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एरियर्स राशि निकालने के लिए रिश्वत लेने वाले लिपिक को चार साल की जेल

एरियर्स राशि निकालने के लिए रिश्वत लेने वाले लिपिक को चार साल की जेल

भ्रष्टाचार अधिनियम विशेष कोर्ट ने सुनाई सजा


लोकमतचक्र.कॉम।

सिवनी : शासकीय विभागों में रिश्वतखोरी का आलम इस कदर हावी है कि विभाग के अधिकारी ओर कर्मचारियों अपने ही कार्यालय में पदस्थ कर्मचारियों को उनके काम बिना रिश्वत लिए नहीं करते है। जिसके चलते परेशान हो चुके कर्मचारी भी ऐसे कदम उठा लेते है जिससे चकित होना पड़ता है ओर पूरे विभाग की कार्यप्रणाली पर प्रश्न चिन्ह उत्पन्न हो जाता है। एक मामले में सिवनी जिले के तहसील कार्यालय लखनादौन के लिपिक भास्कर श्रीवास्तव को भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की विशेष कोर्ट ने चार वर्ष की सजा सुनाई है। 

घटनाक्रम कुछ यूं है कि ग्राम भोमा के पटवारी निर्मल कुमार जंघेला से एरियर्स राशि निकालने के लिए लिपिक भास्कर श्रीवास्तव ने 20 हजार रिश्वत मांगी थी। पटवारी आर्थिक रूप से परेशान था ओर अपने हक की एरियर्स राशि के लिए रिश्वत नहीं देने का मन बना चुका था, जिसके चलते उसने लोकायुक्त जबलपुर में शिकायत कर दी। तहसील कार्यालय में लोकायुक्त ने आवेदक के हाथों 15000 लेते आरोपी को पकड़ा था। उक्त मामले में सुनवाई करते हुए भ्रष्टाचार अधिनियम विशेष कोर्ट ने आरोपी लिपिक को 4 साल की सजा सुनाई है ।

गौरतलब है कि शासकीय कर्मचारियों को यह शिकायत अक्सर रहती है कि रिश्वतखोरी के चलते उनके अपने ही विभाग के अधिकारी और कर्मचारी उनके व्यक्तिगत कार्य लटकाते हैं और बिना पैसा मिले काम नहीं करते हैं । कर्मचारी अपने वेतनमान, एरियर, समयमान वेतनमान, पदोन्नति एवं अन्य अपने ही फंड को राशि को आवश्यकता पड़ने पर निकालने के लिए परेशान होते हैं और ऑफिस में पदस्थ बाबू तथा अधिकारी बिना लिए दिए कर्मचारियों के काम नहीं करते हैं ऐसे में मजबूर कर्मचारियों को ऐसे कदम उठाने पड़ जाते हैं जिससे पूरे विभाग की असलियत सामने आ जाती है।

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