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हाईकोर्ट ने डॉक्टर्स की हड़ताल को अवैध ठहराया, कहा कि काम पर वापस लौटे डॉक्टर

हाईकोर्ट ने डॉक्टर्स की हड़ताल को अवैध ठहराया, कहा कि काम पर वापस लौटे डॉक्टर


लोकमतचक्र डॉट कॉम। 

जबलपुर । मध्यप्रदेश हाईकोर्ट ने प्रदेश में जारी डॉक्टरों की हड़ताल को अवैध ठहराया है। एक जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने आदेश दिया है कि हड़ताल पर बैठे सभी डॉक्टर तत्काल काम पर लौटे। डॉक्टर अस्पताल में मौजूद अंतिम मरीज का भी इलाज करें। हाईकोर्ट ने ये भी कहा कि आगे से बिना अनुमति हड़ताल नहीं करें। भविष्य में टोकन स्ट्राइक को भी हाईकोर्ट ने अवैध बताया। याचिका पूर्व पार्षद इंद्रजीत कुंवर पाल सिंह ने लगाई थी। जिस पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने हड़ताल पर सख्ती दिखाई।

हाईकोर्ट के आदेश पर मध्यप्रदेश स्वशासी शासकीय चिकित्सक महासंघ के मुख्य संयोजक राकेश मालवीय ने कहा कि हाईकोर्ट के निर्देश के संबंध में संगठन पदाधिकारियों की मीटिंग बुलाई गई है।

हड़ताल पर हैं 15 हजार से ज्यादा सरकारी डॉक्टर्स

मध्यप्रदेश के 15 हजार से ज्यादा सरकारी डॉक्टर बुधवार से हड़ताल पर चले गए हैं। हड़ताल का असर भोपाल, इंदौर समेत प्रदेश के 13 सरकारी मेडिकल कॉलेज, जिला अस्पताल, सामुदायिक और प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों पर दिखाई दे रहा है। गंभीर बीमारियों से पीड़ित मरीज ज्यादा परेशान हैं। हालात ऐसे हैं कि प्रदेश के 12 सरकारी मेडिकल कॉलेजों में भर्ती 228 मरीजों के ऑपरेशन बुधवार को टाल दिए गए हैं।

इससे पहले हड़ताल खत्म कराने के लिए मंगलवार रात करीब 8 बजे चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग के आवास पर बैठक हुई। इसमें स्वास्थ्य मंत्री डॉ. प्रभुराम चौधरी, गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा और चिकित्सक संगठन के पदाधिकारी मौजूद रहे। करीब एक घंटे चली बैठक में कोई सहमति नहीं बन पाई। डॉक्टरों ने केंद्र सरकार में कोई सहमति नहीं बन पाई। डॉक्टरों ने केंद्र सरकार के समान डीएसीपी (डायनामिक एश्योर्ड करियर प्रोसेस) योजना लागू करने समेत अपनी मांगों के पूरा करने की बात कही। इस पर मंत्री ने कहा कि कमेटी से एक-दो मीटिंग और कर लेते हैं, इसके बाद फैसला लेंगे। डॉक्टरों ने कहा कि बैठक करते-करते तो चुनाव की आचार संहिता लग जाएगी। यह कहकर वो बैठक से बाहर निकल आए।

संभागायुक्त ने हड़ताल कर रहे डॉक्टर को हॉस्पिटल बिल्डिंग से बाहर किया

भोपाल में मप्र शासकीय स्वशासी संघ के मुख्य संयोजक डॉ. राकेश मालवीय को संभागायुक्त माल सिंह ने हमीदिया अस्पताल की बिल्डिंग से बाहर कर दिया। डॉ. मालवीय, हॉस्पिटल बिल्डिंग में बने वार्ड में ड्यूटी कर रहे साथी डॉक्टर्स से चर्चा करने पहुंचे थे। तभी संभागायुक्त माल सिंह, कलेक्टर आशीष सिंह और जीएमसी डीन डॉ. अरविंद राय, हॉस्पिटल का राउंड लेने वार्ड में पहुंच गए। जहां डॉक्टर्स की हड़ताल की अगुवाई कर रहे डॉ. राकेश मालवीय को वार्ड में देख वो नाराज हो गए।


स्वास्थ्य मंत्री डॉ. प्रभुराम चौधरी ने बुधवार को कहा, 'सरकार की तरफ से लगातार प्रयास किए जा रहे हैं। डॉक्टरों से बातचीत चल रही है। कई मुद्दों पर सहमति भी बनी है। एक-दो मुद्दे ऐसे हैं, जिन पर सहमति नहीं बन पाई है। डॉक्टरों से अनुरोध है कि स्ट्राइक कॉल ऑफ करें। वैसे भी ये मानवता से जुड़ा हुआ मामला है। समाज में भी डॉक्टरों को भगवान के रूप में मानते हैं। इसलिए उनको स्ट्राइक वापस लेना चाहिए।

जूनियर डॉक्टर भी हड़ताल पर

मध्यप्रदेश मेडिकल टीचर एसोसिएशन और चिकित्सक संघ के आह्वान पर जूनियर डॉक्टर एसोसिएशन भी हड़ताल पर है। एसोसिएशन के वाइस प्रेसिडेंट डॉ. विजेंद्र सिंह ने बताया कि इन मांगों को लेकर जनवरी-फरवरी में भी हड़ताल की गई थी। सरकार ने कमेटी बनाई थी, लेकिन मसौदे को आगे नहीं बढ़ाया। जेडीए की मांग स्टाइपेंड बढ़ाने की है। प्रदेश के जिला अस्पतालों में तैनात किए गए जूनियर डॉक्टरों के रहने की व्यवस्था नहीं की गई है। ओल्ड पेंशन स्कीम लागू करने की मांग भी पेंडिंग है। प्रमोशन टाइम पर देना भी प्रमुख मांगों में शामिल है।

डीएनबी डॉक्टरों ने भी काम बंद किया 

डीएनबी सीपीएस एसोसिएशन ने भी सरकारी अस्पतालों के डॉक्टरों के हड़ताल में शामिल होने की सूचना बुधवार दोपहर जिला अस्पताल अधीक्षक डॉ. राकेश श्रीवास्तव को भेज दी है। इसके बाद अब जेपी अस्पताल में मरीजों के इलाज के लिए अलग-अलग मेडिकल कॉलेज से एमबीबीएस कर रहे इंटर्न डॉक्टर्स ही बचे है।


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