कोई आवश्यकता नहीं है । साथ ही 3 दिन तक दवा लेने के बाद भी बुखार उतर नहीं रहा हो 101 डिग्री से ज्यादा बुखार आ रहा है, बार-बार तो यह कुछ लक्षण है इसमें हमें समझना होगा कि हमें अस्पताल में भर्ती होना है। हमारी पल्स रेट कम तो नहीं पड़ रही है, हमारा सैचुरेशन पता लगेगा कि पल्स रेट कितनी होती है। पल्स रेट कम होना थोड़ा सा परेशानी का कारण बन सकता है ।

प्रश्न - करोना क्या बीमारी है और इसके क्या क्या लक्षण है ?

उत्तर - देखिए कोरोना संक्रमण की बीमारी है, जो वायरस का ओरिजिन कहां से हुआ है इसके बारे में थोड़ा कंफ्यूजनल स्टेटस बरकरार है और हम अभी क्लियर नहीं है कि यह वायरस कहां से शुरू हुआ परंतु बीमारी वैश्विक रूप से फैली है और पिछले 1 साल से हम लोगों को इस बीमारी से ठीक होते हुए देख रहे हैं। वायरस जो है उसके लक्षण सामान्यत: वायरल बीमारियों की तरह ही है। सर दर्द होना, बदन दर्द होना, बुखार आना, हाथ-पांव में दर्द होना, साथ ही दूसरे लक्षण जैसे पेट में दिक्कत होना, लूज मोशन होना, सर्दी, खांसी और सांस में दिक्कत यह तमाम समस्याएं हैं और नॉर्मल कई तरह के लक्षण है और यदि टाइम पर ध्यान नहीं दिया जाए और लक्षणों को दवाइयों द्वारा कंट्रोल नहीं किया जाए तो कई बार यह लक्षण इतने ज्यादा तीव्र हो जाते हैं कि पेशेंट को सपोर्ट की आवश्यकता पड़ जाती है तो यह बीमारी का प्रारूप है जिससे अभी हम विश्व स्तर पर जूझ रहे हैं। यह जो बीमारी है उसका जो सबसे बड़ा अलर्ट है यह नया वायरस है इसके प्रति मानव समाज में कोई इम्यूनिटी नहीं हैं। इसलिए इसके फैलने की तीव्रता बहुत ज्यादा है और जब यह फैलता है तीव्रता से, तो जो गंभीर होने वाले रोगी हैं भले वह 5 परसेंट। हम कहते हैं छोटी संख्या दिखती हो परंतु जब यह लाखों-करोड़ों में यह वायरस जब फैलता है तो बहुत बड़ी संख्या में मरीज अस्पताल में आता है और जब बड़ी संख्या में मरीज अस्पताल में आता है तो सारी व्यवस्था चरमरा सकती है। हमारे मानव समाज में इसके प्रति कोई इम्यूनिटी नहीं है। 

कहा जा रहा है कि इसके साथ ही हमें रहना पड़ेगा और धीरे-धीरे कई लोगों में इसके लक्षण आएंगे और अगर नहीं भी आएंगे। परंतु इस चीज को फैलने से हम नहीं रोक सकते, हाँ फैलने की स्पीड को कम कर सकते हैं। संक्रमण की चेन को ब्रेक करने के लिए कई सारे जो तरीके बताए जाते हैं, ताकि वायरस धीरे फैले ।

प्रश्न -कई बार दिमाग में डर बैठता है मन को शांत रखने के लिए क्या करना चाहिए ?

उत्तर -  मैंने जैसे बोला है आइसोलेशन में मानसिक और शारीरिक श्रम से बचना है मोबाइल ज्यादातर ऑफ रखें। बिना कारण के शरीर और दिमाग पर जोर ना डालें, भूल जाए कि आप बीमार है आपको एकांत मिला है, एकांत का आनंद लेना है। एकांत के अंदर अपने आपको आनंदित करना है। एकांत में बैठकर आप हल्का ज्ञान अर्जित के लिए पुस्तक पढ़ सकते हैं, टीवी  देख सकते हैं। बहुत ज्यादा न्यूज़ वगैरह देखने की आवश्यकता नहीं है क्योंकि उससे मन विचलित होता है। पॉजिटिव चीजें भजन वगैरह कर सकते हैं। मेडिटेशन हल्का-फुल्का कर सकते हैं। प्राणायाम नहीं करना है, क्योंकि हमें फेफड़े को आराम देना है लंगस् को रेस्ट देना है, कई लोग यह गलती करते हैं कि प्राणायाम कर रहे हैं। गहरी सांस ले रहे हैं । उल्टा-सीधा कुछ भी एक्साइज कर रहे है यह सब नहीं करना है आपको पूरी बॉडी के साथ लंग्स को भी रेस्ट देना है। बहुत महत्वपूर्ण है जब हम ठीक हो जाएंगे तो वापस अपनी दिनचर्या 15 दिन बाद धीरे-धीरे शुरू करेंगे यह हमें ध्यान रखना है।

प्रश्न - वैक्सीनेशन के बारे में बहुत अफवाह हो रही है, वैक्सीन लेने में क्या कोई रिक्स है? वैक्सीनेशन देते समय क्या क्या सावधानी बरतनी चाहिए ?

उत्तर - देखिए वैक्सीनेशन जो है हमारे पास वैक्सीन लगने से हमारे पास 62 से 70% सक्सेस रेट हैं। मतलब  सक्सेसफुली 100 प्रतिशत लगाने के बाद 70 प्रतिशत लोगों को मिल रहा है। प्रोटेक्शन सभी लोगों को नहीं मिलता है। यह हर वैक्सीन के साथ होता है। 

दूसरी बात हमने यह देखा है कि जिसको वैक्सीन लगाया है, उसके बाद भी बीमारी हो रही है तो उनको माइल्ड बीमारी हो रही है ज्यादातर उनको सीरियस बीमारी नहीं हो रही है। ये वैक्सिंन का प्रभावी असर है जो मृत्यु दर को रोक रही है। यह जो है मैं अनुभव के आधार पर बात कर रहा हूं। यह हमने कोई डॉक्यूमेंट नहीं किया है अभी तक जो जनरल एक्सपीरियंस है हमारा है। मैं बता रहा हूं आपको वैक्सीन लगाने से फायदा है कोई भी वैक्सिन आपको अवेलेबल है वह लगाएं। जो भी वैक्सीन अवेलेबल है संस्था में जाकर लगवाएं। पंजीयन कराने के बाद आपका नंबर आता है। फ्रंटलाइन वर्कर तथा सभी लोगों में तय गाइडलाइन सरकार की है। गाइड लाइन चेंज हो रही है। उसके अनुसार आपका नंबर जब आए वैक्सीन लगाइए। वैक्सीन लगाने के बाद आधा घंटा ऑब्जर्वेशन में रहिए। पहले कुछ खा-पीकर जाइए। यदि किसी दवा या इंजेक्शन से आपको एलर्जी हुई है तो आप वह गोली या इंजेक्शन बंद कर दें। अगर कुछ एलर्जी या समस्या है तो ऐसे व्यक्तियों को अपना वैक्सीन लगाने से पहले अपने चिकित्सक से पहले बात करना चाहिए, बताना चाहिए जिससे हो सकता है उस  व्यक्ति को वैक्सीन ना भी लगाया जाए।

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