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दूसरी बार पैदा हुईं जुड़वां बेटियां तो भी मिलेगा लाडली लक्ष्मी का लाभ, परिवार नियोजन कराना होगा जरूरी

दूसरी बार पैदा हुईं जुड़वां बेटियां तो भी मिलेगा लाडली लक्ष्मी का लाभ, परिवार नियोजन कराना होगा जरूरी


लोकमत चक्र.कॉम (www.lokmatchakra.com)

भोपाल - मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की महत्वाकांक्षी लाडली लक्ष्मी योजना को एक्ट के रूप में परिवर्तित किए जाने के बाद अब महिला और बाल विकास विभाग ने इसके नियम भी बना दिए हैं। इसमें पंजीयन से लेकर भुगतान तक की सभी प्रकियाओं और प्रावधानों का उल्लेख किया गयाहै। इसे मध्यप्रदेश लाडली लक्ष्मी (बालिका प्रोत्साहन) योजना नियम 2020 के नाम से जाना जाएगा। 

लाडली लक्ष्मी योजना में राज्य शासन ने प्रावधान किए हैं कि यदि किसी परिवार ने किसी बालिका को विधिक रूप से दत्तक गोद लिया है तो बालिका प्रथम बालिका के रूप में योजना की हकदार होगी किन्तु परिवार को उत्तराधिकार के एक साल के भीतर योजना में पंजीयन कराना होगा। योजना में यह प्रावधान भी किया गया है कि अगर किसी परिवार में एक बालक या एक बालिका के बाद जुड़वां बेटियां पैदा होती हैं तो उन दोनों ही बेटियों को योजना का लाभ मिल सकेगा।

इन नियमों के दायरे में आने वाले पा सकेंगे लाभ -

नियमों में यह प्रावधान भी किए गए हैं कि अगर किसी महिला कैदी ने जेल में रहने के दौरान बालिका को जन्म दिया है तो बालिका को योजना में शामिल किया जा सकेगा। साथ ही यदि किसी परिवार में अधिकतम दो बच्चे हैंम और मां या पिता में से किसी की मृत्यु हो जाती है तो परिवार नियोजन की शर्त लागू नहीं होगी किन्तु मृतक का मृत्यु प्रमाण पत्र देना होगा। ऐसे मामलों में पांच साल की उम्र तक योजना में शामिल किया जा सकेगा। इसके अलावा किसी रेप पीड़िता द्वारा जन्मी बेटी भी योजना का लाभ पा सकेगी। शर्तों में यह भी कहा गया है कि जब पंजीयन किया जाएगा उस समय बालिका के माता पिता आयकर दाता नहीं होने चाहिए लेकिन पंजीयन के बाद अगर वे आयकर दाता हो जाते हैं तो बालिका को लाभ मिलने से वंचित नहीं किया जाएगा। पंजीयन की शर्तों में कहा गया है कि पहली जन्मी बालिका योजना के लाभ पाने की हकदार होगी चाहे उसके माता पिता ने परिवार नियोजन कराया हो या नहीं कराया हो लेकिन दूसरी बालिका के पंजीयन के लिए परिवार नियोजन की शर्त अनिवार्य होगी। यह प्रावधान भी किया गया है कि अगर पहले प्रसव में दो या अधिक बालिकाएं एक साथ पैदा होती हैं तो वे सभी योजना में पात्र मानी जाएंगी। 

बेटियों को ऐसे मिलेगा लाभ -

कक्षा छठवीं में प्रवेश करने पर दो हजार रुपए, नौवीं में प्रवेश पर चार हजार रुपए, 11 में प्रवेश पर छह हजार और 12 कक्षा में प्रवेश करने पर योजना अंतर्गत छह हजार रुपए दिए जाएंगे। इसके बाद 21 साल की आयु पूरी होने पर एक लाख रुपए दिए जाएंगे लेकिन पढाई के दौरान अंकसूची प्रस्तुत करना जरूरी होगा। योजना में शामिल किए जाने वाली बालिकाओं के माता पिता को मध्यप्रदेश का मूल निवासी होने का प्रमाण पत्र, बालिका का जन्म प्रमाण पत्र, दूसरे बच्चे की दशा में परिवार नियोजन का प्रमाण पत्र, आंगनबाड़ी केंद्र में नामांकन का प्रमाण, आयकर दाता न होने को लेकर स्वकथन, अनाथालय में निवास का प्रमाण और दत्तक लेने वाले माता पिता द्वारा दत्तक ली गई बालिका का प्रमाण पेश करना होगा।

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