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पारस हास्पिटल पर कार्यवाही मात्र एक वीडियो के आधार पर की गई है वह सही नहीं है - आईएमए आगरा

पारस हास्पिटल पर कार्यवाही मात्र एक वीडियो के आधार पर की गई है वह सही नहीं है - आईएमए आगरा

आक्सीजन लेबल चैक करने की विनिंग प्रोसेस है जो कि एक वैज्ञानिक तरीका एवं वैज्ञानिक प्रोटोकॉल है - डॉ अनूप दिक्षित

आईएमए आगरा ने अपनी जनरल बॉडी मीटिंग का आयोजन किया, सभी डॉक्टरों ने किया प्रशासनिक कार्रवाई का विरोध 


लोकमतचक्र.कॉम।

आगरा : वायरल विडीयों के आधार पर शहर के प्रतिष्ठित अस्पताल श्री पारस अस्पताल के ऊपर की गई कार्यवाही को लेकर आईएमए आगरा ने अपनी जनरल बॉडी मीटिंग का आयोजन किया। मीटिंग के इस मुख्य एजेंडा के साथ ही यह भी जानना था कि जो वीडियो वायरल हुआ है उसकी सत्यता क्या है एवं उसका आशय क्या है ।

सर्व प्रथम अध्यक्ष डॉ राजीव उपाध्याय ने इस बात को रखा कि जो कुछ भी कार्यवाही मात्र एक वीडियो के आधार पर की गई है वह सही नहीं है। शासन प्रशासन द्वारा अपने दबाव को कम करने के लिए आनन-फानन में बिना किसी ठोस तहकीकात किए न्यू पारस हॉस्पिटल पर सीलिंग की कार्यवाही  कि गयी एवं उसके लाइसेंस के निरस्तीकरण की कार्यवाही कर दी गई, जो कि आई एम ए उचित नहीं मानता l एक उच्चस्तरीय कमेटी चिकित्सकों के साथ इस मामले की तहकीकात करती फिर कोई भी कार्यवाही करी जाती तो आई एम ए  भी उस कार्यवाही का स्वागत करताl

सचिव डॉ अनूप दिक्षित ने समझाया कि जो विनिंग प्रोसेस है वह एक वैज्ञानिक प्रक्रिया है जो कि हर ऑक्सीजन लगने वाले मरीजों (की चाहे वह वेंटिलेटर द्वारा हो या किसी अन्य उपकरण के द्वारा) ऐसा क्रिया करी जाती है जिससे कि फेफड़े उस वक्त कितना कार्य कर रहे हैं इसका एसेसमेंट किया जा सके और फिर उसके आधार पर ऑक्सीजन की सप्लाई शरीर को बढ़ाई जाए जा सके या घटाई जा सके l प्रयोग किया हुआ शब्द 'मॉक ड्रिल 'थोड़ा सा गलत जरूर हो सकता है लेकिन उसका आशय विनिंग प्रोसेस है जो कि एक वैज्ञानिक तरीका एवं वैज्ञानिक प्रोटोकॉल है l इस बात को शासन, प्रशासन ,जनता सभी को समझना होगा और मानना होगा l

पूर्व अध्यक्ष डॉ जे एन ने बहुत ही मार्मिक ढंग से इस बात को रखा की  निश्चित् रूप से इस प्रकरण मैं कई जगह पर विरोधाभास है। क्या व्यक्तियों के समूह को उनके हास्पिटल के बाहर एकत्रित हुए वो pandemic एक्ट मैं नहीं आएँगे। ऐसी कार्यवाही से हमारी साख पर तो बट्टा लगाई है, हम स्वयं भी मानवता की सेवा से दूर होते जा रहे हैं । उन्होंने कहा कि ऐसे माहौल में कार्य करना असंभव होगा। डा रवि पचौरी ने बिना जॉंच कार्यवाही की भर्त्सना की, डा शरद गुप्ता ने कहा कि समाज में हमें अपनी छवि को बनाए रखने के लिए सकारात्मक प्रयास करने होगे। डा धाकरे ने आईएमए को चेताया कि प्रशासन की चालों को समझना होगा वे अपने को बचाने में आपको बलि का बकरा बनाएँगे। डा० अनंग उपांध्याय ने कहा कि मामला अब अदालत में चला गया है अत: हमें अपना पक्ष मजबूती से रखने के लिए पहल करनी होगी । वरिष्ठ सदस्य डॉ मानवेंद्र शर्मा ने भी यह बात रखी की जांच बड़ी होनी चाहिए एवं सीबीआई के द्वारा इस केस की जांच की जाए जिससे दूध का दूध और पानी का पानी होl 

पूर्व अध्यक्ष डॉ संदीप अग्रवाल ने कहा कि उस वक्त अप्रैल के महीने में ऑक्सीजन की भारी कमी थी जिसकी वजह से चिकित्सकों को सिलेंडर लेने में बहुत तकलीफ हो रही थी और यह नहीं कहा जा सकता कि उस वक्त ऑक्सीजन की सप्लाई सभी अस्पतालों में सुचारू थीl कम ऑक्सीजन की वजह से यह सभी अस्पताल एक प्रकार की संसाधन को बचाने की विशेष प्रयास करते हैंl लेकिन कहीं पर भी यह प्रूफ नहीं होता कि वहां पर 20-21 मौतें हुई इस प्रक्रिया की वजह से इसलिए यह पर यह कार्यवाही गलत हुई है l

वरिष्ठ न्यूरो सर्जन डॉ आर सी मिश्रा ने भी यह कहा कि किसी भी चिकित्सक को बलि का बकरा नहीं बनाया जाना चाहिए साफ है कि उस दौरान ऑक्सीजन की भारी कमी से शहर जूझ रहा था और यह जो प्रक्रिया हुई है वह भी हर अस्पताल में एक रूटीन एक्टिविटी के रूप में करी जाती है इसलिए आनन-फानन में प्रशासन द्वारा ऐसी कार्यवाही न्यययोछित नहीं। निर्वाचित अध्यक्ष डॉक्टर ओपी यादव ने बताया कि मामले की  जांच बहुत गहराई से होनी चाहिए ।कोई भी सभ्य समाज समाज ऐसा बर्दाश्त नहीं करेगा एवं इस समय सही को सही और गलत को गलत कहना होगाl जनमानस व जनस्वास्थ्य प्राथमिकता है लेकिन इस बात से भी मुंह नहीं मोड़ा जा सकता कि उस दौरान ऑक्सीजन की विशेष कमी थी एवं प्रशासन  इसके लिए जिम्मेदार हैं और यह भी एक जांच का विषय है। पूर्व सचिव डॉ संजय चतुर्वेदी ने बताया और उन्होंने बहुत ही डिटेल तरीके से उस दौरान हुई ऑक्सीजन की कमी को कैसे प्रशासन एवं चिकित्सकों की साथ मिलकर दूर किया इस बात की जानकारी दी उन्होंने यह भी रखाl

महिला चिकित्सक डॉक्टर सीमा सिंह ने बिना किसी कार्यवाही के बिना किसी जांच के ऐसी कार्यवाही को गलत बताया एवं एक उच्च स्तरीय जांच की मांग की। उन्होंने कहा कि सभी चिकित्सक एक हैं एवं किसी भी एक चिकित्सक के ऊपर हुआ इस तरह की कार्यवाही संपूर्ण आईएमए के ऊपर हैl डॉक्टर ललित गुप्ता ने इस बात को रखा कि मीडिया उन 22 लोगों के लिए जो उस दिन उनके यहां खत्म हुए जैसा कि यह भ्रामक प्रचार मीडिया ने किया हैl

डॉक्टर पवन गुप्ता ने इस बात को रखा की संपूर्ण आई एम ए प्रत्येक चिकित्सक के साथ खड़ी हुई है और अगर कुछ भी चिकित्सकों के साथ गलत होता है तो उसको सही करवाने में आई एम ए  सक्षम है lहुम्को साथ मिलकर कार्य करना होगा एवं किसी भी गलत चीज को स्वीकार नहीं करना होगा । युवा चिकित्सक डॉ रजनीश मिश्रा ने कुछ प्रश्न पूछे जिसमें यह बात कही कि उन दिनों शहर मैं भारी कमी थी,यही बात डॉ जैन ने कहीं है। डॉ मुकेश भारद्वाज ने भी इस बात को रखा कि कार्यवाही गलत हुई है एवं बिना किसी जांच के होना डॉक्टरों पर दबाव बनाने जैसा है।

डॉ राजेश गुप्ता ने इस बात को रखा कि मीडिया को यह समझना होगा कि आखिर क्यों एक डॉक्टर जिसके अस्पताल में मरीज भर्ती हैं वह उनके मारने की कोशिश करेगा उसको उस से क्या मिलेगा ऑक्सीजन की कमी पूरे देश में थी दिल्ली में बत्रा और गंगाराम जैसे अस्पतालों तक में मरीज नहीं भेजे क्या उनके ऊपर कोई कार्यवाही हुई l

वरिष्ठ स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉक्टर नरेंद्र मल्होत्रा ने बताया कि 25 26 27 अप्रैल को एक काला दिवस था ऑक्सीजन की भारी कमी थी वह स्वयं रात के चक्कर में सिलेंडर लेने जाते रहे यह नहीं कहा जा सकता कि उस दौरान ऑक्सीजन की कमी नहीं थी l बैठक में डॉ आनंद उपाध्याय डॉ सचिन मल्होत्रा ने भी अपने विचार रखे l बैठक में डॉ वीरेंद्र खंडेलवाल, डॉक्टर संजय अग्रवाल ,जयदीप मल्होत्रा, डॉ आर के गुप्ता, शम्मी कालरा, डॉ संजय धवन, डॉ वणज माथुर ,अरुण जैन मौजूद रहे । मिटिंग में.लगभग 80 से 90 चिकित्सकों ने भाग लिया एवं मीटिंग के बाद 2 मिनट का मौन उन सभी लोगों के लिए रखा गया जो लोग इस कोरोनावायरस में इस पृथ्वीलोक को त्याग चुके हैंl

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