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कांग्रेस विधायक जीतू पटवारी विधानसभा से पूरे बजट सत्र के लिए सस्पेंड, 20 साल पहले हुआ था ऐसा ही काम, दिग्विजय के शासन काल में....

कांग्रेस विधायक जीतू पटवारी विधानसभा से पूरे बजट सत्र के लिए सस्पेंड, 20 साल पहले हुआ था ऐसा ही काम, दिग्विजय के शासन काल में....

भोपाल । मध्यप्रदेश विधानसभा में बीस साल बाद इतिहास को दोहराया गया। विधानसभा अध्यक्ष गिरीश गौतम ने गुरुवार को कांग्रेस विधायक जीतू पटवारी को पूरे बजट सत्र के लिए निलंबित कर दिया है। कांग्रेस ने अध्यक्ष के इस फैसले के विरुद्ध जमकर विरोध जताया और अध्यक्ष के खिलाफ नारेबाजी भी की। कांग्रेस ने स्पीकर के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने की बात कही। इसके पहले फरवरी 2003 में दिग्विजय सिंह शासन में विधायक डॉ सुनीलम को सस्पेंड किया गया था और मार्शल उन्हें उठाकर सदन से बाहर ले गए थे। 

राज्यपाल के अभिभाषण पर कृतज्ञता व्यक्त करने के दौरान यह वाकया संसदीय कार्यमंत्री नरोत्तम मिश्रा द्वारा विधानसभा अध्यक्ष गिरीश गौतम के समक्ष नियम 264 के अंतर्गत निलंबन का प्रस्ताव रखने के बाद घटित हुआ। मंत्री मिश्रा ने कहा कि सदन को हम मंदिर कहते हैं। इस सदन की मर्यादा को खरोंचने की कोशिशें हो रही हैं। ये पीड़ादायक है। जीतू पटवारी पहले भी ऐसा करते रहे हैं। उनके विरुद्ध मामला विशेषाधिकार समिति के पास विचाराधीन है। मैं प्रस्ताव रखता हूं कि बाकी के सत्र के लिए जीतू पटवारी को निलंबित किया जाए, इसके बाद स्पीकर गौतम ने उन्हें निलंबित कर दिया और कांग्रेस के शोर शराबे को देखते हुए विधानसभा की कार्यवाही शुक्रवार सुबह तक के लिए स्थगित कर दी।

पटवारी के निलंबन का विरोध

अध्यक्ष द्वारा निलंबित किए जाने के बाद विधायक जीतू पटवारी ने कहा कि मेरी बात सुनी जाए। इस पर मंत्री नरोत्तम ने कहा कि निलंबित सदस्य भाषण नहीं दे सकता। पटवारी के निलंबन का कांग्रेस ने विरोध किया है। पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने कहा कि यह अलोकतांत्रिक कदम है। विधानसभा अध्यक्ष को अपने निर्णय पर पुनर्विचार करना चाहिए। उन्होंने कहा कि एकतरफा कार्रवाई विधानसभा की उच्च परंपराओं के अनुकूल नहीं है। पूर्व मंत्री सज्जन सिंह वर्मा ने कहा कि हम स्पीकर के खिलाफ सदन में अविश्वास प्रस्ताव लाएंगे। बीजेपी के इशारे पर तानाशाही तरीके से जीतू पटवारी को निलंबित किया गया है। 

पीसीसी चीफ के निवास पर बैठक

विधायक जीतू पटवारी के निलंबन के बाद पीसीसी अध्यक्ष कमलनाथ के आवास पर कांग्रेस विधायकों की बैठक हुई। इसमें कमलनाथ ने पटवारी के निलंबन को गलत बताया। बैठक में नेता प्रतिपक्ष डॉ. गोविंद सिंह, पूर्व मंत्री सज्जन सिंह वर्मा, जीतू पटवारी, एनपी प्रजापति और पीसी शर्मा समेत कई विधायक मौजूद रहे। 

ऐसे बनी निलंबन की भूमिका

सदन में जीतू पटवारी ने वक्तव्य के दौरान कहा कि मध्यप्रदेश सरकार ने रिलायंस ग्रुप को इंदौर जू से 6 बाघ, 5 शेर, 8 घड़ियाल, 2 बंगाली लोमड़ी और 1 हनी बेजर दिए हैं। जानवर जामनगर भेजे गए, जहां रिलायंस ग्रुप की बड़ी-बड़ी फैक्ट्री और अंबानी का घर है। हमारे प्रदेश को इन सबके एक्सचेंज में तोते, चिड़िया, छिपकलियां और झगड़ने वाले बंदर मिले हैं। यह कैसा न्याय है? इस पर संसदीय कार्यमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने पटवारी को झूठा बताते हुए कहा कि इसके सबूत हैं तो सदन में रखिए। मिश्रा ने पटवारी को बजट सत्र से सस्पेंड करने की मांग की। अध्यक्ष गौतम ने भी दस्तावेज पटल पर रखने कहा। इसके बाद पांच मिनट के लिए कार्यवाही स्थगित हुई और जो दस्तावेज रखे गए उसे देखने के बाद अध्यक्ष ने कहा कि पटवारी ने जो बोला और जो पेश किया वह अलग अलग है। पटवारी के जानवरों को रिलायंस ग्रुप को देने के बयान पर सदन में जमकर हंगामा हुआ। इससे पहले सरकारी खर्च पर बीजेपी आॅफिस में कार्यकर्ताओं को भोजन कराने के मामले की जानकारी कांग्रेस विधायक जीतू पटवारी मांग रहे थे, इसे लेकर हंगामा हो गया। इस पूरे अंतराल में तीन बार पांच मिनट के लिए कार्यवाही स्थगित की गई।

बंदर की कहानी पर भड़के विधायक

सदन में जीतू पटवारी ने बंदर की कहानी सुनाई। इस पर बीजेपी के विधायक भड़क गए। सदन में सत्तापक्ष और विपक्ष के बीच जमकर हंगामा हुआ। इसी बीच बीजेपी के विधायकों ने कहा- तुम्हारा पप्पू कहां है? बीजेपी विधायक उमाकांत शर्मा ने हंगामे के बीच कहा- कमलनाथ वानरों के सरदार के भगत हैं। 

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