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आचार्य श्री विद्यासागरजी ने नेमावर में दी 9 क्षुल्लक दीक्षाएं . . . ।

आचार्य श्री विद्यासागरजी ने नेमावर में दी 9 क्षुल्लक दीक्षाएं . . . । 


नेमावर/खातेगांव/हरदा : भगवान शांतिनाथ के जन्म, तप व मोक्ष कल्याणक और गुरु नाम गुरु आचार्य ज्ञानसागर जी के समाधि दिवस पर दिगम्बर जैनाचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज ने बुधवार को नेमावर में 9 क्षुल्लक दीक्षाएं दी। जैन समाज के प्रवक्ता नरेंद्र चौधरी व पुनीत जैन ने बताया कि दीक्षा कार्यक्रम का संचालन निर्यापक श्रमण मुनिश्री योगसागर जी महाराज ने किया एवं आने वाले समस्त कार्यक्रमों की जानकारी बाल ब्रह्मचारी प्रतिष्ठाचार्य विनय भैया ने दी।

दीक्षा दिवस के अवसर पर सर्वप्रथम सभी दीक्षार्थियों ने अपने भाव प्रकट करते हुए अब तक के जीवन में हुई समस्त गलतियों के लिए जन समुदाय से क्षमा याचना की और आचार्यश्री से दीक्षा देने हेतु निवेदन किया। दीक्षा पूर्व सभी दीक्षार्थियों के केशलोंच हुए।

इस अवसर पर आचार्यश्री ने आशीर्वचन देते हुए कहा कि साधना कैसी होती है, शास्त्रों में इसका वर्णन है। शरीर को छोड़ना और आरंभ परिग्रह का त्याग मात्र कर देना सल्लेखना नहीं है। श्रमण और श्रावक के लिए सल्लेखना का स्वरूप अलग-अलग हो सकता है कि लेकिन दोनों के लिए इसका बहुत महत्व है। अपने गुरु ज्ञानसागरजी महाराज के समाधि दिवस पर उन्हें याद करते हुए आचार्यश्री भाव विभोर हो गए और कहा- संतोष है कि आचार्य परंपरा के अनुरूप यह कार्य संपन्न हुआ है। आचार्य श्री ने सभी दीक्षार्थियों को दीक्षा उपरांत नया नाम दिया।

आचार्यश्री विद्यासागर जी के बारे में हर छोटी बड़ी जानकारी रखने वाले खातेगांव के श्रवण पाटनी ने बताया कि नेमावर में 41 मुनिराजों की उपस्थिति में आचार्यश्री ने पहली बार 9 क्षुल्लक दीक्षाएं एक साथ दीं। इन सभी 9 दीक्षार्थियों की उम्र लगभग 60 वर्ष से अधिक है। आचार्यश्री अब तक 400 से ज्यादा मुनि, आर्यिका, ऐलक और क्षुल्लक दीक्षा दे चुके हैं।

दीक्षा के पूर्व का नाम / दीक्षा उपरांत के नाम

• ब्र. फूलचंद लुहाड़िया खातेगांव- क्षुल्लक स्वाध्याय सागर

• ब्र. शांतिलाल जैन बांसबाड़ा- क्षुल्लक प्रशांत सागर 

• ब्र. ताराचंद जैन मंडीबामोरा- क्षुल्लक मौन सागर

• ब्र. सतेन्द्र जैन रेबाड़ी- क्षुल्लक चिंतन सागर 

• ब्र. अशोक पांड्या बानापुरा- क्षुल्लक अगम्य सागर 

• ब्र. राजेश जैन जैसीनगर- क्षुल्लक अटल सागर

• ब्र. भागचंद जैन किशनगढ़- क्षुल्लक वैराग्य सागर

• ब्र. संतोष पांड्या इंदौर/गया- क्षुल्लक निकट सागर

• ब्र. बसंत जैन बागीदौरा- क्षुल्लक परीत सागर

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