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पंचायत चुनाव में OBC आरक्षण पर सियासत, हंगामे की भेंट चढ़ा प्रश्नकाल, नारेबाजी

पंचायत चुनाव में OBC आरक्षण पर सियासत, हंगामे की भेंट चढ़ा प्रश्नकाल, नारेबाजी

भोपाल : पंचायत चुनाव में ओबीसी आरक्षण पर सियासत के बीच गुरुवार को विधानसभा में प्रश्नकाल शुरू होते ही हंगामा हो गया और पूरा प्रश्नकाल हंगामे की भेंट चढ़ गया। सदन न चल पाने पर विधानसभा अध्यक्ष को सदन की कार्यवाही 3 बार स्थगित करनी पड़ी। 

इस दौरान सरकार की ओर से संसदीय कार्य मंत्री डॉ नरोत्तम मिश्रा ने सदन को जानकारी दी कि सरकार ने ओबीसी आरक्षण के मामले में सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की है और आज इस मामले में अर्जेंट हियरिंग की मांग की जा रही है लेकिन कांग्रेस विधायक इतने से सहमत नहीं थे और गर्भगृह में पहुंचकर सरकार के विरुद्ध नारेबाजी करने लगे। इस पर सदन की कार्यवाही स्थगित करना पड़ी।
विधानसभा में सदन समवेत होते ही सबसे पहले यह मामला विधायक सज्जन सिंह वर्मा ने उठाया और कहा कि ओबीसी के साथ शिवराज सरकार अन्याय कर रही है। उनका समर्थन कांग्रेस के अन्य विधायकों ने किया और ओबीसी आरक्षण मामले में कार्यवाही नहीं करने की बातें कहने लगे। इस पर संसदीय कार्य मंत्री मिश्रा ने कहा कि सरकार ने जो कहा है उस पर कायम है। कांग्रेस घड़ियाली आंसू बहा रही है। कल याचिका दाखिल कर दी गई है और आज इस मामले में अर्जेंट हियरिंग के लिए आवेदन लगा रहे हैं। इस पर नेता प्रतिपक्ष कमलनाथ ने कहा कि हमें इससे मतलब नहीं है। सीएम शिवराज सिंह चौहान ने दो दिन पहले सदन में कहा था कि ओबीसी आरक्षण के साथ पंचायत चुनाव होंगे। हमें उस पर जानकारी चाहिए। सरकार कोर्ट जाए, मंदिर जाए, अस्पताल जाए, इससे कोई मतलब नहीं है। ओबीसी आरक्षण के लिए क्या किया है? इसकी जानकारी चाहिए। इस बीच कांग्रेस के विधायक गर्भगृह में पहुंच गए और नारेबाजी करने लगे। इस हंगामे के बीच विधानसभा अध्यक्ष गिरीश गौतम विधायकों से आग्रह करते रहे कि प्रश्नकाल चलने दें लेकिन कांग्रेसी विधायक नहीं माने। दूसरी ओर सत्ता पक्ष के विधायक और मंत्री भी इस मामले में कांग्रेस को घेरते हुए यह कहते रहे कि कांग्रेस और अधिवक्ता विवेक तन्खा ने ओबीसी आरक्षण को रोकने का काम किया है। 

मंत्री भूपेंद्र बोले, कांग्रेस माफी मांगे 

नगरीय विकास मंत्री भूपेंद्र सिंह ने कहा कि गुजरात और छत्तीसगढ़ में ओबीसी आरक्षण के साथ चुनाव हो रहे हैं। कांग्रेस और तन्खा के कारण बनी इस स्थिति के लिए कांग्रेस माफी मांगे। मंत्री विश्वास सारंग, मोहन यादव समेत अन्य भाजपा विधायक भी इस मामले में माफी मांगने की बात कहते रहे। हंगामे की स्थिति न सुधरते देख विधानसभा अध्यक्ष ने सदन को 15 मिनट के लिए स्थगित कर दिया।  

तीन बार स्थगित करनी पड़ी कार्यवाही

जब दोबारा सदन समवेत हुआ तो विधायक तरुण भनोत ने कहा कि ओबीसी को आरक्षण देना होगा और फिर हंगामा शुरू हो गया। कांग्रेस एमएलए नारेबाजी करने लगे। मंत्री नरोत्तम ने कहा कि हाउस को प्रभावित कर चले जाते हैं पर कोई कांग्रेस विधायक सुनने को तैयार नहीं थे। इस बीच प्रश्नकाल के तीन प्रश्न पढ़े गए और उत्तर दिए गए लेकिन कोई सुन नहीं सका। करण सिंह वर्मा का सवाल और मंत्री हरदीप सिंह डंग का जवाब भी शोरगुल में दब गया। अध्यक्ष गौतम ने कहा कि स्थगन के माध्यम से ओबीसी आरक्षण पर पर्याप्त चर्चा हो चुकी है और बजट पर चर्चा के दौरान भी इसे कांग्रेस विधायक उठा सकते हैं। गौतम ने यह भी कहा कि आज के प्रश्नकाल में कांग्रेस के 15 सवाल हैं, इसलिए प्रश्नकाल नहीं रुकना चाहिए  लेकिन कांग्रेस विधायक नहीं माने। इसके बाद विधानसभा अध्यक्ष ने दस मिनट के लिए फिर कार्यवाही स्थगित कर दी। बाद में जब फिर सदन समवेत हुआ तो कांग्रेस विधायक तरुण भनोत ने फिर वही मुद्दा उठाया और हंगामा होने लगा। इसके चलते अध्यक्ष ने प्रश्नकाल तक के लिए कार्यवाही स्थगित कर दी।

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