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नेशनल हाईवे के रूके हुए मुआवजा राशि की मांग को लेकर कांग्रेस ने किया चक्काजाम

नेशनल हाईवे के रूके हुए मुआवजा राशि की मांग को लेकर कांग्रेस ने किया चक्काजाम

मंत्री कमल पटेल के दबाव में क्षेत्र का विकास हो रहा प्रभावित - पूर्व विधायक दोगने


हरदा
- नेशनल हाईवे 47 फोरलेन जो कि इंदौर से बैतुल बनने जा रहा है के कुछ हिस्से की मुआवजा राशि स्वीकृत होने के बाद भी रिअलायमेंट के नाम पर कार्य को रोकने ओर मुआवजा राशि नहीं देने पर किसानों के पक्ष में आज कांग्रेस द्वारा पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार चक्काजाम किया गया। इस दौरान पूर्व विधायक डॉ आर के दोगने ने मंत्री कमल पटेल पर आरोप लगाते हुए कहा कि जिला प्रशासन मंत्री कमल पटेल के दबाव में मुआवजा राशि का वितरण रोक कर किसानों का नुकसान कर रहा है ओर क्षेत्र के विकास में अड़ंगा लगा रहा है।

उन्होंने कहा कि जिसकी सम्पूर्ण प्रक्रिया पूर्ण हो गई है, परन्तु भारतीय राष्ट्रिय राजमार्ग प्राधिकरण द्वारा भू-अर्जन अधिकारी एवं अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) को पत्र जारी कर अकारण ही ग्राम अतरसमा, अबगांवखुर्द, पिड़गांव एवं हरदाखुर्द का मुआवाजा रोकने के निर्देश दिए है एवं हरदा के विधायक व कृषि मंत्री कमल पटेल स्वयं के लाभ हेतु उक्त सड़क मार्ग का एलाईनमेन्ट बदलने का प्रयास कर रहे है। जिसके कारण हरदा शहर का विकास कार्य रूका हुआ है। 

हरदा के पूर्व विधायक डॉ. रामकिशोर दोगने द्वारा बताया गया कि नेशनल हाईवे 47 फोरलेन सड़क मार्ग में अनावश्यक रूप से देरी की जा रही है। यह स्कीम केन्द्र सरकार की है एवं जिला प्रशासन को भूमि मुआवजा की राशि भी प्राप्त हो चुकी है। फिर भी प्रशासन द्वारा कृषि मंत्री कमल पटेल के दबाब में मुआवजा राशि वितरित नही की जा रही है एवं कृषि मंत्री कमल पटेल द्वारा स्वयं के लाभ हेतु उक्त सड़क मार्ग का रिएलाईन्मेंट कराने का प्रयास भी किया जा रहा है। यदि उक्त मार्ग का रिएलाईमेन्ट किया जाता है तो जो लाभ क्षेत्र की जनत को 02 बर्ष में मिलना चाहिए वह लाभ 04 वर्षो में के बाद मिलेगा एवं कृषि मंत्री द्वारा पत्राचार द्वारा अधिकारियों से कहा गया है कि उक्त मार्ग का रिएलाईन्मेंट करने पर सरकार कि 100 करोड रूपयों की राशि बचत होगी, परन्तु यह बात आधारहिन है, क्योकि संबंधित विभाग के पत्रानुसार समस्त किसान भाईयों की जमीन अधिगृहित कर ली गई है।

जिसका मुआवजा सरकार को उन्हे देना पडे़गा साथ ही रिएलाईमेन्ट यदि किया जाता है तो फिर से किसानों की जमीन अधिगृहित कर उन्हे भी मुआवजा देना पडे़गा। जिससे सरकार के 100 करोड़ रूपये बचत होने की जगह करोड़ो का नुकसान होगा एवं कार्य    स्वीकृत होने के पश्चात् भी उसे शुरू करने में जो देरी की जा रही है, उससे कार्य की लागत बड़ रही है, हरदा शहर का विकार्य कार्य रूका हुआ है और किसान भाईयों को भी आर्थिक नुकसान हो रहा है। इस हेतु कृषि मंत्री कमल पटेल द्वारा स्वंय के लाभ हेतु विकाय कार्य को रोका जाना अनुचित है। वह क्षेत्र का विकास नही होने देना चाहते है। इसके पश्चात् मौके पर पहुँची हरदा एस.डी.एम. एवं पुलिस अधिकारियों द्वारा उक्त संबंध में हरदा पूर्व विधायक डॉ. दोगने एवं किसान भाईयों से चर्चा की गई एवं उक्त समस्या का समाधान शीघ्र किए जाने हेतु आश्वस्त कर चक्काजाम समाप्त किए जाने हेतु आग्रह किया गया। जिसके पश्चात् चक्काजाम समाप्त किया गया।

इस मौके पर पूर्व नगर पालिका अध्यक्ष हेमंत टाले, ब्लाक कांग्रेस अध्यक्ष महेश पटेल, भागीरथ पटेल, आनंद पटेल, जगदीश ज्वेल्या, रामेश्वर डागा, फूलचंद बोराना, लक्ष्मीनारायण ज्वेल्या, शिव कापडीया, राकेश सारन, दिनेश दुगाया, महेश राठौर, संजू बांके, लबलेश दुगाया, पप्पू जाट, दिनेश राठौर, गजानंद जाट, उत्तम तेनगुरिया, मनोज कुचबंदिया, गिरधारी काका, रामनिवाश धनगर सहित समस्त कांग्रेसजन एवं किसान भाई उपस्थित थे।

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