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1 नवम्बर को समारोह पूर्वक मनाया जाएगा प्रदेश का स्थापना दिवस ...

1 नवम्बर को समारोह पूर्वक मनाया जाएगा प्रदेश का स्थापना दिवस ...


लोकमतचक्र.कॉम।

भोपाल / मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि मध्यप्रदेश के विकास और प्रदेश को आत्म-निर्भर बनाने के अभियान में हर नागरिक की भागीदारी आवश्यक है। इसके लिए एक अभियान संचालित कर प्रत्येक नागरिक को जोड़ने का प्रयास किया जाए। प्रदेश आत्म-निर्भर मध्यप्रदेश की थीम पर हो रहे राज्य स्तरीय दिवस के मुख्य समारोह में सभी कार्यक्रम गरिमामय रूप से सम्पन्न किए जाएँ। आगामी 1 नवम्बर को भोपाल के लाल परेड ग्राउण्ड में संस्कृति विभाग द्वारा मुख्य समारोह शाम को आयोजित होगा। इसी दिन पूर्वान्ह में मंत्रालय में पारंपरिक कार्यक्रम भी होगा, जिसमें राष्ट्र गीत वंदे-मातरम के गायन में अधिकारी-कर्मचारी शामिल होंगे। प्रदेश के सभी जिलों में भी कार्यक्रम आयोजित करने के लिए रूपरेखा तैयार की गई है। लाल परेड में होने वाले समारोह में आत्म-निर्भर मध्यप्रदेश की थीम पर एक नृत्य-नाटिका होगी, जिसमें नर्तक दल मंच पर ‘‘हम कर सकते हैं और करेंगे’’ का आव्हान करेंगे। इस प्रस्तुति का मंचीय आकल्पन किया गया है। विशेष प्रकाश संयोजन और आकर्षक नृत्य मुद्राओं के साथ इस प्रस्तुति के लिए कोरियोग्राफी की गई है।

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि कोरोना के वातावरण से उबरने के बाद पर्याप्त सावधानियों के साथ आमजन मनोरंजन के कार्यक्रमों और सार्थक रचनात्मक गतिविधियों से जुड़ने के इच्छुक हैं। प्रदेश के स्थापना दिवस समारोह के मुख्य कार्यक्रम में कोविड प्रोटोकॉल के साथ सभी व्यवस्थाओं को अंतिम रूप दिया जाए। समारोह में बैठक व्यवस्था से लेकर सभी कार्यक्रमों के सम्पन्न होने तक सोशल डिस्टेंसिंग, मास्क के उपयोग आदि उपायों को अपनाया जाए। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि आत्म-निर्भर मध्यप्रदेश के महत्वपूर्ण कार्य में शासकीय विभागों के साथ ही आम जन की सहभागिता भी होना चाहिए। इसके लिए 1 नवम्बर से ही ऐसे अभियान की शुरूआत भी की जाए, जिससे लोग विभिन्न क्षेत्रों में श्रेष्ठ कार्य करने के लिए प्रेरित हों, सामूहिक भागीदारी के साथ विकास से जुड़ी गतिविधियों के संचालन में सम्मिलित होते हुए नए आयाम स्थापित किए जाएँ। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि यह समय है जब प्रगति के लिए हर व्यक्ति अपनी भूमिका पर चिंतन करे और परिणाम भी प्रस्तुत करे। अधिकारों के साथ ही नागरिक कर्त्तव्यों पर विचार हो। हर क्षेत्र में सकारात्मक परिवर्तन के प्रयास हों। समाज के अलग-अलग वर्गों में दायित्व बोध भी जगाया जाए।

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