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सरकार जुटा रही विभागों में पदस्थ आउटसोर्स कर्मचारियों की रिपोर्ट, वित्त ने लिखी चिट्ठी

सरकार जुटा रही विभागों में पदस्थ आउटसोर्स कर्मचारियों की रिपोर्ट, वित्त ने लिखी चिट्ठी

भोपाल : नए पदों पर भर्ती में देरी और लगातार हो रहे रिटायरमेंट के बाद अब राज्य सरकार प्रदेश के विभिन्न विभागों में पदस्थ आउटसोर्स कर्मचारियों की जानकारी जुटा रही है। विभाग प्रमुखों से पूछा गया है कि उनके यहां काम करने वाले आउटसोर्स कर्मचारियों के वेतन और उन्हें नियुक्त करने वाली एजेंसियों की क्या स्थिति है? ऐसी एजेंसियों की जानकारी के बाद आउटसोर्स का ठेका लेने वाले राजनेताओं, ठेकेदारों और अन्य व्यवसायियों के बारे में भी खुलासा हो सकेगा। वित्त विभाग ने सभी विभागों को इस संबंध में पत्र लिखे हैं।

राज्य सरकार ने विभागों को लिखे पत्र में कहा है कि विभाग में रिक्त अधिकारी और कर्मचारी के पदों की पूर्ति के लिए क्या योजना बनाई गई है? साथ ही आउटसोर्स कर्मचारियों के रखने को लेकर क्या व्यवस्था है? कितने आउटसोर्स कर्मचारी किस विभाग में कब से किस वेतनमान पर पदस्थ हैं? साथ ही इन्हें नियुक्ति के लिए किस एजेंसी ने अधिकृत किया है? ऐसे कर्मचारियों की वेतन विसंगति और पूरा वेतन नहीं दिए जाने के मामले में जिम्मेदारों पर की गई कार्यवाही के बारे में भी जानकारी देने को कहा गया है। आउटसोर्स कर्मचारियों की नियुक्ति को लेकर पिछले कई महीनों से चल रहे विवाद के बीच सरकार द्वारा मांगी जा रही जानकारी को इसलिए भी महत्वपूर्ण माना जा रहा है क्योंकि कई विभागों में अफसरों की मिलीभगत से नेताओं, ठेकेदारों ने एजेंसी बनाकर ये काम लिए हैं और काम करने वाले कर्मचारियों को पूरा वेतन नहीं दिया जा रहा है।

अपराधिक प्रवृत्ति के युवाओं की भी आशंका

इस मामले में यह बात भी सामने आ रही है कि आउटसोर्स का काम करने वाले कुछ विभागों में अपराधिक प्रवृत्ति और बगैर पुलिस वेरीफिकेशन वाले युवाओं को भर्ती किया गया है। ऐसे में सरकार की गोपनीय जानकारियां सामने आने और उनका अपनी जरूरत के हिसाब से इस्तेमाल किए जाने की शिकायतें हैं। इस जानकारी के बाद ऐसे कर्मचारियों और एजेंसिंयों पर कार्यवाही की गाज गिर सकती है। 

सवा लाख से अधिक कर्मचारी आउटसोर्स 

प्रदेश के विभिन्न विभागों में राजधानी, संभागीय और जिला मुख्यालयों के साथ ग्रामीण इलाकों में सवा लाख से अधिक कर्मचारी आउटसोर्स के रूप में काम कर रहे हैं। अकेले 35 हजार आउटसोर्स कर्मचारी तो तीनों ही बिजली कम्पनियों में काम कर रहे हैं। इसके अलावा अन्य विभागों में ी ऐसे कर्मचारियों की संख्या नियमित कर्मचारियों व अधिकारियों के रिटायरमेंट के चलते लगातार बढ़ रही है।

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