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7 मार्च से 'कन्या शिक्षा प्रवेश उत्सव' अभियान होगा प्रारंभ

7 मार्च से 'कन्या शिक्षा प्रवेश उत्सव' अभियान होगा प्रारंभ

शाला त्यागी बेटियों को तलाशेगी सरकार, पढ़ाने के लिए होगा सर्वे, देंगे टेक होम राशन

लोकमतचक्र.कॉम।
भोपाल : शाला त्यागी बालिकाओं को पुन: अपनी शिक्षा नियमित करने के उद्देश्य से महिला-बाल विकास विभाग द्वारा 7 मार्च 2022 से 'कन्या शिक्षा प्रवेश उत्सव' अभियान प्रारंभ किया जा रहा है। "बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ" अभियान का मुख्य उद्देश्य 11 से 14 वर्ष की शाला त्यागी बालिकाओं को पहचान कर उनको स्कूलों में पुन: प्रवेश सुनिश्चित कराना है। 
उल्लेखनीय है कि वर्ष 2015 में शुरू किए गए "बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ" अभियान का सम्पूर्ण लक्ष्य बालिका के जन्म का उत्सव मनाना और उनको शिक्षित कर सक्षम बनाना है। महिला-बाल विकास विभाग द्वारा प्रतिवर्ष अप्रैल माह में आँगनवाड़ी केन्द्रों का सर्वे कराया जाता है। इसमें 11 से 14 वर्ष की ऐसी किशोरियों की जानकारी एकत्र की जाती है, जिन्होंने स्कूल छोड़ दिया है। उनका भी सर्वे होगा जिन्होंने शाला में एडमिशन नहीं लिया है या एक बार एडमिशन तो लिया है परंतु शाला नहीं जा रही या कुछ समय जाकर शाला जाना बंद कर दिया है। ऐसी हितग्राही बालिकाओं को टेक होम राशन दिया जाता है।

स्कूल शिक्षा और महिला बाल विकास विभाग के आंकड़ों में अंतर होता है विवाद की वजह

राज्य शासन द्वारा शाला त्यागी बालिकाओं की सर्वे की कार्यवाही महिला बाल विकास के साथ-साथ स्कूल शिक्षा विभाग के माध्यम से भी कराई जाती है। पिछले सालों में स्कूलों में प्रवेश के पहले प्रवेशोत्सव कार्यक्रम के दौरान कराए जाने वाले सर्वे में शाला त्यागी बालिकाओं की जो रिपोर्ट आती रही है उसमें महिला बाल विकास और स्कूल शिक्षा विभाग की रिपोर्ट में भारी अंतर रहा है और यह विवाद की वजह से बनती रही है।

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