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पूर्व विधायकों को मंत्री बनाने पर हाईकोर्ट ने मुख्यमंत्री शिवराजसिंह, विस अध्यक्ष समेत 14 मंत्रियों को दिया नोटिस

पूर्व विधायकों को मंत्री बनाने पर हाईकोर्ट ने मुख्यमंत्री शिवराजसिंह, विस अध्यक्ष समेत 14 मंत्रियों को दिया नोटिस

लोकमत चक्र.कॉम (20 oct. 2020)

भोपाल - भाजपा सरकार में पूर्व विधायकों को मंत्री बनाए जाने के मामले में जबलपुर हाईकोर्ट ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, विधानसभा अध्यक्ष समेत कैबिनेट के 14 मंत्रियों को नोटिस जारी किया है। छिंदवाड़ा की अधिवक्ता आराधना भार्गव ने हाईकोर्ट में याचिका दायर कर सरकार के इस कदम को असंवैधानिक बताते हुए 14 मंत्रियों को निलंबित करने की मांग की है।

याचिकाकर्ता ने इस प्रक्रिया को अनुचित बताया है। भार्गव ने कहा कि सरकार का ये कदम आर्टिकल 164 (4) का उल्लंघन है जिसके बाद याचिका में सभी 14 मंत्रियों के पद से निलंबन करने की मांग की गई है। कोर्ट में 14 दिसंबर को मामले पर अगली सुनवाई होगी।

आराधना भार्गव ने कहा कि संविधान को दरकिनार करके 14 पूर्व विधेयकों को मंत्री पद की शपथ दिला दी गई। प्रदेश शिवराज सिंह चौहान के अनुसार नहीं, संविधान के अनुसार चलेगा। इसलिए जब संवैधानिक नियमों का उल्लंघन किया गया तो हमने हाईकोर्ट का सहारा लिया है। दरअसल इसी अनुच्छेद को ध्यान में रखते हुए शिवराज सरकार के दो मंत्रियों सांवेर के तुलसीराम सिलावट और सुरखी से गोविंद सिंह राजपूत ने इस्तीफा दे दिया है। दोनों मंत्री को शपथ लेने के बाद 6 महीने के अंदर विधानसभा का सदस्य चुनकर आना जरूरी था लेकिन उपचुनाव में देरी की वजह से 21 अक्टूबर को कार्यकाल पूरा हो गया। ऐसे में मंत्री पद से हटना पड़ा।

क्या है अनुच्छेद 164 (4) ?

संविधान के अनुच्छेद 164 में यह प्रावधान है कि यदि कोई व्यक्ति मंत्रिमंडल में मुख्यमंत्री पद समेत किसी पद पर नियुक्त होता है तो वह छह महीने तक इस पद पर रह सकता है अर्थात् यदि उसे पद पर बने रहना है तो उसको छह महीने के भीतर या तो विधानसभा सदस्य अथवा विधान परिषद का सदस्य बनना आवश्यक होगा।

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