Breaking News

डायग्नोस्टिक दल द्वारा किया गया फसलों का निरीक्षण, किसानों को दी आवश्यक जानकारी

डायग्नोस्टिक दल द्वारा किया गया फसलों का निरीक्षण, किसानों को दी आवश्यक जानकारी


लोकमतचक्र.कॉम।

हरदा : विज्ञान केन्द्र के वैज्ञानिक एवं कृषि प्रसार कार्यकर्ताओं के 03 डायग्नोस्टिक दलो को जिले के तीनो विकासखण्डो में भेजा गया है उक्त जानकारी उपसंचालक कृषि विकास तथा किसान कल्याण विभाग हरदा श्री एमपीएस चंद्रावत ने देते हुए बताया कि टिमरनी विकासखण्ड में डॉ. मुकेश बंकौलिया, तकनीकी सहायक तुलसीराम बरबड़े एवं वरिष्ठ कृषि विकास अधिकारी, गिरीश मालवीय द्वारा ग्राम नौसर, करताना, रुन्दलाय, गुल्लास, बाजनिया, हरदा विकासखण्ड में डॉ. ओमप्रकाश भारती, उपसंचालक कृषि एम.पी.एस. चन्द्रावत एवं सहायक तकनीकी प्रबंधक अनिल कुमार मलगायां द्वारा ग्राम सामरधा नीमगांव, छिड़गांव, सोनतलाई, बैडी, अबगावखुर्द तथा खिरकिया विकासखण्ड में डॉ. एस.के.तिवारी, वरिष्ठ कृषि विकास अधिकारी एस. के. जैन द्वारा ग्राम बारगा, बारगी, मांदला, मुहालकला, पोखरनी चारुवा, मोरगढी आदि 17-18 ग्रामों में भ्रमण कर सोयाबीन, उड़द, मक्का, अरहर, ज्वार आदि फसलों का निरीक्षण किया गया। 

निरीक्षण के दौरान किसी भी खेत में वायर वर्म जैसे कीट का प्रकोप नहीं दिखाई दिया। टिमरनी विकासखण्ड के कुछ ग्रामों की फसलों में पत्ती भक्षक कीट दिखाई दिया, जिसमें वैज्ञानिक अनुशंसा अनुसार कीनोलफास 25 प्रतिशत ई.सी. 600 एम.एल/एकड़, बीटासायफ्लूथीन + एमीडा क्लोरोपिड 140 एम. एल / एकड की दर से हाथ पंप द्वारा 200 लीटर पानी अथवा पॉवर स्प्रेयर द्वारा 100 से 125 ली पानी में घोल बनाकर छिड़काव करने की सलाह कृषकों को दी गई है। कृषि वैज्ञानिक डॉ. भारती द्वारा कृषको को सोयाबीन फसल पर पर एन.पी. के 19:19:19 के छिड़काव की सलाह दी गई, जिससे पौधों की वानस्पतिक वृद्धि उनकी अवस्था अनुसार संतोषप्रद हो सकें।

28 जून को कृषि विज्ञान केन्द्र के वैज्ञानिक एवं कृषि प्रसार कार्यकर्ताओं द्वारा हरदा विकासखण्ड के ग्राम आलनपुर, भुन्नास, गोगिया, गोयत आदि ग्रामो की फसल का निरीक्षण किया गया, जिसमें जिन खेतों में ग्रीष्मकालीन मूंग की फसल ली गई थी, उनमें पानी अधिकता एवं जल भराव जैसी स्थिति और जड़ वाले भाग पर छोटी सफेद इल्ली देखी गई तथा लाल रंग जैसी रेखाये या निशान मिले, जो इल्लियों के कारण उगे हुये पौधे नष्ट हो रहे थे। कुछ खेतो में वायर वर्म जैसे कीट भी नमी के कारण देखे गये, जिसके निदान के लिये बिटासायफ्लूथीन + इमिडाक्लोप्रीड 140 एम.एल. / एकड छिड़काव करने की सलाह कृषको को दी गई थी। इसके अलावा जिले में भ्रमण किये गये ग्रामों में तथा अन्य ग्रामों के कृषक भाईयों से चर्चा करने पर जिले में कही भी वायर वर्म की समस्या नहीं पाई गई। 

मंत्री म०प्र० शासन किसान कल्याण तथा कृषि विकास विभाग, श्री कमल पटेल द्वारा 28 जून 2021 को आयोजित विभागीय वीडियो कान्फ्रेंस में दिए गए निर्देशो के परिपालन में तीनों विकासखण्डो में डायग्नोस्टिक टीम लगातार भ्रमण कर कृषको की समसामायिक समस्याओ का निराकरण किया जायेगा।

कोई टिप्पणी नहीं