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अवैध शराब रोकने गृह विभाग के निर्देश, विष अधिनियम और नियम का पालन कराएं कलेक्टर- एसपी

अवैध शराब रोकने गृह विभाग के निर्देश, विष अधिनियम और नियम का पालन कराएं कलेक्टर- एसपी

नायब तहसीलदार या ASI स्तर के अधिकारी कर सकेंगे स्टॉक चेक़ और विक्रय पंजी चेक

लोकमतचक्र.कॉम।

भोपाल : प्रदेश में अवैध शराब निर्माण में मेथेनोल तथा अन्य विषैले रसायन के उपयोग से शराब विषैली बनने की घटनाएं हुई हैं। इससे कई लोगों की जान जा चुकी है। जांच के बाद मुरैना, उज्जैन और मन्दसौर में ज़हरीली शराब में मेथेनोल की मात्रा पायी गयी थी। इस प्रकार की घटनाओं को रोकने के लिये राज्य शासन द्वारा विष अधिनियम 2019 और विष नियम 2014 का पालन करने के निर्देश गृह विभाग ने कलेक्टरों और पुलिस अधीक्षकों को दिए हैं।

गृह विभाग द्वारा विष अधिनियम 1999 (केंद्रीय क़ानून) तथा उसके तहत मप्र सरकार द्वारा अधिसूचित विष नियम 2014 का सख़्ती से पालन कराने के निर्देश समस्त कलेक्टर और एसपी को जारी किए गए हैं। नियमों में अधिसूचित समस्त प्रकार के विष पदार्थों के विक्रय के लिए ज़िला कलेक्टर से अनुज्ञप्ति प्राप्त किया जाना बंधनकारी है। अनुज्ञप्ति में विक्रय स्थल, विषैले पदार्थ के स्टोर की अधिकतम मात्रा, सुरक्षा उपाय, किनको विक्रय किया जा सकेगा, विषैले पदार्थ को स्टोर करने की विधि, स्टॉक पंजी एवं  विक्रय पंजी के संधारण की अनिवार्यता, विष को लेवल करने तथा परिवहन के समय किए जाने वाले उपाय उल्लेखित होंगे तथा अनुज्ञप्ति शर्तों का पालन करना वैधानिक रूप से अनिवार्य है।
ज़िला कलेक्टर ऐसे परिसरों की जाँच के लिए सर्च वॉरंट जारी कर सकेंगे। ASI या नायब तहसीलदार स्तर के अधिकारी इसके लिए स्टॉक चेक़ कर सकेंगे और विक्रय पंजी चेक कर सकेंगे। विष अधिनियम या विष नियम के प्रावधानों का पालन नहीं करने पर 1 वर्ष की सजा का प्रावधान है। गृह विभाग ने जांच रिपोर्ट में इस अधिनियम के पालन की सलाह दी है।


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