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तहसीलदार मांगते रह गए कार्यवाहक पदोन्नति, नहीं मिली, पुलिस के बाद जेल विभाग ने भी किये आदेश

राजस्व विभाग के साथ सभी स्तरों पर सरकार कर रही है भेदभाव....

तहसीलदार मांगते रह गए कार्यवाहक पदोन्नति, नहीं मिली, पुलिस के बाद जेल विभाग ने भी किये आदेश

लोकमतचक्र.कॉम।

भोपाल : राजस्व विभाग के सभी संवर्गों के साथ मध्यप्रदेश सरकार भेदभाव कर रही है। राजस्व विभाग में तहसीलदार से लेकर पटवारी पदोन्नति की मांग कर रहे हैं किंतु सरकार चुप्पी साध कर बैठी है वहीं अन्य विभाग कार्यवाहक पदोन्नति के आदेश किये जा रहे है। यह विभागों मंत्री के रूची नहीं लेने अथवा सरकार में उनकी नहीं चलने का कारण भी हो सकता है, ऐसा जानकर सूत्रों का कहना है।

पुलिस विभाग की तर्ज पर कार्यवाहक पदोन्नति की मांग कर रहे तहसीलदारों को तो राज्य शासन ने कार्यवाहक पदोन्नति नहीं दी लेकिन इस बीच जेल विभाग ने अपने कर्मचारी अधिकारियों के लिए उच्च पद का प्रभार देने संबंधी प्रक्रिया तय कर इसके आदेश जारी कर दिए हैं। जेल विभाग के इस आदेश के बाद नायब तहसीलदार और तहसीलदार कैडर के अफ़सरों में एक बार फिर राजस्व विभाग और सरकार के खिलाफ आक्रोश बढ़ा है। तहसीलदार संघ ने इसके लिए राजस्व मंत्री से सहयोग न मिलने के उपरांत विधानसभा अध्यक्ष, मंत्रियों के दरवाजे भी खटखटाये हैं और अब कलेक्टरों को ज्ञापन देने का सिलसिला जारी कर रखा है।

 अपर मुख्य सचिव गृह एवं जेल डॉ. राजेश राजौरा ने बताया है कि जेल विभाग के अधिकारी-कर्मचारियों को कार्यवाहक तौर पर उच्च पद का प्रभार देने संबंधी प्रक्रिया निर्धारित कर आदेश जारी कर दिये गये हैं। डॉ. राजौरा ने बताया है कि अधीक्षक जिला जेल, उप अधीक्षक जेल, वरिष्ठ परिवीक्षा एवं कल्याण अधिकारी, मुख्य परिवीक्षा एवं कल्याण अधिकारी इत्यादि पदों के लिये पात्र एवं योग्य अधिकारियों का निर्धारण छानबीन समिति करेगी। चार सदस्यीय समिति में अध्यक्ष, महानिदेशक जेल एवं सुधारात्मक सेवाएँ रहेंगे। अन्य 3 सदस्यों में अतिरिक्त महानिदेशक जेल एवं सुधारात्मक सेवाएँ, जेल उप महानिरीक्षक (स्थापना) और जेल उप महानिरीक्षक (विधि)/अधीक्षक केन्द्रीय जेल रहेंगे। समिति में कम से कम एक सदस्य अनुसूचित-जाति/अनुसूचित-जनजाति वर्ग का होगा।

डॉ. राजौरा ने बताया है कि अन्य पदों के लिये महानिदेशक जेल एवं सुधारात्मक सेवाएँ द्वारा छटनी समिति बनाई जायेगी। कार्यवाहक प्रभार दिये जाने के लिये उच्चतर पद की वास्तविक रिक्तियों को दृष्टिगत रखते हुए आवश्यकता अनुसार स्थानांतरण सक्षम प्राधिकारी द्वारा प्रभार दिये जाने के आदेश के साथ ही किये जा सकेंगे तथा जो पद कार्यवाहक प्रभार के कारण रिक्त होंगे, उन पद पर अन्य को कार्यवाहक प्रभार नहीं दिया जायेगा। वर्तमान इकाई/स्थानांतरण इकाई में इनका वेतन प्रभार में दिये गये स्वीकृत पद के विरुद्ध आहरण किया जायेगा। अपर मुख्य सचिव डॉ. राजौरा ने बताया है कि स्थानापन्न प्रभाव से कार्यवाहक प्रभार के लिये पात्रता की शर्तें भी निर्धारित कर दी गई हैं। अन्य शर्तों के अतिरिक्त निर्धारित किया गया है कि कार्यवाहक प्रभार वाले अधिकारी/कर्मचारी अपने कार्यवाहक पद के सभी अधिकार एवं दायित्वों का व्यवहरण करने में सक्षम होंगे। कार्यवाहक प्रभार ग्रहण करने वाले किसी भी अधिकारी/कर्मचारी को भविष्य में पदोन्नति के विचारण में वरीयता का कोई अधिकार नहीं होगा।


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